Agnipath Scheme: अग्निपथ योजना के तहत वायु सेना में 24 जून से और थल सेना में दिसंबर से शुरू होगी भर्ती, दो दिन में जारी होगी अधिसूचना

 Agnipath Scheme: अग्निपथ योजना के तहत वायु सेना में 24 जून से और थल सेना में दिसंबर से शुरू होगी भर्ती, दो दिन में जारी होगी अधिसूचना




 दरअसल बात कुछ यूं कि जब से भारत सरकार ने अपनी परियोजना को देश में लॉन्च किया। उसके बाद से देश के कई शहरों में कई जिलों में कई जगहों पर युवा लगातार इसका विरोध कर रहे हैं, लेकिन सवाल ये कि आखिर क्या वाकई में अग्नि परियोजना युवाओं के भविष्य को खराब कर सकती है या फिर कहीं न कहीं समझने में ही गलती हो रही है। आइए देखते हैं और नजर डालते अग्नि योजना से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं बारे। सबसे पहले तो देखिये आप अग्नि परियोजना का विरोध कितना ज्यादा किया जा रहा। 


अग्नि परियोजना पर देश के आठ राज्यों में सबसे ज्यादा बवाल देखा जाना। उत्तरप्रदेश बिहार तेलंगाना में ट्रैन को जला दिया। सिकंदराबाद में 1 की जान भी चली गई। राजस्थान में भी पुलिस पर हमला किया गया और अब इस योजना में वायुसेना में 24 जून से ही भर्ती भी शुरू हो जाएगी। भर्ती प्रक्रिया भी। वायुसेना के एयर चीफ मार्शल की तरफ से इस बात का बड़ा एलान भी कर दिया गया। सेना प्रमुख ने युवाओं से यह अपील भी की है कि दो दिन में इसकी अधिसूचना जारी हो जाएगी और 24 जून से ही अग्नि पाँच योजना के तहत वायुसेना में और दिसंबर से ही थल सेना में भी भर्ती शुरू हो जाएगी। भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी आर चौधरी ने कहा कि ये घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि ऊपरी आयु आयुसीमा भर्ती के लिए बढ़ा दी गई है। संशोधित करके 23 वर्ष कर दिया जैसा कि आपको पता होगा। 
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अग्नि योजना में सरकार ने कुछ नियमों में भी  बड़े बदलाव किए हैं। जब से देश भर में अपनी परियोजना के लॉन्च के बाद युवा इसका विरोध कर रहे हैं तो सरकार ने इस योजना के अंदर कुछ बड़े बदलाव भी किए हैं। उनको भी मैं आपको बताऊंगा देखिए। बिहार राज्य ने भी अग्निपथ का बड़ा विरोध देखा गया। आठ नए फोन डिप्टी सीएम बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के घर भी हमला किया गया। कल बिहार बंद भी रखा गया। आजादी और दोस्ती की अग्नि परियोजना के चलते देश के कई शहरों में धारा 144 लागू हो चुकी है और कई जगहों पर इंटरनेट को भी 24 घंटों के लिए बंद कर दिया गया। बिहार के अधिकतर जिलों में इसका उग्र प्रदर्शन किया जाना किन किन ज़िलों में जिनके निर्देश भी आप देख सकते हैं। 


लेकिन दोस्तो चाहे अपनी बात योजना युवाओं के लिए सही है या नहीं है। यह मैं नहीं कह रहा हूं। ये आपको दृश्य कर सकते हैं क्योंकि आप एक युवा। आपका ये राइट्स आपका अधिकार है और अगर आपको लगता है कि अपनी परियोजना के जरिये सरकार आपके भविष्य से खिलवाड़ कर रही तो जाहिर सी बात आपको विरोध करना चाहिए। आर बाल्की ने यही राइट लेकिन मैं आपसे यही विनती और यही रिक्वेस्ट करना चाहूंगा। दोस्तों के साथ भी पूर्वक विरोध करें। इस तरह से हिंसा न फैलाएं। हमारी देश की सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान न पहुंचाएं। ये हम सब की ही संपत्ति है। ये जो ट्रेनों को तोड़ रहे हैं जो रेलवे में आग लगा रहे। ये रेलवे किसकी संपत्ति है। यार हम सभी भारतीय नागरिक हैं। ये हमारी ही संपत्ति है। ये नुकसान एक लिस्ट हमें बनना पड़ेगा। 



