Diwali 2023: Diwali Date Diwali Wish New Shayari and Status दीवाली 2023 शुभ मुहूर्त Diwali Kab Hai 2023

 Diwali 2023: Diwali Date Diwali Wish New Shayari and Status दीवाली 2023 शुभ मुहूर्त Diwali Kab Hai 2023


Sunday, 12 November Diwali 2023 in India



 दीवाली दो हज़ार 13 जानें तिथि व समय शुभ मुहूर्त, लक्ष्मी गणेश पूजन, विधि पंचांग के अनुसार दिवाली का पर्व हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस दिन धन की देवी, महालक्ष्मी श्रीगणेश और कुबेर पूजन करने से जीवन में सुख समृद्धि आती है। दिवाली का पर्व सुख, समृद्धि और वैभव का प्रतीक माना जाता है। यह पर्व पूरे पांच दिनों का होता है, जिसकी शुरुआत धनतेरस से होकर इसका समापन भाई दूज पर होता है।


 आज हम आपको साल दो हज़ार 13 में दिवाली का है। लक्ष्मी गणेश पूजा का पूरा महत्व और इसकी संपूर्ण पूजा विधि के बारे में बताएंगे। सबसे पहले बात करते हैं दिवाली शुभ मुहूर्त। दो हज़ार 23 साल दो हज़ार 23 में दिवाली का पर्व 12 नवंबर रविवार को मनाया जाएगा। लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त होगा। 12 नवंबर शाम 06:06 बजे से रात्रि 08:10 बजे तक प्रदोषकाल का समय होगा। शाम 05:54 बजे से रात्रि 08:21 बजे तक वृषभ काल का समय होगा। शाम 06:06 बजे से रात्रि 08:10 बजे तक अमावस्या तिथि प्रारंभ होगी। 12 नवंबर दोपहर 02:44 बजे पर अमावस्या तिथि समाप्त होगी। 13 नवंबर दोपहर 02:56 बजे पर लक्ष्मी गणेश पूजन विधि। दीवाली पर यानी अमावस्या तिथि के दिन संध्या काल में दिवाली पूजन की मान्यता है। 


दिवाली  के दिन सबसे पहले पूजा स्थल को सोचकर शुभ मुहूर्त में चौकी पर महालक्ष्मी भगवान गणेश और कुबेर जी की प्रतिमाएं स्थापित करें। अब वहां पर जल से भरा कलश शक है। इसके बाद घी का दीपक जलाएं तो में जनता पुष्प लेकर सभी देवी देवताओं का आवाहन कर पूजा करें। पूजा में लक्ष्मी गणेश जी व समस्त देवी देवताओं का तिलक कर उन्हें खील, बताशे, पंचमेवा, बोर्ड्स, फल, फूल, मिठाई, कमल का फूल व महालक्ष्मी जी को कौड़ियां अर्पित करें। पूजा में मां लक्ष्मी जी के मंत्रों का जाप करें। श्रीसूक्त का पाठ करें। 


पूजा के बाद नैवेद्य चढ़ाएं और अंत में आरती कर घर के हर द्वार व कोनों में दीये जलाए। दीवाली का महत्व पौराणिक मान्यताओं के अनुसार दीपावली के दिन अयोध्या के राजा प्रभु श्रीराम 14 वर्ष के वनवास के बाद जब लौटकर आते हैं तब अयोध्या के लोग श्रीराम के आने की खुशी में दीये जलाते हैं। यही कारण है कि दीये दिवाली के लिए एक महत्वपूर्ण प्रतीक के रूप में माने जाते हैं। दीपावली का पर्व है आध्यात्मिक दृष्टि से यह अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है।





































 इस दिन किसी भी नए कार्य की शुरुआत और किसी वस्तु की खरीददारी बेहद शुभ मानी जाती है। ज्योतिष अनुसार दीपावली के आसपास सूर्य और चंद्रमा तुला राशि में स्वाति नक्षत्र में होते हैं। कहते हैं कि सूर्य और चंद्रमा की यह स्थिति शुभ फल प्रदान करने वाली होती है। फ्रैंड्स अगर आपको हमारे द्वारा दी गई ये सभी जानकारियां पसंद आई हो तो आप चैनल्स के चैनल को सब्सक्राइब लाइक और शेयर करना ना भूलें।

এই পোস্টটি পরিচিতদের সাথে শেয়ার করুন

পূর্বের পোস্ট দেখুন পরবর্তী পোস্ট দেখুন
এই পোস্টে এখনো কেউ মন্তব্য করে নি
মন্তব্য করতে এখানে ক্লিক করুন

আজকের আইটির নীতিমালা মেনে কমেন্ট করুন। প্রতিটি কমেন্ট রিভিউ করা হয়।

comment url