RBI Repo Rate: RBI ने 0.50% बढ़ाई ब्याज दर, अब 5.9% पर पहुंचा रेपो रेट, RBI increased the interest rate by 0.50%, now the repo rate reached 5.9%
RBI Repo Rate: RBI ने 0.50% बढ़ाई ब्याज दर, अब 5.9% पर पहुंचा रेपो रेट, RBI increased the interest rate by 0.50%, now the repo rate reached 5.9%
भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई की तरफ से आज सुबह सुबह एक बड़ा फैसला लिया गया और आरबीआई ने ब्याज दरों में 50 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी कर दी है और इससे आपके लोन की ईएमआई बढ़ेगी। जी हां, आपने किसी भी बैंक से लोन लिया आ चाहे प्राइवेट बैंक चाहे सरकारी बैंक, फोरेक्स जंबल, एसबीआई, पीएनबी, केनरा बैंक, एचडीएफसी आईएसए या कोई स्मॉल फाइनेंस बैंकों के ऐसे लोन पकड़ा लिया न तो आपके लोन की किस्त बढ़ने वाली है और ऐसे में आरबीआई की तरफ से रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी के बाद अब आपके लोन की ईएमआई कितनी बढ़ेगी। हर महीने आपको कितने लाख रुपये के लोन पर कितने पैसे ज्यादा चुकाने पड़ेंगे।
इसके कैलकुलेशन भी मैं आपको बताता हूं। यह लगातार चौथी बार है जब आरबीआई ने अपनी बैठक में रेपो रेट में बढ़ोतरी की है। इस बार आरबीआई ने अपनी रेपो रेट में जीरो दशमलव पाँच जीरो प्रतिशत की बढ़ोतरी की है और इस बढ़ोतरी के बाद अब आरबीआई का रेपो रेट 5.90% पहुंच गया है, जो पहले 5.4 जीरो प्रतिशत था। साढ़े पाँच से नीचे था वो अब लगभग छह के करीब पहुंच गया है क्योंकि 5.9 जीरो प्रतिशत अभी आरबीआई की रेपो रेट हो गई है। आपको बता दूं रेपो रेट क्या होती है तो रेपो रेट वह रेट होती है। वह दर होती है जिसपर आरबीआई बैंकों को लोन देता है। जैसे लोन रेट क्या होती है।
अभी बैंक ग्राहकों को कितने परसेंट पर लोन दे रहे हैं, वो हमारे लिए लोन की रेट होगी, जिसे होम लोन, आठ परसेंट, 11 परसेंट 12 परसेंट जो भी अलग अलग बैंक अपने हिसाब से देते अलग तो लोन रेट हमारे लिए होती है। रेपो रेट बैंकों के लिए होती है। रेपो रेट पर आरबीआई बैंकों को लोन देता है। बैंकों को कर देता है क्योंकि बैंक भी आरबीआई से ही लोन लेकर हमें लोन बांटते हैं। एक सिस्टम बना हुआ है। चैन बनी हुई है तो इस तरह से कहने का मतलब रेपो रेट बढ़ी यानि कि बैंकों के लिए आरबीआई से लोन लेना कर्ज लेना महंगा हुआ तो जाहिर सी बात है। अब बैंक अपनी इस महंगाई का बरपाया किसे निकालेंगे आगे अपने कस्टमर्स से इसी लिए बैंकों से जिन भी लोगों ने लोन लिया हुआ उनका लोन ईएमआई महंगी हो जाती है।
जब भी रेपो रेट बढ़ती है तो देखिए उदाहरण से समझते हैं। उनके होम लोन और कालों कितने माननीयों के तो 20 साल वाले ₹30 लाख के लोन पर करीब ₹2 लाख आपको टोटल रोलओवर ज्यादा चुकाने पड़ेंगे और ये रेपो रेट में बढ़ोतरी के दौरान भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई के गर्वनर ने क्या कहा। उनका कहना है कि अभी पूरी दुनिया संकट से गुजर रही है। दुनिया के शेयर मार्केट में उथल पुथल मची हुई है। कुल मिलाकर देखा जाए तो मार्केट में कोरोना के बाद से ही महंगाई काफी ज्यादा बढ़ी हुई है और इसीलिए रेपो रेट को बढ़ाना जरुरी है। अच्छा एक और उदाहरण से समझिए कि मान लीजिए रोहित नाम का एक व्यक्ति है। उसने 7.55% के रेट पर 20 साल के लिए ₹30 लाख तक का हाउस लोन होम लोन लिया हुआ है तो उसके लोन की ईएमआई जो ही चार ₹260 है और ऐसे में 20 साल में उसे इस दर से ₹28,22,304 का ब्याज देना होगा। राइट यानी उसे 30 लाख के बदले कुल ₹58,22,304 चुकाने पड़ेंगे।
30 लाख तो उसका मूलधन हो गया और 28 लाख उसके ब्याज। लेकिन आरबीआई की इस रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद उसके बैंक के पहले जो हाउस लोन की रेट 7.55 पड़ती है तो उसकी जगह उसका बैंक अब उसके लिए रेट जोड़ेगा। आठ लो जीरो पाँच परसेंट ये रेट्स इंटरेस्ट रहेगी तो जाहिर सी बात है। अब ब्याज भी इस दर से गिना जाएगा। अगर वही रोहित का दोस्त ₹30 लाख का लोन 20 साल के लेता है, लेकिन उसकी कमाई 25 हज़ार ₹187 बनती है। यानी कि रोहित की कमाई से ₹927 ज्यादा रिकवरी से 20 साल में कुल इस लोन के लिए 60 लाख जमा लिया चुकाने होंगे। लगभग ये सवा ₹2 लाख ज्यादा चुकाने पड़ेंगे और टेबल में आप देख सकते हैं तो उसमें अलग अलग साल के लोन के लिए 20,00,030 लाख और 50 लाख तक के लोन की कैलकुलेशन इस टेबल में दी हुई है कि आरबीआई की इस रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद अब आपको कितनी एमआईसीआर देनी पड़ेगी।
कुल मिलाकर के ये सीन कि जितने ब्याज दर पर आपने इंटरेस्ट पर बैंक से लोन लिया है उतने आप बैंक जाना हो। जीरो ल पाँच जीरो प्रतिशत तक की बढ़ोतरी कर सकते हैं। उनके पास ये इजाजत होगी। आरबीआई की तरफ से कहने वाले भी समझ अठन्नी रुपए ब्याज बढा सकते। आपके पैसों में हालांकि कुछ वे इनकम भी बढा सकते हैं।
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