Who is Arpita Mukherjee: कौन हैं अर्पिता मुखर्जी जिनके घर मशीनों से गिने जा रहे नोट के ढेर, अब तक 20 करोड़ बरामद
Who is Arpita Mukherjee: कौन हैं अर्पिता मुखर्जी जिनके घर मशीनों से गिने जा रहे नोट के ढेर, अब तक 20 करोड़ बरामद
वो ये कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार कर लिया गया। शिक्षक भर्ती घोटाले में 24 घंटे पूछताछ के बाद ईडी की बड़ी कार्यवाई की गई और सिर्फ उन्हें ही नहीं बल्कि उनकी करीबी अर्पिता को भी हिरासत में लिया गया। ऐसे में कई लोगों के मन में ये सवाल पैदा हो रहा कि आखिर अर्पिता मुखर्जी कौन हैं जिनके घर पर ईडी ने छापेमारी की और ईडी को ₹20 करोड़ कैश मिले। उनके घर पर। आइए दोस्तों देखते हैं कि आखिर ये बड़ा गड़बड़ घोटाला किया है तो आपको बता दूं।
पश्चिम बंगाल राज्य में साल दो हज़ार 14 और साल दो हज़ार 16 में शिक्षकों की भर्ती हुई थी और नियुक्ति में धांधली का आरोप लगाते हुए दो कैंडिडेट्स ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी और फिर हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए सीबीआई को आदेश दिए थे। कोर्ट ने इसमें मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका जताते हुए सीबीआई जांच के आदेश जारी किए थे। फिर सीबीआई ने पहली बार पश्चिम बंगाल के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पार्थ चटर्जी जो कि वहां के पाँच बार विधायक रह चुके हैं। उनसे 25 अप्रैल को सीबीआई ने पहली बार पूछताछ की थी। उसके बाद 18 मई को पूछताछ की क्योंकि वे दो हज़ार 14 से लेकर दो हज़ार 21 तक के राज्य के शिक्षा मंत्री भी थे।
पूछताछ के बाद सीबीआई ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायत दर्ज कराई और जांच एजेंसी की शिकायत के बाद ये मामला ईडी के हाथों में चला गया। अभी शुक्रवार को ही ईडी की कई टीमों ने एक साथ पार्थ समेत उनके करीबियों के यहां छापेमारी की। सूत्रों के मुताबिक छापेमारी के दौरान ईडी की टीम को अर्पिता मुखर्जी के बारे में भी जानकारी मिली। अर्पिता मुखर्जी जो अक्सर पश्चिम बंगाल के वाणिज्य मंत्री पार्थ चटर्जी के साथ उनके करीबी के रूप में कई बार देखी गई है। ईडी की जानकारी में ये बात संज्ञान में आई तो ईडी ने अर्पिता मुखर्जी के घर भी छापेमारी और रेड डाली। तब अर्पिता के घर से ईडी को ₹20 करोड़ कैश मिले। अर्पिता के घर से कैश बरामद होने के बाद शुक्रवार रात 11:00 बजे ईडी की एक टीम बाद के घर पहुंची और रात भर पूछताछ करने के बाद शनिवार सुबह उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
इसके बाद पार्थ के घर के बाहर सीआरपीएफ तैनात भी कर दी गई है। आपको बता दें ममता सरकार में नंबर 2 की हैसियत रखते हैं। पार्थ कोलकाता की बहल पश्चिम सीट से पांच बार के विधायक पार्थ चटर्जी, ममता बनर्जी सरकार में नंबर 2 की हैसियत रखते हैं। उनके पास वाणिज्य उद्योग संसदीय कार्य समेत कई मंत्रालयों का प्रभार है। जनवरी 2 हज़ार 11 से ही कैबिनेट के मंत्री हैं। दो हज़ार 6 से 2 हज़ार 11 तक बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं। अब इस मामले पर टीएमसी पार्टी ने चुप्पी साधी हुई है। कानूनी राय ली जा रही है। पार्थ चटर्जी के ऊपरी ईडी की कार्यवाई के बाद टीएमसी ने वेट एंड वाच की रणनीति अपना ली है। पार्टी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि उनके वकील इस मामले को देखेंगे। इसके बाद ही आगे की जानकारी दी जा सकेगी। लेकिन इसमें सबसे बड़ा सवाल अभी भी सस्पेंस के रूप में बना हुआ है कि आखिर अर्पिता कौन हैं जो पार्थ चटर्जी के इतने करीबी हैं तो क्यों और कैसे हैं।
