Sharad Purnima 2022: 09 अक्टूबर को है शरद पूर्णिमा, जानें इस दिन क्या करें और क्या न करें

 Sharad Purnima 2022: 09 अक्टूबर को है शरद पूर्णिमा, जानें इस दिन क्या करें और क्या न करें





 9 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा है और आईये जानते हैं कि इस दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। वैसे शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा, माता लक्ष्मी और भगवान श्री कृष्ण की पूजा करने का विधान है। अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा 16 कलाओं से युक्त होता है। शरद पूर्णिमा की रात में घर में सुख समृद्धि के लिए घी के 100 दीपक जलाए जाते हैं। अलग अलग मान्यताएं हैं। मतलब और भी आप शरद पूर्णिमा को क्या क्या करें? दोस्तो ये महत्वपूर्ण जानकारी तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉक्टर कृष्ण कुमार भार्गव के द्वारा शेयर की गई है कि शरद पूर्णिमा की रात को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। 


सबसे पहले तो शरद पूर्णिमा के दिन अपने घर की अच्छे से सफाई करें। ध्यान रहे गर में कहीं कूड़ा, कचरा, जाले वगैरह नहीं रहने चाहिए। शरद पूर्णिमा दीवाली से पूर्व माता लक्ष्मी की पूजा करने का एक खास मौका है। धार्मिक मान्यता दोस्तों की शरद पूर्णिमा की रात मां लक्ष्मी पृथ्वी पर विचरण करती हैं और इसीलिए मतलब दिवाली से पहले मां लक्ष्मी पृथ्वी पर शरद पूर्णिमा के दिन ही आती हैं और मां लक्ष्मी का वेलकम करने के लिए शरद पूर्णिमा की रात को आपको मां लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। हो सके तो रात के समय अपने घर के मुख्य द्वार को खोल कर रखें और घर के मुख्यद्वार पर सजावट प्रकाश यानी की लाइटिंग वगैरह करें। इससे माता लक्ष्मी का आगमन आपके घर पर होगा। शरद पूर्णिमा की रात को माता लक्ष्मी की पूजा करके उनको खीर का भोग लगाएं क्योंकि ये माता को अति प्रिय है। 


खीर के अलावा दूध से बनी मिठाई जैसे मावा, गुलाब, जामुन इन चीजों का भी भोग लगा सकते हैं। शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा 16 कलाओं से युक्त होता है और इसी लिए आप चंद्र देव की भी पूजा करें। उनको दूध, जल फूल और अक्षत मिलाकर अर्पित करें। इससे आपकी कुंडली में जो चंद्र दोष है वो दूर होंगे। घर में समृद्धि आएगी। शरद पूर्णिमा की रात खीर बनाएं और उसे चांदनी रात में खुले में रख दें। चंद्रमा की औषधीय किरणों से व खीर अमृत समान हो जाती है, जिसे खाने से व्यक्ति निरोग होता है और ये खीर सभी को प्रसाद के रूप में खिलाएं। शरद पूर्णिमा की रात भगवान श्री कृष्ण की पूजा करें क्योंकि इस पूर्णिमा को रास पूर्णिमा भी कहते हैं और माना जाता है कि इसी रात को भगवान श्रीकृष्ण ने रास लीला रचाई थी और इसी लिए कान्हा की पूजा भी की जाती है।


 शरद पूर्णिमा की रात सुख समृद्धि के लिए अपने घर में घी के 51 या सोनीपत कैसे जलाएं। इसके अलावा कुछ और बातों का ध्यान रखें जैसे शरद पूर्णिमा पर क्या ना करें। ये तो आपने जाना दोस्तों कि शरद पूर्णिमा पर क्या करना चाहिए। लेकिन आपको ये भी जान लेना चाहिए कि शरद पूर्णिमा पर क्या ना करें। पहली इम्पोर्टेन्ट बात ये कि अपने घर को गंदा ना रखें। गंदे घर में माता लक्ष्मी का आगमन नहीं होता है। शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा भी कहते हैं क्योंकि माता लक्ष्मी विचरण करते समय देखती हैं कि किसका घर खुला हुआ है। उचित प्रकाश के बीच जागरण कर रहा है। उसके घर में वे प्रवेश करती हैं और ऐसे में आप भी शरद पूर्णिमा की रात अपने घर के मुख्य द्वार को बंद ना करें। कुछ समय के लिए खोल दें। 


शरद पूर्णिमा की रात घर में अपनी सारी लाईटों को बंद ना करें। अंधकार ना रखें क्योंकि अंधेरा ही नकारात्मकता का प्रतीक है। इस दिन चंद्रमा से जुड़ी वस्तुओं का अनादर ना करें, वरना चंद्र बोस लग सकता है। आपकी कुण्डली में कुण्डली में चंद्रमा से माता के संबंधों का विचार किया जाता है और इसीलिए शरद पूर्णिमा पर किसी भी महिला स्त्री या अपनी मां का अपमान न करें और उनको किसी भी तरह की कोई तकलीफ ना दें। उनकी कोई चाबी है तो उसको जरूर पूरा करें। उनके पैर छुए चरण स्पर्श करें। उनका आशीर्वाद लें। तो ये कुछ बातें हैं एस्ट्रोलॉजी साइंस यानी ज्योतिष विज्ञान के मुताबिक जो मैंने आपको बताया। ज्योतिषाचार्य डॉक्टर कृष्ण कुमार भार्गव की तरफ से शेयर की गई है।

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