Droupadi Murmu Oath Ceremony: भारत में गरीब भी सपने देख सकता है... मेरा राष्ट्रपति बनना इसका सबूत- शपथ लेने के बाद बोलीं द्रौपदी मुर्मू
Droupadi Murmu Oath Ceremony: भारत में गरीब भी सपने देख सकता है... मेरा राष्ट्रपति बनना इसका सबूत- शपथ लेने के बाद बोलीं द्रौपदी मुर्मू
दो दोस्तों जैसा कि आपको बताएगा द्रौपदी मुर्मू आज हमारे देश में 15वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ग्रहण किए हैं और ऐसे में उन्होंने नए राष्ट्रपति पद के रूप में शपथ लेते ही जनता के लिए कुछ बड़ी घोषणाएं की है जो आपको जरूर जानना चाहिए। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण संबोधन कार्यक्रम की 10 बड़ी बातें। हम आपको बताते कि क्या क्या बड़े एलान उन्होंने किए हैं? सबसे अच्छी बातें? उन्होंने कही कि कोई गरीबी हमारे भारत में सपने देख सकता है।
इसका साफ साफ उदारण आज हमारे देश के राष्ट्रपति बने और आज हमारे देश के प्रधानमंत्री भी जो चाय बेचने वाला पीएम बन जाता है और एक आदिवासी समुदाय की महिला जिनको समाज के दूसरे लोग इतना तवज्जो भी नहीं देते हैं। पिछड़ी हुई सोच की वजह से वो आज अगर हमारे देश की राष्ट्रपति बनती है तो उनका ये कहना भी जायज है कि आज हमारे देश में गरीबी बड़े से बड़े पद के लिए सपना देख सकता है। अगर वो दिल से जुनून और मेहनत के साथ आगे बढ़ता रहता तो मुर्मू ने 15वें राष्ट्रपति के सबूत के तौर पर कहा कि मेरे लिए जनता का हित ही सर्वोपरि है। मुर्मू के राष्ट्रपति शपथ ग्रहण कार्यक्रम के दौरान भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी भी मौजूद रहे। देश की 15वीं राष्ट्रपति बन चुकी द्रौपदी मुर्मू। सुप्रीम कोर्ट के सीजे आई टीवी जस्टिसों इंडिया की तरफ से इनको शपथ दिलाई गई है। वो बोली की जोहार नमस्कार जनता का हित मेरे लिए सर्वोपरि है।
ये तस्वीरें आप देख सकते हैं। द्रोपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण कार्यक्रम की तस्वीरें हैं। इस दौरान उन्होंने सोनिया गांधी से भी मुलाकात की और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की। आइए देखते रस्तौगी द्रौपदी मुर्मू के संबोधन की कुछ बड़ी बातें क्या रही है एक दो नहीं। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने कारगिल दिवस की शुभकामनाएं दी। राष्टपति मुर्मू ने कहा कि कल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस है और ये दिन हमारी भारतीय सेनाओं के शौर्य और संयम का प्रतीक है। मैं सभी नागरिकों और सेनाओं को कारगिल विजय दिवस की शुभकामनाएं देती हूं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। इस बीच फूटेज भी आप देख सकते हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति बनना मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है।
राष्ट्रपति के पद तक पहुंचना इमारत के प्रत्येक के गरीब की उपलब्धि है। मेरा निर्वाचन इस बात का सबूत है कि भारत में गरीबी सपने देख सकता है और उन्हें पूरा भी कर सकता है। मैं खोले जाने वाली गांव की पहली लड़की थी। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि मैं अपनी जीवन यात्रा उड़ीसा के एक छोटे से आदिवासी गांव से शुरू किया थी। मैं जिस पृष्ठभूमि से आती हूं, वहां मेरे लिए प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करना भी एक बड़े सपने जैसा ही था। लेकिन अनेक बाधाओं के बावजूद मेरा संकल्प दृढ़ रहा और मैं को ले जाने वाली अपने गांव की पहली बेटी बनी। ये हमारे लोकतंत्र की ही शक्ति है कि उसने एक गरीब घर में पैदा हुई बेटी भी दूर सुदूर आदिवासी क्षेत्र में पैदा हुई बेटी भी भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुंच सकती है जो कि राष्ट्रपति का पा ने द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मुझे राष्ट्रपति के रूप में देश ने एक ऐसे महत्वपूर्ण कालखंड में चुना है।
