How Much Earning IPL 2022 IPL BCCI Cricket Match Earning Strategy In Hindi
How Much Earning IPL 2022 IPL BCCI Cricket Match Earning Strategy In Hindi
How Much Earning IPL 2022 IPL BCCI Cricket Match Earning Strategy In Hindi
आईपीएल की कमाई कहां ज्यादा है इतना पैसा कैसे करोड़ों रुपया क्रिकेटर्स को महज हायर करने के लिए दे दिए जाते हैं।
किस तरह से ये पूरा इवेंट आर्गनाइज किया जाता है। तो सबसे पहले जान लीजिए स्टार की शुरुआत कहां से हुई। दो हज़ार 7 में भारतीय क्रिकेट टीम ने पाकिस्तान के छक्के छुड़ा और टी ट्वेंटी वर्ल्ड कप जीत लिया। विजय के तुरंत बाद बीसीसीआई ने फ्रेंचायजी बेस्ड ट्वेंटी ट्वेंटी टूर्नामेंट का ऐलान कर दिया। इसके बाद आईपीएल की शुरुआत हुई, लेकिन आज भी रिकॉग्नाइज करने के लिए करोड़ों रुपए की ज़रूरत होती है।
इसके लिए बीसीसीआई ने आईपीएल की शुरुआत में आठ टीमें बनाई और एक कमेटी आर्गेनाइज्ड।
इसमें यह तय किया गया कि बड़ी बड़ी कंपनियां टीमों को हाइरिंग जिसके लिए टेंडर भरा जाएगा। लेकिन कंपनी का चुनाव करते वक्त कंपनियों के वैल्यूएशन का ध्यान रखा जाता है। इस बात का ध्यान रखा जाता है कि कहीं कंपनियां कभी दिवालिया घोषित नहीं हुई। शुरुआत में तो कम वैल्यूएशन वाली कंपनियों को ही मौका मिला, लेकिन आज आखिरी में बोली लगाने के लिए कंपनी की वैल्यूएशन अब तक 3000 करोड़ किया तब तक उसे टेंडर का काम भी देखने को नहीं मिलता। टेंडर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद कुछ कंपनियों को सेलेक्ट के अलावा और फिर बोली शुरू होती है। कंपनियां अलग अलग शहरों के लिए बोली लगाती हैं, जहां पर वो अपनी टीम को खिलाना चाहती हैं।
हम इस बात को समझे कि इतना पैसा बीसीसीआई के पास आता कहां से।
पहली बार जब आईपीएल के लिए बोली लगाई गई तब उस वक्त किसी भी टीम को खरीदने का बेस प्राइस 3000 करोड़ था, लेकिन बोली पाँच हज़ार 466 करोड़ तक पहुंच सकी। टीमें बिक गई और सारा का सारा पैसा बीसीसीआई के पास चला जाता तो क्या दिया कोऑर्डिनेटर बीसीसीआई सेना ने ऐसी खबरें भी सुनी होंगी जो कुछ टीमों को बीसीसीआई डोमिनेट भी करती है। ऐसा तब होता है जब उस टीम को खरीदने वाली कंपनी पैसे नहीं भर पाती या किसी तरह के लीगल इश्यूज में फंस जाती है। तब बीसीसीआई उस टीम को टर्मिनेट कर देती है।
मैं पड़ोसी तरीके से जिस तरीके से दो हज़ार 13 में पुणे वॉरियर्स को और दो हज़ार 15 में चेन्नई सुपर किंग्स को टर्मिनेट किया था।
प्यार भी सोचते होंगे कि आज के समय आईपीएल की टीमें कितने में बिकती तो सही। अभी हाल ही में होने वाले आईपीएल की टीम लखनऊ सुपरजाइंट्स को गोयनका ग्रुप ने 7000 करोड़ रुपये में खरीदा था। वहीं गुजरात टाइटंस को सीबीईसी कैपिटल पार्टनर्स ने पाँच हज़ार 200 करोड़ रुपये में खरीदा। बस इन्हीं फ्रेंचाइजी की वजह से बीसीसीआई को बेशुमार दौलत मिलती है। टेनिस टूर्नमेंट में खेलने वाले खिलाड़ी पैसा कैसे कमाते हैं। पुराने हर खिलाड़ी की भी बोली लगती है, लेकिन क्या सबसे पहले अपना बेस प्राइस रखा था कि वह किसी कम कीमत में नहीं चलेगा। बेस प्राइस से ही बोली शुरू होती है। टीम हरी में विवाद खिलाड़ियों के ऑक्शन के लिए एक ही रेट रखा जाता है, जिसमें हर कंपनी को 90 करोड़ का बजट दिया जाता है।
इन पैसों से कंपनी अपनी टीम के लिए 25 खिलाड़ी खरीद सकती है। इसमें कुछ इंटरनैशनल खिलाड़ी कुछ के डीन और कुछ लोकल क्रिकेटर्स भी होते हैं।
