Today, this Eid, Hindu-Muslim fighting was seen in different parts of India



 

Today, this Eid, Hindu-Muslim fighting was seen in different parts of India


 एक दूसरे के धर्म को लेकर आम लोगों के बीच नफरत इतनी ज्यादा बढ़ चुकी है कि अब वो हिंसा और पथराव तक आ चुकी है। आपको बताएगा अभी कुछ दिनों पहले ही हमारे देश में रामनवमी और हनुमान जयंती के मौके पर काफी दंगे फसाद और विवाद देखे गए। हिंदू और मुसलमानों के बीच आज मुस्लिम भाइयों का एक त्योहार है। ईद ईद उल फितर हम सभी जानते हैं और ऐसे में अब एक खबर आयी कि राजस्थान के जोधपुर में ईद पर कई जगहों पर बवाल हुआ। जोधपुर में 12 घंटे में तीन बार ये हिंसा देखी गई। पाँच पुलिसकर्मी भी इसमें घायल हो गए। अनंतनाग में नमाज के बाद पथराव हुआ। खरगोन में भी कर्फ्यू लागू है। मध्यप्रदेश कार्गों जहां पर रामनवमी के दौरान राम जुलूस निकाला जा रहा था, उस दौरान भी काफी हिंसा हुई। वहां पर अभी भी कर्फ्यू लगा रखा है। उत्तरप्रदेश नोएडा में उलटे सरकार ने धारा 144 लागू कर दी है और अब ये समझ में नहीं आता। दोस्तों के इन सब हिंसा और विवाद के पीछे मोदी जारी किया है। 


इन सबके पीछे मेन कारण क्या है लेकिन आइए कोशिश करते हैं। समझने की कि आखिर ये सबके पीछे वजह क्या है। क्यों हुई आज पर हिंसा कौन था इसके पीछे जिम्मेदार। दरअसल बात कुछ यूं है कि राजस्थान के जोधपुर में आज तो मंगलवार कल सोमवार को ही लाउडस्पीकर और झंडों के चलते दो समुदाय के बीच पत्थरबाजी हुई और ये विवाद आज मंगलवार को फिर से तूल पकड़ गया। यहां के जालोरी गेट इलाके में आज सुबह एक समुदाय के लोग दोबारा जुटे और फिर से उपद्रव फैलाने की कोशिश करने लगे। इलाके में पत्थरबाजी और आगजनी की घटनाएं भी हुई। पुलिस ने उपद्रवियों पर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े और भीड़ को खदेड़ा। वहीं उपद्रवियों ने 20 से ज्यादा गाड़ियों के कांच भी तोड़ दिए और कई एटीएम में भी तोड़फोड़ देखी गई। आज हुए पथराव में पुलिसकर्मी घायल हो गए।


 इससे पहले सोमवार रात दोनों पक्षों के बीच दो बार हिंसा हुई थी, जिसमें तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया और इसमें पुलिसकर्मी घायल हो गए। मंगलवार को अनंतनाग में मस्जिद के बाहर पत्थरबाजी हुई ईद की नमाज के बाद प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों पर पत्थर फेंके। वहीं मध्यप्रदेश के खरगोन के दंगों में 22 दिन बाद कर्फ्यू के बीच त्योहार आज मनाए जाने या सुरक्षा के मददेनजर करीब 1300 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। दोस्तो हमारे देश में ईद पर कई जगहों पर हिंसा हुई। इस पर आपका क्या सोच क्या ये राज्य के इंटेलीजेंस सिस्टम की चूक है। क्या प्रशासन ने समय रहते सही कदम नहीं उठाए या दोनों समुदाय के लोगों को शान्ति रखनी होगी। मेरे हिसाब से सबसे इम्पोर्टेन्ट कारण परिजन जो 29 राववाला है कि दोनों समुदाय के लोगों को शान्ति रखनी होगी।