आइए इनकी प्रोफाइल पर थोड़ी नजर डाल दें। आपको बता दें अर्पिता मुखर्जी बांग्ला की कई फिल्मों में काम भी कर चुकी है। यानि कि वो एक एक्ट्रेस हैं जो पश्चिम बंगाल की ममता सरकार के मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी भी बताई जा रही है। ईडी की रेड से सुर्खियों में आयी अर्पिता मुखर्जी की बात करें तो बांग्ला फिल्म इंडस्ट्री में वह बेहद कम समय के लिये काम किये हैं। अर्पिता मुखर्जी ने अपने फिल्मी करियर में ज्यादातर साइड रोल किए हैं। उन्हें बांग्ला फिल्म के अलावा उड़िया और तमिल फिल्मों में भी काम किया हुआ देखा गया। अर्पिता मुखर्जी बांग्ला फिल्मों के सुपरस्टार प्रोसेनजीत और जीत के लीड रोल वाली कुछ फिल्मों में साइड रोल कर चुकी हैं। इसके अलावा अर्पिता मुखर्जी ने बांग्ला फिल्म अमर अंतर्नाद में भी अभिनय किया था। अर्पिता मुखर्जी आबिदी की रेड में मिले 20 करोड़ केस से चर्चा में है।
केंद्रीय एजेंसियों के मुताबिक शिक्षा भर्ती घोटाले की जांच के दौरान अर्पिता मुखर्जी की संलिप्तता भी सामने आई। अर्पिता मुखर्जी को लेकर कहा जाना कि वो पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्री पार्थ चटर्जी के अक्सर करीबी देखी जाती है। पार्थ चटर्जी जो कि वहां के शिक्षामंत्री रह चुके हैं। पश्चिम बंगाल के लेकिन अब सवाल ये उठ रहे हैं कि बांग्ला फिल्मों में कभी साइड रोल करने वाली अर्पिता मुखर्जी सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में गिने जाने वाले पार्थ चटर्जी की करीबी कैसे बन गई। तो दरअसल तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता और पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी, दक्षिण कोलकाता में लोकप्रिय दुर्गापूजा समिति नकटा लाक उद्यान का संचालन करते हैं और ये कोलकाता की सबसे बड़ी दुर्गा पूजा समितियों में से एक है।
अर्पिता मुखर्जी साल दो हज़ार 19 और 20 में पार्थ चटर्जी के दुर्गा पूजा समारोहों का चेहरा भी रह चुकी हैं। दुर्गापूजा के दौरान जारी किए गए पोस्टर में पार्थ चटर्जी का नाम संघ के अध्यक्ष के तौर पर भी लिखा गया है। अब टीएमसी पार्टी ने एक अधिकारिक बयान जारी करते हुए खुद को इस घोटाले से दूर कर लिया और कहा कि टीएमसी का इन पैसों से कोई लेना देना नहीं है। जांच में जिनके भी नाम सामने आएं जवाब देना उनका और उनके वकीलों का काम है। टीएमसी अभी पूरे मामले को करीब से देख रही है।
समय आने पर प्रतिक्रिया दी जाएगी। अब यहां पर सोच विचार करने वाली बात ये है दोस्तों की देखे कितने बड़े बड़े नेता भी जब हमारे देश में ऐसा गड़बड़ घोटाला करेंगे तो आखिर जनता का विकास कैसे होगा। जब नायक ही खलनायक बन जाए तो जनता किस पर भरोसा करें।

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