Monkeypox Guidelines: 21 दिन का आइसोलेशन, तीन प्लाई का मास्क, मंकीपॉक्स रोगियों के लिए केंद्र ने जारी की गाइडलाइन
Monkeypox Guidelines: 21 दिन का आइसोलेशन, तीन प्लाई का मास्क, मंकीपॉक्स रोगियों के लिए केंद्र ने जारी की गाइडलाइन
सीरियसली। भारत में मंकी पॉक्स काफी ज्यादा बढ़ता जा रहा है और अब भारत सरकार की तरफ़ से मंकी पॉक्स को लेकर कुछ नई गाइडलाइन्स नए नियम जारी किए गए हैं, जो हर एक भारतीय नागरिक को जरूर जान लेने चाहिए। देखिए सरकार ने कहा कि 21 दिन का फ़िल्म रखना ज़रूरी होगा जो भी मंकी पॉक्स का संदिग्ध व्यक्ति पाया जाता है। उसके लिए नए नियम हैं। थ्री लेयर का मास्क पहनना भी ज़रूरी होगा। केंद्र सरकार की तरफ़ से कुछ और दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।
साथ ही डब्ल्यूएचओ ने भी सलाह देते हुए कहा कि पार्टनर्स की संख्या को कम रखें। आइये देखते हैं मंकी बॉक्स को लेकर पाँच बड़े अपडेट्स बिग ब्रेकिंग न्यूज़ हेडलाइंस न्यूज़ पर नजर डालेंगे। अबतक मंकी बॉक्स। दुनिया भर के 78 देशों में बीमारी फैल चुकी है और तकरीबन 21,000 लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं। सबसे ज्यादा केस इसके योरोप में देखे जा रहे और फाइव परसेंट केस अमेरिका में भी आए। भारत में अब तक चार कनफर्म केस आ चुके हैं, जबकि चार संदिग्ध केस भी हैं। लेकिन इसी बीच मंकी पॉक्स को लेकर एक बड़ी अच्छी खुशखबरी भी आई है। गुड न्यूज। क्या मोदी ने आपको बताऊँगा लेकिन पहले भी की आप देश में मंकी पॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए केन्द्र सरकार ने कुछ जरूरी गाइडलाइंस जारी की हैं, जिसमें 21 दिनों का आइसोलेशन। साथ ही जो गांव होते हैं पिम्पल्स टाइप के मंकी बॉक्स के उनको ढक कर रखना जरुरी होगा। ट्रिपल लेयर मास्क पहनना भी जरूरी होगा।
इसके अलावा सरकार ने मंकी पॉक्स की जांच के लिए टेस्टिंग किट और वैक्सीन बनाने के लिए टेंडर भी निकाला है। 10 अगस्त तक वैक्सीन कंपनी इसके लिए अप्लाई कर सकती है। यानि कि अब हमारे देश में मंकी पॉक्स के ख़िलाफ़ जंग की तैयारी सरकार तेज करने जारी है और सरकार ने वैक्सीन बनाने के लिए टेंडर निकाला है। अभी तक दुनिया भर में मंकी पॉक्स की कोई भी वैक्सीन अवेलेबल नहीं है, जो चेचक का टीका आता है उसी से काम चलाया जा रहा है जो काफी हद तक असरदार भी है, लेकिन पूरा परफेक्ट नहीं है। लेकिन अब भारत सरकार ने मंकी पॉक्स के सर्वाधिक खतरे को देखते हुए वैक्सीन बनाने का टेंडर जारी कर दिया, क्योंकि सरकार को भी ये डाउट है कि कहीं कोरमा की तरह मंकी बॉक्स भी एक बड़ी पैडमैन ना बन जाए और इसीलिए सरकार ने वैक्सीन बनाने वाली जितने भी फार्मा कंपनी है, उन सभी को वैक्सीन बनाने के लिए टेंडर ठेका जारी किया निकाला जो भी इंटरेस्टेड कंपनियां होंगी वो 10 अगस्त तक वैक्सीन के लिए अप्लाई कर पाएंगी। स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन्स के कुछ और प्वाइंट्स दे की आती है। मंकी पॉक्स संक्रमित रोगी को 21 दिन तक क्वारंटीन रहना होगा। चेहरे पर मास्क पहनने के साथ साथ हाथों को धोते रहें।
