Amarnath Yatra 2022: Arrangements are being made for three-layer security to facilitate Amarnath Yatra, Yatra will start from June 30

 Amarnath Yatra 2022: Arrangements are being made for three-layer security to facilitate Amarnath Yatra, Yatra will start on June 30





दोस्तों अगर आप भी अमरनाथ यात्रा पर जाने का प्लान बना रहे हैं। इस साल आप सोच लें कि अगले साल जाने का मूड बना रहे या आपके परिवार में फैमिली में कोई मेम्बर अमरनाथ यात्रा पर जा रहे हैं या आपके दोस्तों के ना कोई तो ध्यान से इस मुद्दे को पूरा देखते रहेगा। सभी अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले यात्रियों के लिए भी जानना जरूरी है और आम आदमी आम नागरिक को भी ये जान लेना चाहिए ताकि आपको अमरनाथ यात्रा से जुड़ा डर बिल्कुल खत्म हो जाए। लेकिन सबसे अलग आपको बता दें।


 इस बार अमरनाथ यात्रा को ज्यादा सुगम बनाने के लिए सरकार थ्री लेयर सिक्युरिटी के इंतजाम किए हैं। 30 जून से हमारे देश में अमरनाथ यात्रा शुरु होने जा रही है और इस बार लोगों की सेहत को लेकर अमरनाथ यात्रा के लंगरों में कुछ नियम भी बनाए गए हैं। लंगर में आपको सिर्फ पौष्टिक खाना मिलेगा। जेब से समोसा कोल्ड्रिंक समेत सभी तरह के फ्राइडे और जंक फूड बैन रहेंगे। ये चीजें अब आपको अमरनाथ यात्रा पर नहीं मिलेगी बल्कि ताजा हरी सब्जियां, सलाद मक्के की रोटी, शादी दाल लो, फैट, दूध और दही जैसी पौष्टिक चीजें आप अमरनाथ यात्रा के दौरान लंगर में खा पाएंगे। वैसे तो इस बार अमरनाथ यात्रा पर यात्रा की स्वास्थ्य सेवाएं भी बढ़ाई गई है।


 हर दो किलोमीटर के दायरे में आपको हेल्थ फैसिलिटीज उपलब्ध होगी और रास्ते में 100 से भी ज्यादा एम्बुलेंस मौजूद रहेगी ताकि कभी भी किसी भी यात्री को इमरजेंसी मेडिकल हेल्प की जरूरत पड़ती है तो तुरंत उसको मेडिकल फैसिलिटीज मुहैया कराई जा सके। है ना तो कुल मिलाकर के अमरनाथ यात्रा पर  इस साल पहले से कही ज्यादा सुविधाएं मिलेगी। आरटीओ ने एक हाईटेक हैल्थ कैम्प भी तैयार किया और सिक्यूरिटीज के मामले में भी इस बार अमरनाथ यात्रा में कई सारे एडवांस टेक्नोलॉजी वाली चीज़े आपको देखने को मिलेगी। देखिये आप अमरनाथ यात्रा में स्टिकी बम का खतरा भी मंडरा रहा था। 


उदयपुर में अभी हाल में जो कल घटना हुई उसके बाद चुनौतियां और भी ज्यादा बढ़ जाती है और ऐसे में इन माहौल को देखते हुए अमरनाथ यात्रा में इस साल डेढ़ गुना जवान भी बनाए गए। अगर आसमां से भी कोई दुश्मन आतंकवादी हमला करने की कोशिश करेंगे तो उनकी नाकाम हरकतें हवा में ही साफ हो जाएगी। पहली बार अमरनाथ यात्रा में केन्द्र सरकार की तरफ से साढ़े 300 कंपनियों को तैनात किया गया। जम्मू कश्मीर पुलिस के जवान अलग से होंगे तो इस बार आपको सुपर एक्सक्लूसिव डिफेंस एंड प्रोटेक्शन मिलेगा। अमरनाथ यात्रा के दौरान 3888 मीटर की उंचाई पर स्थित है। 