ना तो कोई सरकार ना कोई रेलवे का डिपार्टमेंट अपनी जेब से  खर्च करके कोई नहीं लगाएगा। पब्लिक का ही पैसा लगाया जाएगा। वापस इनसे हमें कोई तोड़ फोड़ को सुधारने के लिए भी इसीलिए थोड़ा सा दिमाग से सोचें और शांत रहें। ठंडे दिमाग से सोच करके विरोध करें आप हड़ताल करें। आपको कि अभी कुछ दिनों पहले तक हमारे देश में काफी से मतलब लगभग एक साल से भी ज्यादा समय तक किसान आन्दोलन चला। किसान रहे लोगों ने शांतिपूर्वक आन्दोलन किया। ये उनकी सबसे अच्छी खास बात रही। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी किसान भाई लोगों से अपील की थी कि आप आन्दोलन की जो कोई दिक्कत है आपका अधिकार आपका राइट्स अगर आप सरकार की किसी बात से सहमत नहीं है या समझौते में कहीं हेरफेर हो रही है तो आप आंदोलन कर सकते हैं, लेकिन शान्तिपूर्वक आन्दोलन कीजिए। प्लीज देश में इस तरह से हिंसा फैलाना तोड़फोड़ करना और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाना।



 एक लीड अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने के जैसे देखिए देश के सात राज्य ऐसे हैं जहां के युवा अपनी परियोजना के लिए तैयार नहीं है। मानने के लिए ये देख सकते आप विरोध की कुछ तस्वीरें भी जबकि बिहार, मध्यप्रदेश, राजस्थान समेत तीन राज्यों से आते हैं। सेना के 50% जवान भी आक्रोश के पांच पॉइंट भी देखिए। आप समझिए कि आखिरी युवा इस अग्नि पदक स्कीम का विरोध क्यों करें। अग्नि पदक स्कीम पर युवाओं के लिए आग क्यों भड़की हुई है। देखिए आप पहला पॉइंट अग्निपथ के एलान के बाद ये पांच बातें जिनसे नौजवान आग बबूला हो यानी कि गुस्से में आए आता कि चार साल की तैयारी के बाद चार साल की नौकरी और फिर बेरोजगारी मतलब युवाओं को लाइफ टाइम नौकरी नहीं मिल रही। इसमें इसीलिए एक  इस अग्नि परियोजना से युवाओं की नाराजगी का प्रमुख कारण यह है। हालांकि सरकार ने गांव के 25% युवाओं को परमानेंट नौकरी मिलेगी, लेकिन अग्नि परियोजना के 75% जवानों को चार साल बाद वापस रिटायरमेंट दे दिया जाएगा।



 इसके अलावा कोरोना के नाम पर देश में भर्ती रैली नहीं हुई है, लेकिन इसी दौरान पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा जैसे राज्यों में बड़ी चुनावी रैलियां भी हुई और चुनाव भी हुए। फिजिकल और मेडिकल के बावजूद कम से कम 10 रैलियों को अधूरा छोड दिया गया। अब उन्हें रद्द कर दिया गया। अग्नि वीरों के बिल्ले, बैज और चिन्ह समेत रंग भी अलग होगा। युवाओं को डर है कि इससे भी दांव बढेगा। जिन 25% अग्नि वीरों को आगे 15 साल के लिए चुना जाएगा, उसका भी कोई साफ और पारदर्शी तरीका नहीं है। मतलब सरकार ने ये मानक भी तय नहीं किया कि किन 25% युवाओं को सरकार आगे से 15 साल तक के लिए पूरी नौकरी देगी। आर्मी में सेना में क्योंकि अगर उनके मानक अभी तय नहीं किए गए हैं।



