Navratri Puja Vidhi At Home Navratri Puja Samagri List in hindi

 Navratri Puja Vidhi At Home Navratri Puja Samagri List





आपको कलश स्थापना के बाद माता के दूसरे साइड को ना रखकर उसमें मिट्टी डालकर जो भी उगाने होंगे। पर मैं भी आपको चैत्र नवरात्र की पूजा उतारेंगे। चैत्र नवरात्रि में ज्यादातर घरों में ज्वारे उगाए जाते हैं। अगर आप केवल उगाए जाते हैं तो आप जरूर उगा सकते हैं, पर मैं आपको एकदम सरल विधि बताई हूं। जिस तरीके से ज्यादातर घरों में पूजन होता है तो इसके बाद हम कलश में जल भरेंगे। स्वस्तिक बनाने के बाद और  जल भरने के बाद पहले गंगाजल डाल सकते हैं और अब हम कलश में चावल डालेंगे तो थोड़े से चावलों के दाने डालेंगे। एक सुपारी डालेंगे और ₹1 का सिक्का डालेंगे। इसी के साथ साथ आप हल्दी की गांठ भी डाल सकते हैं और अगर हल्दी की गांठ ना हो तो हल्दी का पाउडर यानि जो घर में हम हल्दी मसाले के रूप में यूज करते हैं, वो आप डाल सकते हैं। इसके बाद हमें लेना है। 

नारियल नारियल के ऊपर हम स्वस्तिक बनाएंगे और फिर हम नारियल को चुन्नी में बांधकर नारियल वाले जो चुन्नी आती है वो नारियल के चारों तरफ लपेटकर या फिर लाल कपड़ा लपेटकर मोली से बांधकर हमारा नारियल भी तैयार कर लेंगे तो पानी वाला नारियल आपको लेना है जिसमें अंदर पानी हो। फोक वाला आपको ताजा नारियल लेना है और ये देखिए चुन्नी बनकर ऊपर से मोली आत्मस्वरूप पाने ताकि हमारी चुन्नी खुले ना तो मोली आप लगा दें। तीन बार आपको पानी होती है मोली कलश के कंठ में भी और नारियल भी अब हम आम के पत्ते या फिर अशोक के पत्ते लेगे जो भी पत्ते आपको मिल रहे हों तो इस तरीके से आम के पत्ते लेकर उन पर मैं चन्दन रोली लगाने को चंदन लगाएंगे। कुमकुम लगाएंगे इस प्रकार से आप खोल कर रख सकते हैं ताकि आपको पूरी पूजा में आसानी हो। बार बार आपको रोली होना नहीं पड़ेगा और आप आसानी से अपनी पूजा बिना किसी रुकावट के बिना किसी प्रॉब्लम के कंप्लीट कर पाएंगे और आपकी पूजा करना बहुत आसान हो जाएगा तो ये इस प्रकार से पांचों आम के पत्तों पर हमारे जो है चंदन रोली लगा लेंगे।


 मिनिमम पाँच पत्ते तो आपको लेने ही है। 5 की जगह अब सात न  ले सकते हैं। उससे ज्यादा तो हमारे कलश में आएंगे में और कलश का जो साइज है वो आप नॉर्मली रखें। ज्यादा बड़ा भी नहीं और ज्यादा छोटा भी नहीं कलेश। आप किसी भी धातु का ले सकते हैं। मिट्टी का ले सकते हैं। ताम्बे का ले सकते हैं। पीतल का ले सकते हैं और अगर मिट्टी का कलश बारात ले रही है तो से पहले नवरात्र के दिन पहले अच्छे से पानी में भिगोकर रखें ताकि वो पानी फिर बाद में सूख ना जाए। इसके बाद भी रखे थोड़े से चावलों के दानों पर हमने मारा, कलश स्थापित कर लिया है। अब हम हमारी माता को चुन्नी उठाएंगे। फोटो तो फोटो पर उठाए मूर्ति को तुम मूर्ति पर उठाएं। माता को चुन्नी ओढ़ाने के बाद अब हम पूजा शुरू करेंगे तो सबसे पहले तो दीपक प्रज्वलित करेंगे।  इसके बाद मैंने धूप भी प्रज्वलित कर ली है। अब सबसे पहले जल का छींटा देकर गणेश जी और दुर्गा मां को कलश देवता को स्नान करेंगे। इसके बाद अब हम सबसे पहले गणपति पूजन करेंगे क्योंकि गणेशजी प्रथम पूजनीय है। नौ दिन तक हमारी माता को विराजमान करेंगे तो सबसे पहले कन्याओं का पूजन हमें जरूर करना है तो गणेश जी को चंदन रोली चावल अर्पित करेंगे और इसके बाद करने से हम वस्त्र रूपी मोली अर्पित करेंगे तो वस्त्रों के रूप में हम भगवान को मोली चखाएंगे मोली चढ़ाने  के बाद हम गणेश जी को इत्र अर्पित करेंगे तो ओम गणेशाय नमः। 