अमरनाथ बाबा की यात्रा यानि की लगभग चार किलोमीटर ऊपर आसमान में अमरनाथ यात्रा जो करते है न तो लगभग चार किलोमीटर ऊपर चढ़ते हैं। 42 दिन लंबी चलनेवाली ये यात्रा दो साल बाद हो रही क्योंकि दो सालों से तो कोरोना बाकी रहता है। इस वजह से अमरनाथ यात्रा इसलिये मतलब दो साल के बाद करवाई जानी और इस बार सबसे बड़ी एक और चुनौती ये भी है। दोस्तों के। जम्मू कश्मीर से जबसे धारा 370 हटाई गई। उसके बाद से ये पहली अमरनाथ यात्रा है और इसीलिए सरकार और प्रशासन इस बार सिक्योरिटी सुरक्षा के नाकाफी ज्यादा टाइट किए हैं। आइये देखते और समझते दोस्तों की इस बार अमरनाथ यात्रा में सिक्योरिटी लेंस किस तरह से काम करेंगे। इस साल अमरनाथ यात्रा में दो बड़े रिस्क एक  दोस्ती के बम और एक ड्रोन अटैक के दो बड़े खतरे, लेकिन प्रशासन की तरफ़ से सरकार की तरफ़ से इन दोनों ही खतरों को रैट्स को एलिमिनेट करने के पूरे इंतजाम कर दिए गए हैं। 



अमरनाथ यात्रा का पहला रूट क्या रहता ये आप देख हैं स्क्रीन पर और दूसरा रूट क्या रहता है। इसकी भी निगाह से आप देख सकते हैं। पहला रूट नीलग्रथ बालटाल से होता हुआ बराढ़ी और फिर ये पवित्र गुफा तक पहुंचता है। दूसरा रूट इधर पहलगाम चंदनवाड़ी जो जी बनाया कोटी से इस नाक में गिरा ये होता हुआ यहां से जाता है। ये रूट और देखिए पहला खतरा जो रहेगा कि बम का ये बहुत छोटे आकार के इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस मोदी जी ने आसानी से किसी गाड़ियां बस वगैरा के नीचे चिपका दिया जा सकता है और फिर बड़ी बात नहीं ने रिमोट के जरिए ब्लास्ट किया जा सकता है। लेकिन इन खतरों से बचने के लिए भी इस बार सेना के जवानों ने पूरी तैयारी कर रखी है। दूसरा का प्रावधान ड्रोन अटैक का तो ड्रोन अटैक को हवा में ही मार गिराने की क्षमता वाले इक्विपमेंट भी इस बार एडवांस टेक्नोलॉजी वाले डिफेंस हथियार जैसे आर्मी को सरकार की तरफ से दिए गए हैं तो ये दोनों ही खतरों से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। 


जैसा कि मैंने आपको बताया अमरनाथ यात्रा में पहली बार केन्द्र सरकार की साढ़े 300 कंपनियां तैनात की गई है। इसमें सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स भी जाने की सीएपीएफ के 40,000 से भी ज्यादा जवानों को तैनात किया गया है ताकि दर्शनार्थी जो श्रद्धालु वो बाबा बर्फानी के दर्शन और बाबा बर्फानी की यात्रा को बेखौफ होकर एंजॉय कर पाएं। थ्री लेवल सिक्योरिटी रहेगी। पहाड़ और जंगल पर  भी आर्मी रहेगी। ऊंची पहाड़ियों और घने जंगलों को सुरक्षित रखने का जिम्मा भी आर्मी का है। सभी लिंक रोड्स भी पूरी तरह से सिक्योर होंगी। यात्रा की निगरानी पूरी तरह से ड्रोन्स और सीसीटीवी कैमरे के जरिए की जाएगी। वही प्रशासन का कहना कि हमने जरूरी ठिकानों पर शार्प शूटर्स और स्नाइपर्स की तैनाती भी की है। 


एनडीआरएफ यूटीएस दियारा और एमआरटी को भी क्रिटिकल लोकेशंस पर तैनात किया गया। यात्रा में शामिल होने वाले वीकल्स और यात्रियों के लिए आरएफआईडी टैग भी दिया गया है। जम्मू कश्मीर पुलिस के अलावा ही केंद्रीय बलों की साढ़े 300 कंपनियां अलग है। मतलब जम्मू पुलिस लगाएगी। ये कंपनियां लगाएगी और भी केंद्र के आर्मी फोर्सेज भी रहेंगे। कौन सी फोर्स काा तैनात है, इसकी जानकारी भी आप देख सकते हैं। आर्मी फोर्स पहाड़ी एरियाज पर ज्यादा तैनात है क्योंकि घुसपैठ सीमा पार से हो सकती है। सीआरपीएफ के जवान रहेंगे यात्रा में सबसे ज्यादा जवान सीआरपीएफ के ही तैनात हैं।


