Lod Shri Lrishna Janmashtami: श्री कृष्णा जन्म कथा Shri Krishna Janm Katha Hindi Kahani Bhakti Stories
Lod Shri Lrishna Janmashtami: श्री कृष्णा जन्म कथा Shri Krishna Janm Katha Hindi Kahani Bhakti Stories
भारत में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। हिन्दू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। श्री कृष्ण अष्टमी तिथि के साथ रोहिणी नक्षत्र में पैदा हुए थे। वैसे तो श्री कृष्ण जन्माष्टमी पूरे देश में धूमधाम से मनाई जाती है, लेकिन वृन्दावन, बरसाना, मथुरा और द्वारका में जन्माष्टमी की काफी धूम। कंबोडिया जन्माष्टमी के मौके पर यहां के मंदिरों में विशेष साज सज्जा और आयोजन किए जाते हैं और रात्रि जागृति होती है। लेकिन आपको बता दें कि इस साल रक्षाबंधन की तरह कृष्ण जन्माष्टमी की तारीख को लेकर भी असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। लोगों को अभी तक साफ साफ ये पता नहीं चल पाया है कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 18 अगस्त को है या फिर 19 अगस्त को तो हम आपकी कनफ्यूजन को दूर करते हैं और आपको बता देंगे कि जन्माष्टमी की सही तारीख क्या है।
आपको बता दें इस साल भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि दो दिन बाद आई है। 18 अगस्त गुरुवार की रात 09:21 बजे से अष्टमी तिथि शुरू हो रही है और इसी दिन श्लोक और विधि योग भी बन रहा है और 19 अगस्त शुक्रवार की रात 10:50 बजे तक अष्टमी तिथि का समापन होगा। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक बालगोपाल का जन्म रात 12:00 बजे हुआ था। लिहाजा रात्रि में कान्हा का जन्मोत्सव मनाने के लिए 18 अगस्त का ही दिन पडता है। कुछ ज्योतिष जानकारों के मुताबिक भगवान कृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि को रात्रि 12:00 बजे हुआ था और 19 अगस्त को पूरे दिन अष्टमी तिथि रहेगी और सूर्योदय भी इसी दिन
होगा। इसलिए कुछ लोग जन्माष्टमी का त्योहार 19 अगस्त को भी मना रहे हैं। वहीं आपको बता दें कि द्वारिकाधीश मंदिर बांके बिहारी मंदिर और मथुरा के मंदिरों में भी 19 अगस्त को ही जन्माष्टमी मनाई जाएगी। जन्माष्टमी पर इस साल बेहद देशों में जो भी बन रहे हैं, कृष्ण के जन्मोत्सव पर वृद्धि और स्वरूप नामक दो योग बना है। मान्यता है कि वृद्धि योग में बाल गोपाल के साथ मां लक्ष्मी स्वरूपा राधा जी की पूजा करने से घर में समृद्धि आती है। आइए एक नजर डालते हैं। जन्माष्टमी के शुभ मुहूर्त और योग पार्ट को बता दें कि 18 अगस्त को 12:05 बजे से लेकर दोपहर 12:56 बजे तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा। हमने 17 अगस्त को शाम 08:56 बजे से लेकर 18 अगस्त को शाम 08:41 बजे तक धृति योग बन रहा है।
इसके अलावा 18 अगस्त शाम 08:41 बजे से लेकर 19 अगस्त शाम 08:59 बजे तक ध्रुव योग पड़ रहा है। आईये आपको बताते हैं जन्माष्टमी पर कैसे करें भगवान कृष्ण की पूजा। जन्माष्टमी पर सुबह उठकर स्नान करें और पूरे दिन व्रत रखें। भगवान श्री कृष्ण को गंगाजल और दूध से स्नान जरूर करवाएं। अपने नए वस्त्र धारण करवाएं। मोर, मुकुट, बांसुरी, वैजयंती माला को नवीन तुलसी से उनका श्रृंगार करें। भगवान श्री कृष्ण के झूले को भी फूल मालाओं से जरूर सजाएं। पूजा में श्री कृष्ण को फल, फूल, मखाने, माखन, मिश्री का भोग मिठाई और मेवे स्वरूप चढ़ाएं। इसके बाद रात 12:00 बजे के बाद श्री कृष्ण की पूजा करें और उन्हें झूला झुलाने आरती करें और इसके बाद प्रसाद सभी में बांट दें।




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