जब हम अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मनाने आज से कुछ दिन बाद ही देश अपनी स्वाधीनता के पीछे 13 वर्ष पूरे करेगा और ये भी एक संयोग है कि जब देश अपनी आजादी के 50वें वर्ष का पर्व मना रहा था, तभी मेरे राजनैतिक जीवन की शुरुआत हुई थी और आज आजादी के पीछे दर्वे वास में मुझे ये नया दायित्व मिला है। भारत का लोकतंत्र एक शक्ति है। एक स्वतंत्रता है और इसी ने मुझे यहां तक पहुंचाया है। आपको बता दूं देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बन चुके जो केंद्र में राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एन वी रमना की ओर से उनको राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई गई। पीएम मोदी भी संसद भवन पहुंचे।
राष्ट्रपति भवन से संसद भवन के लिए द्रोपदी मुर्मू रवाना हुई। द्रोपदी मुर्मू ने शुरुआत में ही राजघाट पहुंचकर महात्मा गाँधी जी को श्रद्धांजलि भी दी। साथ ही देश को लेकर मुर्मू ने कुछ और खास बातें कही। राष्ट्रपति बनते ही अपने पहले संबोधन में द्रोपदी मुर्मू ने कहा कि देश हित मेरे लिए सबसे ऊपर रहेगा। उन्होंने कहा कि मैं आज समस्त देशवासियों को विशेषकर भारत के युवाओं तथा भारत की महिलाओं को ये विश्वास दिलाती हूं कि इस पद पर कार्य करते हुए मेरे लिए उनके हित ही सर्वोपरि होंगे। मेरे इस निर्वाचन में पुराने लीक से हटकर नए रास्तों पर चलने वाले भारत के आज के युवाओं का साहस भी शामिल है। साथ ही द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि भारत दुनिया के साथ कदम मिलाकर चल रहा है।
देश अब हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद द्रौपदी मुर्मू ने जिस बात पर सबसे ज्यादा जोर दिया वो यह कि देश में गरीबी अपने देख सकता है। उन्होंने मेरा राष्ट्रपति बनना गरीबों के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताई है। साथ ही मुर्मू ने कहा कि हम सबके प्रयास से आगे बढ़ेंगे और उज्ज्वल भविष्य का सपना समझाएंगे। द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि देश एक नई सोच के साथ आगे बढ़ने के लिए सब तरह तैयार है। वहीं द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में कोरोना काल का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में भारत ने दूसरे देशों की मदद की है, जो बताता है कि देश की सोच और सत्य के साथ आगे बढ़ रहा है। भारत ने कोरोना वैक्सीन 200 करोड़ रोज़ लगाने का कीर्तिमान भी बनाया।
इस पूरी लड़ाई में भारत ने जिस तरह से संयम, साहस और सहयोग का परिचय दिया। दुनिया के सामने वो एक समाज के रूप में हमारी बढती हुई शक्ति और संवेदनशीलता का प्रतीक है। महामहिम ने कहा कि हमने जंगल और जलाशय को महसूस किया। प्राकृतिक स्त्रोतों का उचित दोहन कर हम नए राष्ट्र का निर्माण करेंगे। संथाल क्रान्ति पाइका क्रान्ति से लेकर कोल, क्रान्ति और बीज क्रान्ति ने स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी योगदान को सशक्त किया था। सामाजिक उत्थान एवं देशप्रेम के लिए धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा जी के बलिदान से हमें प्रेरणा मिली थी और वे उन्होंने कई देशभक्तों के वीरों के नाम लिए। नेहरूजी सरदार पटेल बाबा साहेब अंबेडकर भगत सिंह, सुखदेव राज। गुरुजी से अनगिनत स्वाधीनता सेनानियों ने हमें राष्ट्र के स्वाभिमान को सर्वोपरि रखने की भी शिक्षा दी। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई रानी वेलुमणि जीआर वगैरा वगैरा को भी उन्होने अपने भाषण में जिक्र किया।
और अंत में उन्होंने कहा कि मैं अपने देश के युवाओं से कहना चाहती हूं कि आप ना केवल अपने भविष्य का निर्माण करें बल्कि भविष्य के भारत की नींव भी रख दें। देश के राष्ट्रपति के तौर पर मेरा हमेशा आपका पूरा सहयोग बना रहेगा। अन्ना तो ये कुछ 10 15 बड़ी बातें रहीं। राष्ट्रवादी मूर्मू के संबोधन की भाषा की उम्मीद आपको जरूर जानने के लिए होगी।
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