 आम भक्तों के बीच होंगे और बेस कैंप से लेकर पैदल मार्ग तक की सुरक्षा भी करेंगे। बीएसएफ के जवानों की मुख्य जिम्मेदारी सीमापार से होने वाली घुसपैठ पर नजर रखने की होगी। वही बीएसएफ के जवान सीआरपीएफ के साथ भी सुरक्षा में मुस्तैद रहेंगे। कैम्प के आसपास और रोड ओपनिंग पार्टी की आरोपी के तौर पर भी सिक्युरिटी देंगे। जम्मू पुलिस की भी यही ड्यूटी रहेगी। लोकल इन फोर्स पुलिस को ही मिले। पूरे कोऑर्डिनेशन में सबसे बड़ी भूमिका जम्मू पुलिस की भी रहेगी। पुलिस के आला अधिकारी ही बाकी एजेंसियों के साथ मिलकर सिक्युरिटी प्लान। फाइनल करें। आईटीबीपी के साथ ही एसएसबी के जवानों को भी ड्यूटी पर लगाया गया है। इन्हें खासतौर पर मार्ग  की सुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया तो ये अलग अलग एरिया से और अलग अलग जोन के अकॉर्डिंग कोऑर्डिनेशन बिठा कर की सीख रहे। इस बार अमरनाथ यात्रा में बनाई जा रही है। बीते सात सालों का रिकॉर्ड आप देख सकते हैं। 


दोस्तों के किस साल अमरनाथ यात्रा में कितने लाख भक्त यात्रा करने के लिए जाते हैं। साल यात्रा में साढ़े 3 लाख भक्त गए थे। दो हज़ार 14 में 3,72,002 हज़ार 15 में भी साढ़े 3 लाख फिर दो हज़ार 16 17 18 में लगभग दो ढाई लाख तक भक्तों की संख्या देखने को रहीं। दो हज़ार 19 में बहुत ज्यादा भक्त गए थे। वापस साढ़े 3 लाख और दो हज़ार 20 और दो हज़ार 21 मैं आपको बताऊं कि यात्रा हुई नहीं थी। कोरोना के चलते दो हज़ार 22 में अमरनाथ यात्रा में अब तक 3 लाख से ज्यादा रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। देखिए आप। जम्मू कश्मीर के एसपी वेद। पूर्व डीजीपी का कहना कि राज्य के डीजीपी ही अलग अलग सिक्युरिटी फोर्सेज की टीम को हर जिले के एसएसपी के पास फोन से डिप्लायमेंट तय करते हैं। 


आरोपी की रोड ओपनिंग पार्टी में अहम रोल आर्मी का और सीआरपीएफ और बीएसएफ का होता है। वही जनरल एडमिनिस्ट्रेशन के लिए जम्मू कश्मीर पुलिस ही तैनात होती है। विजय कुमार आईजी का कहना कि इस साल स्टिकी बम और ड्रोन अटैक दो बड़े खतरे हैं, लेकिन इन दोनों से बचने का पूरा प्लान भी तैयार ड्रोन का जवाब तो हवा में दे दिया जाएगा। आना तो ये अमरनाथ यात्रियों के लिए कुछ राहत की बातें थी जो मैंने आपको बताने की कोशिश की। उम्मीद आपको भी जरूर जाने लिए होगी। इस बार हेल्थ फैसिलिटीज खानेपीने की सुविधाओं से लेकर सुरक्षा  तक के विशेष और कड़े इंतजाम किए गए हैं। अगर आप भी अमरनाथ यात्रा जा रहे आप या आपके दोस्त आपके परिवार फैमिली मित्र में से आपके जान पहचान का कोई भी जा रहा है तो बेस्ट ऑफ लक उनके लिए हमारी तरफ से हैप्पी जर्नी एकदम माता के चेलों के अपनी जर्नी को कंप्लीट करो।

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