ॐ गं गणपतये नम मां बोलते हुए गणेश महाराज की जय बोलते हुए आपको अपना पूजन करना है। गणेश का पूजन करना है। इसके बाद गणेशजी को इत्र लगाएंगे। दुर्वा घास अर्पित करेगी। अगर मिल जाए आपको तो और फिर हम फूल चढ़ाएंगे तो जो भी फूल आपको मिल रहे हो पूजन के लिए वो पूरा। सकते हैं और अपने घर के आगे बंदनवार लगाएं। आम के पत्तों की अशोक के पत्तों की माता के लिए फूल माला बनाएं। माता को सिंदूर चढ़ाएं। माता को अगर आप चाहें तो वस्त्र धारण करा सकते हैं। अब माता को सबसे पहले टीका करेंगे। माता को रोली चावल अर्पित करेंगे। माता को हल्दी चढ़ाएंगे। हल्दी का तिलक अर्पित करेंगे और उसके बाद माता का जो शेर है। माता के शेर का तिलक करेंगे तो कुछ इस प्रकार से माता को चावल चढ़ा देंगे। तिलक के ऊपर चावल जरूर से लगाने होते हैं तो माता को चावल चढ़ाएंगे। फिर माता के शेर का पूजन करेंगे।


 माता के चरणों पर भी आप रोली कुमकुम अर्पित करें और आप चाहें तो माता के हाथ में जो शस्त्र है अस्त्र शस्त्र पर भी रोली कुमकुम अर्पित कर सकते हैं तो इसके बाद हम मौली चढ़ाएंगे और मोली चढ़ाने के बाद माता को पहुंचा पाएंगे। जो भी फूल आपको मिल रहे हो वो फूलो अर्पित कर सकते हैं। इसके बाद हमें करना है। कलश देवता का पूजन तो उन्हें भी हम चंदन रोली चावल फूल चढ़ाएंगे। कलश का भी हम पूरे विधि विधान से पूजन करेंगे। चावल चढ़ाएंगे फूल चढ़ाएं। नीम के पत्तों पर फूल रखेंगे और इसके बाद हम माता को  इत्र अर्पित करेंगे। अगर आप मूर्ति या फोटो पर फूल माला ना पहनाएं। क्योंकि जो फूल माला हैं उससे मूर्ति हिलने का डर रहता है। आप सिर्फ फूल ही चढ़ा दीजिए और अगर आप लाये तो पहना भी सकते हैं। इसके बाद माता को फल चढ़ाने के नौ बताशे का भोग जरूर से अर्पित करेंगे। जल अर्पित करेंगे और माता को श्रृंगार सामग्री अर्पित करेंगे तो श्रृंगार का जो समान है वो या तो पहले नवरात्रे को चढ़ा दें या लास्ट वाले नवरात्र को भी अर्पित कर सकते हैं। जैसे कि आपकी इच्छा हो। इसके बाद हवन करना है तो मैंने कॉपर की छोटी छोटी कटोरियां बना रखी है।


 अब छोटा सा गैस का गैस पर गरम करके उपला ले सकते हैं। आप कपूर से और नारियल से हवन कर सकते हैं। मैंने ये गोबर की छोटी छोटी कटोरियां बनाई हैं। गाय के गोबर की और ये पूरी तरीके से और यानि कि आप आराम से हवन कर सकते हैं। बस दो का पूरा है और फिर हवन प्रज्वलित करना है। उस तरीके से इसके बाद इसमें आपको दो नाम और दो इलाइची चढ़ानी है। सभी घर वाले अर्पित करेंगे। इलायची, लौंग और घी चढ़ाएं। इसके बाद आप और माता की आरती करें। माता की आरती है और इसके बाद आपका जो पूजा है वह कंप्लीट हो जाएगा और इस प्रकार के रेडिमेड कपडे आप वह भी ले सकते हैं।

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