BANK UPDATE: HDFC Private Limited And HDFC Bank Merging
BANK UPDATE: HDFC Private Limited And HDFC Bank Merging
अभी फाइनेंशियल सेक्टर में खासकर के बैंकिंग फिनांस में जोरो शोरों से चर्चा का विषय बना हुआ की एचडीएफसी बैंक का विलय होने जा रहा है। जी हां, क्योंकि ये भारत में सबसे बड़े प्राइवेट बैंको में से एक है और इसीलिए जाहिर सी बात है। इसके विलय की खबरों के बाद ये चर्चा का विषय तो बनना ही है। ऐसे में सवाल ये कि आखिर एचडीएफसी बैंक का मर्जर क्यों हो रहा क्या योजना इसका आगे ग्राहकों पर क्या असर पड़ेगा? मर्जर क्यों किया जा रहा और किसने किया जाना तो बड़ी ही इंटरेस्टिंग बात तो ये है कि एचडीएफसी बैंक का मर्जर यानि कि एचडीएफसी बैंक का विलय एचडीएफसी में ही हो रहा है।
जी हां, आपको बात थोड़ी कन्फ्यूजिंग लग रही होगी, लेकिन जानकारी के लिए बता दूं। एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक दोनों अलग अलग कंपनी है। दोनों अलग अलग चीजें हैं और ऐसे में एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी इतने दिन अलग अलग थे। अब दोनों का मार्च होने जा रहा है। अब दोनों एक ही होगी समझ रहना वरना वांट टू टेलिंग यू जस्ट राईट अंडरस्टैंड डेढ अजीब से ऐजेन्सी में बहुत डिफरेंट एचडीएफसी एक बैंक है जो अलग चीजें है और एचडीएफसी लिमिटेड ने कंपनी जो अलग चीज़ है। एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी लिमिटेड दोनों ने सोमवार को विलय की घोषणा की, जिसे भारतीय वित्तीय क्षेत्र में सबसे बड़े सौदों में से एक के लिए मंच तैयार हो गया और ये खबर जैसे ही आई तो इसके बाद एचडीएफसी बैंक के शेयर में भी तेजी से उछाल देखा गया। आइए कुछ बेसिक ऐसे कीजिए देखते हैं कि आखिर इस मर्जर से इंडस्ट्री पर क्या प्रभाव पड़ेगा और आम आदमी बैंक के कस्टमर्स बैंक ग्राहकों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
एक तरफ तो इस मर्जर के एलान के बाद एचडीएफसी तीन जो कि वो देश की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी बन जाएगी। रतन टाटा की भी सबसे बड़ी कंपनी को इससे नुकसान होगा। टीसीएस को झटका देगी और टीसीएस के बजाय ये दूसरी सबसे बड़ी कंपनी बन जाएगी। इसके अलावा एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी के मर्जर के बाद ये आईडीएफसी बैंक से दोगुनी एसेट्स वाला बैंक बन जाएगा और फिर भारत में इससे बड़ा बैंक कोई नहीं हो सकता। प्राइवेट फील्ड में तो खासतौर में क्योंकि इसकी एसेट्स बहुत ज्यादा बढ़ गई। अच्छा लोकल लेवल पर बात करें।
ग्राहकों पर क्या असर पड़ेगा तो इसके कुछ और स्टेप्स देखी। आप एचडीएफसी बैंक के विलय की योजना क्या है? एचडीएफसी बैंक की स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग के अनुसार ट्रांसपोर्ट नेशनल मर्जर से एचडीएफसी बैंक में एचडीएफसी लिमिटेड 41% हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी। दीपक पारेख का कहना है कि इसे 15 से 18 महीनों में आवश्यक नियामक मंजूरी मिलने की उम्मीद है। शेयर एक्सचेंज रेश्यो क्या होगा तो एचडीएफसी बैंक को राजीव जी के बीच फोर्टी टू अनुपात ट्वंटी फाइव का शेयर एक्सचेंज रेशियो आसान शब्दों में कहें तो उस दिन तो आईडीएफसी लिमिटेड के प्रत्येक 25 इक्विटी शेयरों के लिए एचडीएफसी बैंक के 42 इक्विटी शेयर होंगे।
मर्जर के लिए आरबीआई सहित नियामकों के अप्रूवल्स की जरूरत है। फिलहाल तो प्लान बनाया गया है और जैसे ही बड़े फिनांस कंट्रोलर हमारे देश में वाइस को मंजूरी दे देते हैं तो फाइनली प्रोसीजर आगे इटाढी जाएगा। अच्छा स्वामित्व में क्या बदला होगा तो इस सौदे के बाद एचडीएफसी बैंक में सार्वजनिक हिस्सेदारी हंड्रेड परसेंट होगी, जबकि एचडीएफसी लिमिटेड के मौजूदा शेयरधारक के पास बैंक की लगभग 40% हिस्सेदारी होगी। विलय क्यों किया जा रहा है तो एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक मर्जर के साथ खुद को मजबूत बनाने की कोशिश है। इनकी फिनांस वैल्यू और भी ज्यादा स्ट्रॉन्ग बन जाएगी। प्रस्तावित विलय का परिणाम एचडीएफसी बैंक के असुरक्षित ऋणों के जोखिम के अनुपात को कम करने और पूंजी आधार को मजबूत करने के रूप में हो सकता है, जो बैंक से लोन वगैरह ले चुके हैं और लोन समय पर नहीं चुका रहे तो ऐसे जोखिम भी कम होंगे जिनसे कि बैंक की नींव गड़बड़ा जाए। विलय से दोनों कंपनी को फायदा होगा।
इससे बड़े ग्राहक आधार पर उत्पादों को क्रॉस सेल करने की क्षमता में सुधार होगा। इस कदम से इन्हें शहरी अर्ध शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में अपने डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क का लाभ उठाने में भी मदद मिलेगी। वहीं विलय से निवेशकों में उत्साह देखने को मिला। आईजीएमसी और आईजीएमसी में के विलय की घोषणा के बाद जो इनवेस्टर चाहे शेयर मार्केट वगैरह में निवेश का उनमें उत्साह दिखा, क्योंकि इसके शेयरों में भी 12% से ज्यादा का उछाल आया। कल ये खबर सामने आने के बाद से तो आईजीएमसी एनर्जी अपने बैंक के मर्जर को लेकर ये जोड़ी सीन एबीसी न्यूज अपने आपको जरूर जानने मिलेगा।

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