अगर कोई खिलाड़ी चाहे तो ऑक्शन से पहले अपना नाम वापस ले सकता है, लेकिन अगर ऑक्शन के बाद वैसा करता है तो उसे बीसीसीआई को भारी भरकम फाइन चुकाना पड़ता है। वहीं इस वर्ष के होने वाले आईपीएल के सबसे महंगे खिलाड़ी की बात करें तो वो है। इशान किशन जिसे मुम्बई इंडियंस ने ₹15.25 करोड़ में खरीदा। अब बीसीसीआई ने भी पैसे कमाने और खिलाड़ियों की बोली के बाद वही बचे हंसी और कम चुकी खिलाड़ियों को लेकिन आईपीएल की टीम पैसा कैसे कमाती है। ये समझने में 62000 में आईपीएल टीम चार तरीके से पैसे कमाती दी। एक तो होती है उसकी टिकट बेच का दूसरा एडवरटाइजमेंट तीसरा उसके मीडिया राइट्स पहुंचा था। स्पॉन्सरशिप। आईपीएल की टीम को सबसे ज्यादा पैसा मीडिया राइट्स से मिलता है।
संयोग आज से दो हज़ार 17 की बात करें तो इस दौरान होने वाले आईपीएल का पूरा मीडिया राइट्स सोनी इंटरटेनमेंट के पास था।
लिए सोनी इंटरटेनमेंट ने आठ हज़ार 200 करोड़ रुपये चुकाए थे। इसी तरह दो हज़ार 18 में स्टार स्पोर्ट्स ने आईपीएल की मीडिया राइट्स को पाने के लिए 16 हज़ार 300 ₹47 करोड़ चुका है। इसके अलावा ज्यादातर लोग आईपीएल को ऑनलाइन भी देखना पसंद करते हैं। इसी वजह से इसके ओटीटी मीडिया राइट्स या चीज की कीमत बचाते हैं। क्या आपने कभी टीवी पर आईपीएल देखा होगा तो आपने देखा होगा कि आईपीएल से पहले किसी न किसी कंपनी का नाम लिखा होता। आप बताएं गैस का भी ऑक्शन होता था और अभी तक इस बोली में भी वो सबसे आगे रहा है जिसने 2100 करोड़ रुपये देकर इस टाइटल स्पांसरशिप को खरीद लिया। अब सवाल ये उठता है या फिर सोनी ने टेन और स्टार स्पोर्ट्स जैसे चैनल पैसे कैसे कमाते हैं। ये चैनल ज्यादातर पैसा पे ऐड से कमाते हैं ।
आईपीएल के दौरान सिर्फ 10 सेकंड के आज के लिए स्टार इंडिया साढ़े ₹12 लाख खर्च करता है।
इन सारी चीजों के अलावा और भी ऐसे कई स्पॉन्सर होते हैं जिनसे अचानक 100 सीनियर करोड़ रुपए आसानी से कमा लेते हैं। हर बात याद है टिकट बेचने आए बियर की जब शुरुआत हुई तब उतने टिकट नहीं। पिता करते थे, लेकिन कहा कि समय खराब हुआ बेनेडिक्ट मिल गए बहुत बड़ी बात है। पीके की जितनी भी कमाई होती उसमें से 80% पैसा होम टीम को दे दिया जाता था और बाकी 20% बाकी टीमों और बीसीसीआई रखनी थी। बात करें प्रमोशन की तो बड़ी बड़ी कंपनियां भी अपने पान जितना पैसा भागने लगेगी। डिपेंड करता है कि टीम की वैल्यूएशन क्या है मांझी चलिए अब टीम सबसे ज्यादा माचो जीत रही है। उसे आराम से 50 60 और ऊपर प्रमोशन से मिल जाएंगे। लेकिन कम मां जीतने वाली टीम को से 15 से 20 करोड़ की ही कमाई होती है।
परिणाम बना रहता दो स्पॉन्सरशिप ब्रॉडकास्टिंग राइट्स इन सभी से जितनी कमाई होती है इस कमाई का कुछ हिस्सा बीसीसीआई के पास भी होता है।
बीसीसीआई इस पैसे में से 50% हिस्सा खुद रखती है और बाकी 50% फ्रेंचाइजी को बांट देती है। पिछले पांच वर्षों की बात करें। वे पांच वर्षों में टाइटल स्पॉन्सरशिप ब्रॉडकास्टिंग राइट्स से 19,500 करोड़ रुपये की कमाई हुई, जिसमें बीसीसीआई को 9700 ₹50 करोड़ मिले और इसके बाद हरेक फ्रेंचाइजी को 1200 ₹20 करोड़ दिए गए। इसके अलावा जो भी टीम जीतती है उसे मिलने वाली प्राइज मनी को उस टीम के सभी खिलाड़ियों में बांट दिया जाता था और यह बीसीसीआई और आईपीएल के खिलाड़ी के तरीके से पैसा कमाते हैं। लेकिन ये सारा का सारा पैसा आपकी क्रिकेट की दीवानगी की वजह से ही मिलता है।
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