 चाहे आम हिन्दू या मुस्लिम चाहे हमारा कोई सा भी धर्म कोई सा भी मजहब है। अंसारी को एक दूसरे के धर्म के प्रति सबसे पहले तो नफरत को त्यागना होगा। सभी का धर्म अपने अपने लेवल पर चाहे अपने अपने त्योहार सभी उनको मनाने की आजादी है। हिन्दू धर्म वाले भी होली दीपावली, रक्षाबंधन, आराम से बड़ी धूमधाम से मनाए। रामनवमी हो चाहे हनुमान जयंती हो, ऐसे मुस्लिमों को भी ईदुलफितर मुहर्रम जो भी इनके त्योहार हैं वो  बड़ी धूमधाम से मनाने की आजादी होनी चाहिए। लेकिन हमारी समाज के बीच सभी मजहब में सभी धर्मों में कुछ असामाजिक तत्व ऐसे रहते हैं, जिन्हें भीड़ को भड़काने में मजा आता है। पत्नी क्यों किस बात का बीड़ा रहते हैं उनके अंदर।


 भीड़ जहां भी दिख जाये, किसी भी बात को लेकर अगर जुलुस निकलवाया। कोई सामाजिक कार्यक्रम होगा तो उसमें उनको हिंसा फैलाना। भीड़ को भड़काना भगदड़ मचाना इससे उनको मजा आता है। ये रियलिटी है ये वास्तविकता है कुछ असामाजिक तत्व जो बेरोजगार जिनके पास कोई काम धंधा नहीं है जिनका अपनी फैमिली परिवार से कोई मतलब नहीं है जो समाज को एक सामाजिक लेवल पर ही नहीं देखते। वो अपने इंटरटेनमेंट के लिए अपने मनोरंजन के लिए भी कई बार ऐसी हरकतें कर देते आली मैं आपको बताऊंगा। उत्तरप्रदेश अयोध्या में मंदिरों के बार और मस्जिदों के बाहर मांस के टुकड़े फेंकने की घटनाओं में सात आठ लोगों को गिरफ्तार किया ना तो कुछ असामाजिक तत्व होते हुए ऐसे हैं जिन्हें जान बूझकर ऐसा कहने में मजा आता है और आज भी आखिरकार प्रशासन को जिस बात का डर था वही हुआ जिस तरह से हिन्दू धार्मिक त्योहारों के मौके पर रामनवमी और हनुमान जयंती के मौके पर देश में बवाल हुआ था। उसी तरह से आज ईद के मौके पर भी ये कई जगहों पर पथराव और भगदड़ मचने की घटनाएं देखी गयी।


 हिंसा हुई और इसके बाद पुलिस प्रशासन ने लाठी चार्ज किया और अश्रु गैस के गोले करके भीड़ को खदेड़ा। वैसे तो वो मेरी पार्टनर है तो मैंने आपको बता दी। वैसे इन सब पर आपकी क्या राय आप ही मुझे नीचे कमेंट करके बताइएगा और जानकारी के लिए बता रुस्तम राजस्थान में हुई। इस हिंसा के  बाद ही पर जो जोधपुर में हिंसा हुई, उसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घटना की निंदा की और घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। जोधपुर में हिंसा के बाद 4 मई की आधी रात तक के लिए कर्फ्यू भी लागू हो चुका है और इंटरनेट भी बंद कर दिया गया। साम्प्रदायिक हिंसा के बाद जिले में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। 


पुलिस व जिला प्रशासन ने दोनों समुदाय से शांति की अपील की है। ईद को देखते हुए चौराहों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। चप्पे चप्पे पर जवानों की तैनाती है। उसके बावजूद ये हालात होने अभी तो हंगामे और हिंसा के हालात की गंभीरता को देखते हुए जोधपुर प्रशासन की तरफ से पूरे जिले में अगले आदेश तक इंटरनेट सेवा को भी बंद कर दिया गया है। मंगलवार अलसुबह जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने इसका आदेश जारी किया। हिजाब सुबह होने वाली ईद की नमाज को ध्यान में रखते हुए पुलिस का शहर के सभी संवेदनशील इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात भी कर दिया गया। ये कुछ माहौल और हालात चले मेरी आपसे रिक्वेस्ट है।

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