Gyanvapi Masjid: शिवलिंग की जगह सील करने के आदेश पर बोले ओवैसी- यह बाबरी के चैप्टर का दोहराव, मस्जिद थी और रहेगी

 Gyanvapi Masjid: शिवलिंग की जगह सील करने के आदेश पर बोले ओवैसी- यह बाबरी के चैप्टर का दोहराव, मस्जिद थी और रहेगी





 दोस्तो हाल में कुछ दिनों से ये काफी चर्चा का विषय बना हुआ है कि उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद में जब सर्वे करवाया जा रहा था। इस दरमियान वहां पर शिवलिंग मिला। आप ने भी इस मामले के बारे में सुना होगा और मीडिया में ऐसी भी खबरें आने की ज्ञानवापी मस्जिद के तहखानों में सिर्फ शिवलिंग ही नहीं बल्कि कलर्स, स्वास्तिक और मंदिरों के खंबे भी मिले। चार कमरों का सर्वे पूरा हो चुका है और इसमें कई ऐसे चिन्ह और सामान मिले हैं जो हिन्दू धर्म के प्रतीक से मिले और इस घटना के बाद मुद्दा ये बन गया कि वहां पर मस्जिद है या फिर हिन्दू धर्म का मंदिर है। इस बात को लेकर देश में काफी कंट्रोवर्सी भी होगी।


 इसी मसले पर आज हमारे देश की सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीम कोर्ट की तरफ से एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया गया है। वह क्या फैसला मैं आपको बताऊंगा। लेकिन फिलहाल देखिए इस मुद्दे पर कुछ और बातें जो ने जो आपको जाननी चाहिए। ज्ञानवापी में शिवलिंग पर हिन्दू पक्ष में वकील विष्णु जैन ने एक बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, दोस्तों के मीडिया में कुछ लोग उसी लाइन को कुंवारा बता रहे हैं। मतलब वो फुव्वारा है एक बड़ा शिवलिंग नहीं है। दो। वकील विष्णु जैन का कहना कि शिवलिंग और फव्वारे के बीच अंतर हमें अच्छी तरह से पता है। हिन्दू पक्ष और मेरा यही स्टैण्ड है कि वो एक शिवलिंग है और शिवलिंग मिलने के बाद अब वहां वजू करने का कोई औचित्य नहीं है। मतलब हिन्दू पक्ष की ये मांग की जा रही कि उस मंदिर में अब नमाज गाय वजू नहीं की जाए। ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर हिन्दू पक्ष ने शिवलिंग होने का दावा किया  है।


 वैसे के शिवलिंग की जगह को सील करने के आदेश पर बोले औवेसी कि ये बाबरी के चैप्टर का दोहराव है। मस्जिद थी और बची रहेगी। औवेसी जहां एक तरफ मुस्लिम संगठनों को सपोर्ट करते हुए मुस्लिमों के पक्ष में बयान दे रहे हैं। वहीं हिन्दू धर्म के कई ग्रूप और हिन्दू पक्षों का भी ये मानना है कि मस्जिद में से लिंग पाया गया। ऐसा तो ज्ञानवापी में शिवलिंग वाली जगह को सील करने के आदेश जारी कर दिए। तुरंत प्रभाव से वहां पर सीआरपीएफ के जवानों को भी तैनात कर दिया और तुरंत कोर्ट ने कहा कि सबूतों से कोई छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए। उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के तीसरे दिन अंडर सीलिंग का दावा हिन्दू पक्ष से किया गया और इसके बाद वाराणसी कोर्ट ने शिवलिंग मिलने की जगह को सील करने का आदेश जारी किया। आदेश की कॉपी आप स्क्रीन पर देख सकते हैं। वाराणसी। कोर्ट के मुताबिक न तो हिन्दू पत्नी ये दावा किया कि 16 मई को मंदिर परिसर में शिवलिंग पाया गया। पति ने कहा कि ये बहुत ही महत्वपूर्ण साक्ष्य है और इसीलिए सीआरपीएफ कमांडेंट को आदेशित किया जाए कि वहां मुसलमानों का प्रवेश वर्जित कर दें।


 मात्र 20 मुसलमानों को ज्ञानवापी मस्जिद में नमाज अदा करने की इजाजत दी जाए और उन्हें वजू करने से भी तत्काल प्रभाव से रोक दिया जाए। यह हिन्दू पक्ष की तरफ से कोर्ट में अपील की गई तो कोर्ट ने ये आदेश दिया कि सबूतों से कोई छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए और जहां से भी मिला है। उस परिसर पर अब सीआरपीएफ के जवान कमाण्डोज तैनात रहेंगे ताकि कोई भी व्यक्ति किसी भी तरह के सबूतों से छेड़खानी ना कर सके। जब तक  कि ये मामला पूरा क्लियर ना हो जाए, लेकिन ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने का उत्साह हिन्दू धर्म के लोगों में देखा गया। काशी ने मां गंगा की विशेष आरती भी हुई। उस दिन तो ये तरह ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने का माहौल और वहां का अपडेट भी किया चला। लेकिन अभी भी कुछ देर पहले हमारे देश के सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया देख सकते हैं। बड़ी कब्र की ज्ञानवापी पर सुप्रीम कोर्ट का निर्देश अगर शिवलिंग मिला है तो आने संतुलन बनाना होगा। अभी जगह को सुरक्षित करें। नमाजियों को न रोकें।


 ज्ञानवापी मस्जिद पर सुप्रीम कोर्ट का उतराया वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे कराने के वाराणसी कोर्ट के आदेश के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा निर्देश जारी किया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि परिसर में जिस जगह शिवलिंग मिला है उस जगह को सुरक्षित रखा जाय। लेकिन अदालत ने साथ में ये भी कहा कि लोगों को नमाज अदा करने से नहीं रोका जाए। मुस्लिम पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे हुमेरा अहमदी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि ये याचिका पूजा अर्चना के लिए न्याय के मालिकाना हक के लिए। इस पर अहमदी ने कहा था कि ऐसे में वहां के हालात ही बदल जाएंगे तो सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस चंद्रचूढ़ ने ये निर्देश दिया कि अगर शिवलिंग मिला तो अपना संतुलन बनाकर रखना होगा। हम डीएम को निर्देश देते हैं कि वह उस स्थान की सुरक्षा करें और मुस्लिमों को नमाज अदा करने से रोका जाए। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि सर्वे का स्टेटस क्या है। इस पर मुस्लिम पक्ष ने कहा कि आप परिसर को सील कैसे कर सकते हैं। गैर कानूनी निर्देशों की झड़ी लगी हुई है  । 


अगर आप परिसर को सील कर देंगे तो यथास्थिति बरकरार रखने के निर्देश का उल्लंघन होगा। तो ये कुछ दलीले दी गई। दोनों ही पक्षों के द्वारा और सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल प्रभाव से रोक लगाने पर इनकार कर दिया। ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे पर भी कोर्ट ने कहा कि मामले से जुड़े सारे दस्तावेज देखने के बाद ही कोर्ट कोई फैसला ले सकती है। ज्ञानवापी मस्जिद की हिस्ट्री क्या रही है। साल 1809 से लेकर अभी 1904, 1993, 1998 दो हज़ार नौ दो हज़ार 2022 की कुछ घटनाएं भी आप देख सकते हैं। जब ज्ञानवापी मस्जिद बार बार चर्चा में रही। हर दो महीने में ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश आपको जरूर जानने मिला होगा।

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