Noida Twin Tower Demolished: 60 सेकेंड के वीडियो में देखिए कैसे मलबे में तब्दील हो गए नोएडा के गगनचुंबी ट्विन टावरv
Noida Twin Tower Demolished: 60 सेकेंड के वीडियो में देखिए कैसे मलबे में तब्दील हो गए नोएडा के गगनचुंबी ट्विन टावर
नोएडा में बने ट्विन टावर को ढहाने की कुछ वीडियो फुटेज लाइव देखने आ रहा है। नोएडा के सेक्टर नाइंटी थ्री में बने सुपरटेक के अवैध ट्विन टावर को आज दोपहर 02:30 बजे कोर्ट के आदेश के बाद ध्वस्त कर दिया गया। देखते देखते आखों के सामने कुछ ही पलों के दौरान ट्विन टावर जमींदोज हो गया। तो आखिरकार दोस्तों आज 32 मंजिला इमारत ट्विन टावर को ढहा दिया गया। देखते देखते कुछ ही पलों में कुछ ही सेकंड्स में पूरी इमारत मलबे में दब गई। हम आपको लाइव फुटेज दिखायें। देखिए तकरीबन 10 से 12 सेकेंड में पूरी इमारत जमीन में मिल गई धूल बन गयी मानो रेत के टीले की तरह ढह गया। सुपरटेक ट्विन टावर। और इसमें सबसे बड़ी अच्छी बात ये रही कि आसपास के घरों में खरोच तक भी नहीं आई। जहां सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आज 28 अगस्त रविवार को ठीक दोपहर के 02:30 बजे ब्लैक बॉक्स का बटन दबा दिया गया और वो एक बटन इस ट्विन टावर में लगाए गए सारे विस्फोटकों से जुड़ा हुआ था। तो जैसे बटन दबाया गया।
02:30 बजे महज 12 सेकंड में 32 मंजिला इमारत में एक के बाद एक कई धमाके हुए और नोएडा में तनकर खड़ा सुपरटेक ट्विन टावर से जमींदोज हो गया। माना यूं लगता कि ट्विन टावर का अहंकार चूर चूर हो गया। आपको बता दें कि ट्विन टावर से महज नौ मीटर की दूरी पर एक हाउसिंग सोसाइटी है, जिसमें तकरीबन साढ़े 600 परिवार रहते हैं। लेकिन अच्छी बात गनीमत ये रही कि कई बार वे आसपास की किसी भी बिल्डिंग को खरोंच तक भी नहीं आई।
ये बड़ी राहत की बात रही। भारत में आज तक इससे पहले इतना बड़ा इनक्लूसिव टेक्निक तरीके से डिमोलिशन कभी नहीं हुआ था। इतनी लॉन्गेस्ट बिल्डिंग का ट्विन टावर में दो टावर हैं। अपेक्स टावर जिसमें 32 मंजिला इमारत है। हर फ्लोर पर 14 फ्लैट हैं। वहीं इसका जुड़वां टावर दूसरा जिसका नाम है सैयां टावर उसमें 31 मंजिला है और हर फ्लोर पर 12 स्टूडियो अपार्टमेंट हैं। आप को बता दूं साल दो हज़ार 4 में नोएडा प्रशासन ने सेक्टर थ्री ए में एक हाउसिंग सोसायटी बनाने के लिए सुपरटेक को प्लॉट आवंटित किया था। दो हज़ार पाँच के मंजूर बिल्डिंग प्लान में 10 मंजिल के 14 टावर्स बनाए जाने की अनुमति थी। दो हज़ार 6 में सुपरटेक ने प्लान में बदलाव करके 11 मंजिल के 15 टावर्स बना लिए थे। यूं चलते चलते मार्च 2 हज़ार 22 में 24 मंजिल को बढ़ाकर 40 मंजिल कर दिया गया। जब रोक लगी तब तक अपेक्स के 633 फ्लैट बुक भी हो चुके थे। आखिरकार आप ही सोचिए अंग्रेजों के इस ट्विन टॉवर को क्यों उड़ाया गया। इसके पीछे भी बड़ी इंटरेस्टिंग वजह है।
ग्रीन टावर पर कोर्ट का हैमर क्यों जला?
आपको बता दूं साल दिसंबर 2 हज़ार 12 में ही मेरठ हाउसिंग सोसायटी के लोगों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका लगाई। दलील लगाई कि गार्डन एरिया में दो अवैध टावर बना लिए गए हैं। उसके बाद अप्रैल 2 हज़ार 4 में हाईकोर्ट ने इन टावर्स को गिराने का आदेश दिया। साथ ही कहा कि जिन्होंने फ्लैट बुक किए थे उन्हें 14% ब्याज के साथ रकम लौटाई जाए। मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट ने ट्विन टावर को बनाने वाली कंपनी लोगों के गेस्ट केस को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिजल्ट पर पुनर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन ट्विन टावर को सुपरटेक को सुप्रीम कोर्ट से भी कोई रियायत नहीं मिली। आखिरकार पिछले साल 31 अगस्त 2 हज़ार 21 को कोर्ट ने दोनों टावर को तीन महीने में गिराने का आदेश दिया था।
फिर फरवरी दो हज़ार 22 में नोएडा अथॉरिटी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि टावर गिराने का काम 22 मई तक पूरा कर लिया जाएगा। आखिरकार ट्विन टावर ढहाने के लिए तारीख तय हुई। आज की 28 अगस्त 2 हज़ार 22 इस ट्विन टावर को ढहाने के लिए जो सेट किया बारूद उसने 181 दिन लगे। जो विस्फोटक लगाए गए उसमें ट्विन टावर को ढहाने के लिए जिस तकनीक का इस्तेमाल किया गया उसका नाम है। इन ब्लो जान यानी की ऐसा विस्फोट जिसके बाद चीजें अंदर की ओर सिमट जाए। मतलब ट्विन टावर को ढहाने के बाद बाहर की तरफ कोई भी पत्थर मिट्टी नहीं फेंकी। इसी साल के फरवरी महीने से ही लगभग 21 फरवरी दो हज़ार 22 से साढ़े 300 वर्कर्स और 10 इंजीनियरिंग के डिमॉलिशन टीम वहीं स्टेज सेट बना करके इसको एक्सप्लोर करने की तैयारी में लग गए। कुछ ग्राफ में आप देख सकते हैं कि किस तरह से ट्विन टावर में अलग अलग प्वाइंट्स पर विस्फोटक पदार्थ लगाए गए।
तकरीबन 3700 किलो विस्फोटक लगाया गया। अलग अलग जगहों पर अलग अलग पिलर्स में धमाके के बाद क्या हुआ तो आपको बता बतादें धूल का गुबार उठा। जिसके कारण करीब चार किलोमीटर तक के रेडियस में फैल गए और वहीं करीब साढ़े लाख टन कंक्रीट और लोहे का मलबा भी फैला। इस पूरे केस में इस पूरी घटना में एक सबक मिलता है कि कानून से ऊपर कुछ नहीं है। आज ट्विन टावर का आखिरी दिन था तो तकरीबन 5000 लोगों को आस पास के दायरे से हटाया गया तो कुछ लोगों ने रही ट्विन टावर की। वैसे तो आपका इस पर क्या खयाल है? हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताइएगा। इस वीडियो को लाइक और शेयर करना हमारे चैनल डिवेलप्ड न्यूज को सब्सक्राइब करके बनाए को जरूर दबा देना।

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