जंतर-मंतर पर किसानों की महापंचायत: 5 हजार से ज्यादा किसान पहुंचे, बैरिकेडिंग तोड़ने वाले 19 किसान हिरासत में, नोएडा-चिल्ला बॉर्डर पर 5KM लंबा जाम

 जंतर-मंतर पर किसानों की महापंचायत: 5 हजार से ज्यादा किसान पहुंचे, बैरिकेडिंग तोड़ने वाले 19 किसान हिरासत में, नोएडा-चिल्ला बॉर्डर पर 5KM लंबा जाम






 किसान पहलवान एक बार फिर से आन्दोलन की शुरूआत कर चुके हैं। राजधानी दिल्ली में जंतर मंतर पर किसानों की महापंचायत की तस्वीरें आप देख सकते हैं। 5000 से भी ज्यादा किसान पहलवान राजधानी दिल्ली जंतर मंतर पहुंचे और यहां पर बैरिकेडिंग तोड़ने वाले 19 किसान वालों को भी हिरासत में लिया। पुलिस ने नोएडा चिल्ला बॉर्डर पर पांच किलोमीटर लंबा जाम भी लगाया। किसानों का कहना है कि पीएम अपना वादा भूले हम उन्हें याद दिलाने आए हैं। दरअसल, आप ये सोच अंग्रेजों के किसान बैलो जो पहले आन्दोलन करते थे। सरकार ने तीन नए किसान कानून निकाले थे तो उनको तो वापस वैध कर दिया। किसानों के काफी लंबे समय के अंदर ले चलने के बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की तरफ से तीनों कृषि कानूनों को वापस रद कर दिया था।



 लेकिन तो अब आखिर ऐसा क्या हुआ? किसानों के साथ कि अब वापस आन्दोलन पर उतर आएं तो आपको बता दें। किसान बैलों की नोक बड़ी मांगें जिनके चलते आज ये वापस आन्दोलन की शुरूआत करें। संयुक्त किसान मोर्चा ने सोमवार को आम गारण्टी समेत विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर महापंचायत की है। किसानों को रोकने के लिये सिंगूर टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस की चेकिंग भी चल रही है। देखिये आपको बता दें कि किसानों की नौ मांगें कौन कौन सी हैं। पहली लखीमपुर के किसान परिवारों को इन्साफ मिलें जेल से किसानों की रिहाई हो और मंत्री अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी की मांग भी करें। किसान पहले दूसरी मांगे स्वामीनाथन आयोग के सी ट्यूबलैस पीपी बटन फॉर्मूले के आधार पर आमदनी की गारंटी का कानून बने।


 चौथी मांग बिजली बिल दो हज़ार 22 को भी रद किया जाए। पांचवीं मांग गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाया जाए और बकाया राशि का तत्काल भुगतान हो। छठी मांग भारत को डब्ल्यूटीओ से भी बाहर निकालें और सभी मुक्त व्यापार समझौतों को रद्द करें। सातवीं मांग किसान आन्दोलन में दर्ज सभी केस वापस लिए जाएं और आठवीं मांग प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों के बकाया मुआवजे का तुरंत पेमेंट किया जाए और विमान अग्नि परियोजना की भी वापसी की जाए। अब ये मांगें इतनी ज्यादा बढ़ी है। दोस्तों की एक रात में या रातों रात इन फैसलों को नहीं बदला जा सकता क्योंकि ये हिंदुस्तान के सबसे बड़े फैसलों की लिस्ट में से एक है। अब तो किसान रहे लोग आंदोलन करें और किसानों को दिल्ली की सीमाओं पर रोका जा रहा। किसानों ने बैरिकेडिंग भी गिरा दी। इसके बाद 19 किसानों को हिरासत में भी लिया गया। गाजीपुर बॉर्डर पर किसान धरने पर बैठ गए। पुलिस किसानों के साथ बातचीत कर रही है। 


पुलिस ने कहा कि जंतर मंतर पर अभी 5000 से भी ज्यादा किसान जमा हैं। राजधानी में किसानों को रोकने के लिए सुबह से ही धारा 144 भी लगा दी है। सुबह से ही आरियाना पंजाब उत्तरप्रदेश के किसानों ने महापंचायत में भाग लेने के लिए दिल्ली पहुंचना शुरू कर दिया था। हालांकि किसानों को इस महापंचायत के लिए मंजूरी भी नहीं मिली। दिल्ली पुलिस ने टीकरी सिंगोर गाजीपुर बॉर्डर पर सीमेंटेड बेरीकेड्स भी लगाए, जहां से चेकिंग के बाद एन्ट्री दी जा रही है और इस प्रदर्शन को देखते हुए राजधानी दिल्ली में धारा 144 भी लगा दी गई है। 



अधिकतर किसानों ने दिल्ली जाने के लिए पंजाब की ओर से आने वाली ट्रेनों पर चढ़े और बहादुरगढ़ स्टेशन पर खड़ी पुलिस के सामने ही नारे लगाते हुए दिल्ली में आए। यहां से किसान सीधे बंगला साहिब गुरुद्वारे पहुंचे। किसानों का कहना है कि वे दिल्ली बॉर्डर पर पक्का मोर्चा लगाने नहीं आए हैं। अभी केवल एक दिन के प्रदर्शन के लिए आए हैं ताकि सरकार को चेताया जा सके। पुलिस इस बात को लेकर अलर्ट है कि कोई ऐसा दिखता तो दिल्ली में प्रवेश न कर जाएं। इसके लिए ड्रोन कैमरों की भी सहायता ली जा रही है और बॉर्डर पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की भी निगरानी की जा रही है। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि जैसा आदेश होगा वैसी कार्रवाई की जाएगी। बेरोजगारी को लेकर जंतर मंतर पर चले आन्दोलन में भाग लेने दिल्ली जा रहे भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत व कुछ कार्यकर्ताओं को गाजीपुर बॉर्डर पर ही दिल्ली पुलिस ने हिरासत में भी ले लिया। 


उन्हें दिल्ली के मधुविहार थाने ले जाया गया, जहां बाद में उन्हें पुलिस ने वापस गाजीपुर बॉर्डर पर ले जाकर छोड़ दिया। इस पर राकेश टिकैत ने ये भी कहा कि क्या दिल्ली में किसानों का प्रवेश बैन है तो ये को जाने किसान आन्दोलन का माहौल चल रहा है। अब देखना ये होगा कि सरकार किसानों की इन मांगों को लेकर क्या आश्वासन देती है या इन मांगों में किन बदलावों को देखते हुए सरकार इन मांगों की मंजूरी देती है, जो भी अपडेट आएंगी। मैं आपको बता करूँगा पल पल की खबरें। इसी चैनल इंडिया न्यूज के माध्यम से आप हमसे जुड़े।

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