मास्क थ्री लेयर वाला पहनना जरूरी होगा। गांव को ढक कर रखना होगा। पूरी तरह से ठीक होने तक अस्पताल में ही रहना होगा। अस्पताल के वार्ड में भर्ती संक्रमित रोगी या फिर संदिग्ध रोगी की किसी भी दूसरी चीजों के संपर्क में आने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को तब तक ड्यूटी से बाहर नहीं करना है। जब तक उनमें कोई लक्षण विकसित ना हो। हालांकि ऐसे स्वास्थ्यकर्मियों की 21 दिन तक निगरानी भी बहुत जरूरी होगी। मंकी पॉक्स मरीज के संपर्क में आने उसे शारीरिक संपर्क बनाने या फिर उसके आसपास दूषित चीजों जैसे कि कपड़े, बिस्तर आदि के संपर्क में आने पर संक्रमण फैल सकता है और इसीलिए इन सब चीजों से बचना बहुत ज्यादा जरूरी है। कोरोना से भी ज्यादा सेंसिटिव ये यूं समझ की जान लेना पड़ा तो ये तो रही कुछ गवर्मेंट की गाइडलाइन्स और इसके अलावा वैक्सीन का बनाने का टेंडर सरकार ने निकाल दिया। एक ओर जो अच्छी खबर आई है वो देखी आप बड़ी अच्छी खुशखबरी। आज भारतीय वैज्ञानिकों ने ढूंढ निकाला। जिंदा मंकी पॉक्स वायरस वैक्सीन और टेस्ट किट बनाने के लिए टेंडर भी जारी हो चुका है।
लेकिन इसी बीच अच्छी खबर ये है कि एनआईवी की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर प्रज्ञा यादव ने बताया कि मंकी पॉक्स वायरस को अलर्ट करने के बाद अब उसके अन्य प्रतिरूप भी तैयार किए जा रहे हैं। लेबोरेट्रीज में इसका काम चला भारतीय वैज्ञानिकों ने मतलब एक जिंदा मंकी बॉक्स वारिस पकड़ लिया। अब उस पर एक्सपेरिमेंट होंगे और उसके अनुसार वैक्सीन बनाने के लिए भी हमें जल्दी सफलता मिलेगी, लेकिन सबसे बड़ा बीएचयू में जो अभी तक लिया वो यही है कि मंकी पॉक्स वायरस का स्ट्रेन भारतीय वैज्ञानिकों ने कैद कर लिया। ये यूं समझिए आपकी मान लीजिए। कोई आतंक फैलाने वाली टीम में से किसी एक आतंकवादी को पकड़ के जेल में बंद कर लिया। अब उससे उगलवा सकते हैं। सारी चीजें तो आतंकवादियों का नेटवर्क भी तबाह हो सकता। ठीक वैसा ही है। मंकी पक्ष के वायरस में से एक वायरस को जिंदा पकड़ लिया। उसके स्वयं को लैबोरेटरीज में कैद कर लिया और अब भारतीय वैज्ञानिक उस पर एक्सपेरिमेंट करेंगे।
उसके लिए वैक्सीन तैयार करेंगे। उसके लिए हथियार बनाएंगे। उत्तर प्रदेश गाजियाबाद से भी दो और नोएडा से एक पुलिस मैं मंकी पॉक्स के लक्षण मिले हैं। ये नया संदिग्ध मामला हो सकता। उसके बाद यूपी सरकार ने भी सादिक का जारी स्टेट गवर्नमेंट की तरफ से आम पब्लिक के लिए अलर्ट जारी कर दिया कि मंकी पॉक्स को लेकर जितना हो सके एहतियात बरतें। बचाव रखें। हालांकि हमारे भादे पुणे वैज्ञानिकों का ये कहना कि मंकी पक्ष वायरस का स्ट्रेन हल्का है। वैक्सीन प्रोग्रेस पर है और फिलहाल इतना ज्यादा भी आप घबराएं नहीं लेकिन फिर भी सावधानी तो जरूरी है। समय रहना और इसके आगे मंकी बॉक्स के सामने लक्षण क्या है। वो तो मैं आपको बता चुका हूँ। कई बार शरीर पर ये चकते निशान गांव की तरह बन जाते हैं। फफोले फंसे की तक बस जाते हैं। आरे बुखारा दिल का सिरदर्द अगर आप पूरे बॉडी में पेन रहता है और भी कई सारे सिम्टम्स है और इससे कैसे आप बचाव कर सकते हैं।
अगर इसके लक्षण दो तीन दिन से लगातार आपके शरीर में रहे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। यहां पर टीम डालने देरी बिल्कुल ना लगे।

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