Discuss the Muslim religion of the Lord Jesus Christ and the huge role of the Qur'an प्रभु यीशु मसीह के मुस्लिम धर्म और कुरान की विशाल भूमिका पर चर्चा करें

 Discuss the Muslim religion of the Lord Jesus Christ and the huge role of the Qur'an प्रभु यीशु मसीह के मुस्लिम धर्म और कुरान की विशाल भूमिका पर चर्चा करें




 नमस्कार मैं हूं आपके साथ नम्रता। क्रिसमस के बारे में सभी को पता है कि ये किस दिन आता है और इस दिन क्या होता है। जी हां, जब क्रिस्मस मनाया जाता है उस दिन जीजस का जन्मदिन होता है और उसी को लेकर पूरे दुनिया में जीजस के अनुयायी जश्न मनाते हैं। दुनिया भर के इसाइयों के लिए यह उत्सव का दिन होता है, लेकिन कई जगहों पर ये एक हफ्ते दो हफ्ते का होता है। हालांकि बहुत कम लोगों को ये जानकारी होगी कि अधिकतर मुसलमान क्रिसमस नहीं मनाते हैं, लेकिन जीसस इस्लाम धर्म में भी काफी अहमियत रखते हैं। 


इस्लाम धर्म के पवित्र ग्रंथ कुरान में जीसस और मैरी का कई बार जिक्र किया गया है। इस्लाम धर्म के पवित्र ग्रंथ कुरान में जीसस मैरी और देवदूत ग्रेबियल का भी जिक्र हुआ है। इस्लाम में जीसस को ईसा को मरियम और गेब्रियल को जिब्राइल कहा जाता है। बाइबल के कुछ और चरित्र आदम मुंडू अब्राहम मोसेस का भी उल्लेख कुरान में है। कुरान में अब्राहम को इब्राहिम मोसेस को मूसा कहा गया है। तो आज हम भी आपको कुछ बड़ी जानकारी दे रहे हैं, जिससे आप चौंक जाएंगे। जीवन का अरबी नाम ईसा है। कुरान में हज़रत ईसा अलैहिस्लाम का जिक्र है, जिन्हें इसाई समुदाय ईसा मसीह कहते हैं और इस्लाम के लोग हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम के नाम से जानते हैं। मुसलमानों का मानना है कि हजरत ईसा अलैहिस्सलाम अल्लाह के पैगंबर थे और कुंआरी मरियम ने उन्हें जन्म दिया था।


 जब कुंआरी मरियम को फरिश्ते जिब्राइल अलैहिस्सलाम ने जीसस मतलब ईसा मसीह के जन्म की बात बताई तो मरियम रोने लगीं और जिब्राइल अलैहिस्सलाम से कहते हैं कि जब मुझे किसी आदमी ने कभी छुआ ही नहीं  तो मैं किसी बच्चे को कैसे जंगल में तब फरिश्ते जिब्राइल अलैहिस्सलाम कहते हैं कि ईश्वर के लिए सब संभव है वो दया और करूणा का संदेश देने धरती पर आएंगे। मैरी को अरबी भाषा में मरियम कहा गया है। कुरान में उन पर एक पूरा चैप्टर है। कुरान में किसी महिला पर अगर एक पूरा चैप्टर है तो वह मरियम ही है। यहां तक कि कुरान में मैरी ही एक ऐसी महिला है जिनका नाम लिया गया है।


 कुरान में अन्य महिलाओं को या तो उनके रिश्तों से परिभाषित किया गया है या फिर किसी उपाधी से जैसे आदम की पत्नी मूसा की मां शेबा की रानी न्यू टेस्टामेंट और बाइबल से ज्यादा कुरान में मैरी का जिक्र किया गया है। इस्लाम में बाक़ी पैगंबरों की तरह ईसा अलैहिस्सलाम भी लोगों के लिए एक संदेश लेकर आते हैं। ईसा अलैहिस्सलाम का संदेश इंजील कहलाता है। कुरान शरीफ में बाकायदा इसका ज़िक्र है। कुरान शरीफ के अनुसार इन्हें अल्लाह की ओर से इंसानियत को दिए गए चार पवित्र ग्रंथों में से एक है जिनमें अन्य तीन है और तौरेत और कुरान। मान्यता के अनुसार ईसा अल इस्लाम को जिने नबी और इस्लाम का पैगंबर माना जाता है। अल्लाह ने इंजील का ज्ञान दिया था। ईसाई धर्म की मान्यताओं के अनुसार जीसस ने कई चमत्कार किए थे और वो सभी के दुख दूर करते थे।


 ईसाई धर्म में जीसस के अंधे को रौशनी देने और मुर्दे में जान फूंकने जैसे चमत्कारों का जिक्र होता है। वहीं कुरान में भी ईसा अलैहिस्सलाम के बेटे के पक्षी में जान डाल देने जैसे चमत्कारों का उल्लेख है। कुरान शरीफ में ईसा अलैहिस्लाम के जन्म की जो कहानी बताई गई है वो भी उनके पहले जादुई कारनामे की ही कहानी  है। जब वो पालने में ही बोलने लगते हैं और खुद को पैगंबर घोषित करते हैं। मुस्लिमों का ये भी मानना है कि कयामत के दिन वो धरती पर लौटेंगे और न्याय को फिर से स्थापित करेंगे। जिस तरह से मुस्लिम अन्य पैगंबरों का नाम सम्मान सूचक शब्दों के साथ लेते हैं। वैसे ही जीजस का नाम भी लेते हैं। जिस तरह से ईसाई जीजस से प्यार करते हैं, ठीक उसी तरह से मुस्लिम भी उनका सम्मान करते हैं। 



मसलन जीसस को ईसा अलैहिस्सलाम बोलते हैं, लेकिन दोनों धर्मों की सोच में इतना ही फर्क है कि इसाई जीजस को ईश्वर का बेटा मानते हैं, जबकि मुस्लिम मानते हैं कि इसा अलैहिस्सलाम अल्लाह के बेटे नहीं हैं बल्कि वो अल्लाह के भेजे हुए दूत थे जो इंसान को सही रास्ता दिखाने आए थे। तो अब आप समझ चुके होंगे कि आखिर इस्लाम में ईसा मसीह के इतने इबादत क्यों है और मुसलमान उनको किस नजरिये से देखता है।

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