Nupur Sharma विवाद के बीच India आए Pakistan Supreme Court के पूर्व जज खलीलुर्रहमान ने धर्म पर बोल दी बड़ी बात !

 Nupur Sharma विवाद के बीच India आए Pakistan Supreme Court के पूर्व जज खलीलुर्रहमान ने धर्म पर बोल दी बड़ी बात !




 पैगंबर मोहम्मद के बारे में नूपुर शर्मा ने जो बयान दिया था, उसके खिलाफ 10 जून को किस कदर पूरे भारत में हिंसा देखने को मिली थी। ये बात तो आप भी जानते हैं। जुमे की नमाज के बाद कट्‍टरपंथियों ने जम कर हिंसा और आगजनी की थी तो वही पाकिस्तान ने भी नूपुर शर्मा के बयान के मसले पर भारत के खिलाफ बयानबाजी की थी तो देश में मचे बवाल के बीच पाकिस्तान के पूर्व जज खलीलुर्रहमान ने जो बयान दिया उसे दुनिया के तमाम मुसलमानों को जरूर सुनना चाहिए। पाकिस्तान और हिंदुस्तान के बीच रिश्तों में कितनी तल्खी है। ये बात आप जानते ही इस तल्खी के बीच नूपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद के बारे में जो कहा, उसके खिलाफ पाकिस्तान में एक बार फिर उबाल देखने को मिला। 



यहां तक कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को भी बयान देना पड़ गया कि मैं अपने प्यारे पैगंबर के बारे में भारत के भाजपा नेता की आहत करने वाली टिप्पणियों की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। पाकिस्तान के साथ ही भारत में भी नूपुर शर्मा के बयान के खिलाफ मचे बवाल के बावजूद कुछ ही दिनों पहले पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में जज रह चुके जस्टिस खलीलुर्रहमान रामदे ने भारत की यात्रा की और उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में स्थित श्री हरेराम आश्रम के स्वर्ण जयंती महोत्सव में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में उन्होंने ओटो का वेदों के गीता के हिन्दी संस्करण का विमोचन भी किया और धर्म के नाम पर हिंसा फैलाने वालों को बड़ा संदेश दे गए। पाकिस्तान के पूर्व जज जस्टिस हबीबुर्रहमान इंसानियत का पैगाम देते हुए कहा, सभी धर्म एक हैं। 



कोई धर्म नहीं सिखाता। आपस में बैर रखना धर्म का अर्थ है लोगों को जोड़ना नाकि उन्हें तोड़ना।  हिन्दू धर्म की धार्मिक किताब है, मगर इसका अनुवाद एक मुसलमान ने उर्दू में किया और वो भी शायरी में दिल मोहम्मद कोई आम इन्सान नहीं थे।  और भगवत गीता की जो खास बात ये आप देखिए कि ये हिन्दू धर्म की असल में किताब है। लेकिन इसको एक मुसलमान ने इसका उर्दू में तर्जुमा किया। शाहिद और उर्दू शायरी में तर्जुमा किया। और वो मुसलमान भी ख्वाजा दिल मोहम्मद कोई आम इन्सान आम आदमी नहीं थे। मामूली इंसान नहीं तो वो वहां डीएवी कॉलेज के प्रिंसिपल रजिस्ट्रार रहे। 


बाद में इस्लामिया कॉलेज के प्रिंसिपल वह बहुत मशहूर हुए एक एजुकेशनिस्ट से मान्यता ली तो 80 90 साल पहले उन्होंने इसका उर्दू शायरी में तर्जुमा किया। भगवत गीता का। और उसका नाम उन्होंने रखा दिल की गीता। और इसका मैंने जैसे कहा कि वो दिल की गीता के दो ही मतलब हो सकते हैं। उनके जेहन में एक तो क्योंकि उनका अपना नाम हालत दिल मोहम्मद था, इसलिए उन्होंने कहा कि ये दिल की गीता है लेकिन ये जो उर्दू शायरी में उन्होंने भगवत गीता लिखी वो उनके दिल के दिल से निकलती है, इसलिए भी है दिल की गीता है इसका ना।  पाकिस्तान के पूर्व जज खलीलुर्रहमान की किताब के बारे में आगे कहा, हिन्दी और संस्कृत में लिखी गई भगवद् गीता का एक मुसलमान ने उर्दू में अनुवाद किया। इसको लेकर ब्रिटिश प्रबंधन ने उनको सम्मानित किया।



 इस किताब का अनुवाद करने में उस वक्त ₹1,000 लगे थे। ये राशि उस वक्त बहुत ज्यादा थी, इसलिए हमें एक बात याद रखनी चाहिए कि धर्म सबको एक करता है। धर्म का इस्तेमाल हमें लोगों को एक करने के लिए करना चाहिए ना कि तोड़ने के लिए। नूपुर शर्मा विवाद को लेकर भारत में मचे हंगामे के बीच बार बार पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में जज रह चुके जस्टिस खलीलुर्रहमान ने बिना नाम लिए ही उन कट्‍टरपंथियों को जवाब दे दिया कि इस्लाम धर्म यह नहीं सिखाता कि आप विरोध के नाम पर पत्थरबाजी करें। हिंसा फैला आगजनी करें बल्कि इस्लाम धर्म भी लोगों को जोड़ना सिखाता है। 



तोड़ना नहीं। पाकिस्तान से आए खलीलुर्रहमान ने भारत के मुसलमानों को इशारों ही इशारों में धर्म का जो रास्ता दिखाया है उस रास्ते पर कितने कट्टरपंथी मुसलमान चलते हैं। ये तो फिलहाल देखने वाली बात होगी, लेकिन एक बात और आपको बता दें। इस शुक्रवार को यानी 17 जून को जुमे की नमाज के बाद नूपुर शर्मा के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन देखने को नहीं मिले। मस्जिदों में शांतिपूर्ण तरीके से नमाज अदा की गई। बहरहाल, पाकिस्तान के पूर्व जज खलीलुर्रहमान ने भारत आकर धर्म को लेकर जो भी बयान दिया उसपर आप क्या कुछ कहना अपनी राय हमें कमेंट तक जरूर बताएं।

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