 मीडिया में सिर्फ ऐसी बातें देखी हमने कि जिन युवाओं की काबिलियत अच्छी होगी, उनको आगे 25% को आगे परमानेंट किया जाएगा तो मतलब काबिलियत को डिसाइड किस आधार पर किया जाएगा। उसकी कोई रूपरेखा उसके मानक उसके कोई सेट तो होनी चाहिए। न बजे से मान लिया कि जो इंटेलिजेंट होंगे उनको आगे फिर परमानेंट करेंगे तो ही यहां पर तो फिर भ्रष्टाचार होने की संभावना भी बढ़ जाएगी। कोई अपने जान पहचान वाले युवाओं को जल्दी भर्ती कर लेगा। चाहे वो इटेलियन है या नहीं है क्योंकि जब कोई भी। आने की तय नहीं है तो फिर  क्या मतलब।  तो ये कुछ प्वाइंट्स ने जिन वजह से अग्नि पथ योजना का देश के युवा विरोध करें। देश के कई राज्यों में कई शहर शहर में रोज हिंसक आक्रोस फैला हुआ। अब ये राजधानी दिल्ली तक भी पहुंच चुका है। 8 से 10 राज्यों में युवा अपनी बात का विरोध करें और इसी बीच मैं आपको बता दूं। अपनी परियोजना में सरकार ने जो एक अहम और बड़ा बदलाव किया। 



इससे देश के लाखों युवाओं के लिए जो अच्छी बात है वही है दोस्तों की अभी अपनी परियोजना में कम से कम उम्र साढे 17 साल और अधिकतम 21 साल तक की उम्र के एज लिमिट वाले युवा भर्ती हो सकते हैं। राईट लेकिन इस लिमिट को सरकार ने बढ़ा दिया। अग्नि परियोजना की लॉन्चिंग के समय तो इसकी उम्र साढे 17 साल से की साथ ही युवाओं की, लेकिन अभी पहले यर के लिए 20 साल तक के युवा भी इसमें अप्लाई कर पाएंगे। मुझे पहले देर में सरकार ने यहां पर दो साल की राहत दी है। दो साल का एक्सट्रा क्राइटेरिया मिल जाएगा। युवाओं को अब साढे 17 साल से लेकर 23 साल तक के युवा जो इस बार मतलब पहली बार अपने पदक स्कीम में इस साल के लिये 23 साल तक के युवा भी भर्ती ले पाएंगे तो ये सरकार ने मतलब एक एज लिमिट में छूट दी है। विरोध के बाद हालांकि ये कोई ज्यादा बड़ा बदलाव नहीं है। 



अग्नि परियोजना में अब देखना ये होगा कि सरकार युवाओं को शांत करने के लिए क्या आश्वासन देती है और अपनी बात योजना में हमें क्या बड़े बदलाव और बड़े चेंजेज भी बदलाव देखने को मिलते हैं क्योंकि भी चेंजेज जरूरी है। अगर युवाओं के गुस्से को शांत   करना और उन्हें सैटिस्फैक्शन दिलाना है। युवाओं को संतुष्ट करना है तो अगली परियोजना में भी चेंजेज जरूरी है। अब देखना ये होगा कि सरकार इसमें क्या कुछ नए बदलाव करती है और युवाओं को किस तरह से हैंडल करती है। युवा भी लोगों से मेरी ये रिक्वेस्ट की देश में विरोध करें। आम हड़ताल करें। प्रदर्शन करें, लेकिन शांति बनाये रखते हुए बिना हिंसा फैलाते हुए बिना कोई तोड़ फोड़ के ना तो मजा है।

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