National Highway: बिना टोल प्लाजा के हाईवे पर दौड़ा सकेंगे गाड़ी, सरकार लेकर आ रही ये नया System

 National Highway: बिना टोल प्लाजा के हाईवे पर दौड़ा सकेंगे गाड़ी, सरकार लेकर आ रही ये नया System




 दोस्तो एक वक्त था जब हम कोई भी सामान लेने के लिए बाजार में जाते थे। किसी से भी कोई भी लेनदेन करते थे तो पैसे हमें केस में रोकड़ देने पड़ते थे। लेकिन आजकल नेटबैंकिंग से भी एडवांस टेक्नोलॉजी यूपीआई जिसमें फोन पे पेटीएम, गूगल पे वगैरा के जरिए हम आसानी से किसी को भी पेमेंट कर सकते हैं। मतलब समय के अनुसार टेक्नोलॉजी में अपग्रेडेशन हमें देखने को मिलता रहता है। एक वक्त था जब हाईवे पर टोल टैक्स रोककर केश में काटे जाते थे। तब कितनी लंबी लाइन लगती थी। 


गाड़ियों का तेल बेचता था। आदमी का समय वेस्ट होता था। लेकिन आजकल फास्टैग टेक्नॉलजी आ चुकी है। जहां आपकी गाड़ी 10 सेकंड भी खड़ी नहीं रहती और आपका टोल टैक्स जमा हो जाता है। इससे आपको दीदार करना पड़ता है। आपकी गाड़ी का फ्यूल एक्स्ट्रा खर्च होता तो टेक्नोलॉजी में बदलाव और अपग्रेडेशन हमारी सुख सुविधाओं को बढ़ाते हैं। ठीक इसी तरह से सरकार अब हमारे देश में एक और नई प्लानिंग कर रही है कि देश भर से जितने भी नेशनल हाईवेज पर टोल टैक्स लगे हुए हैं उन सभी को हटा दिया जाएगा। यानी कि अब टोल प्लाजा नहीं रहेंगे। टोल टैक्स का पूरा सिस्टम ही बदल जाएगा। अब हमारे देश में एनपीआर सिस्टम लागू होगा।


 जल्दी एनपीआर सिस्टम का मतलब क्या होता है? 



एनपीआर का फुल समुदाय ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर। यह सिस्टम लागू होने के बाद आपको टोल टैक्स भी कम देना पड़ेगा। कम क्यों देना पड़ेगा ये भी अभी मैं आपको बताऊंगा। पूरी जानकारी समझेगा कि आखिर ये क्या है। एनपीआर सिस्टम और इसे किस तरह से हमारे देश से टोल प्लाजा हटा दिए जाएंगे और सरकार हमारे देश में क्या बड़ा बदलाव बिग चेंज लाने की प्लानिंग में है। एक भारतीय नागरिक होने के नाते आपको देश की खबर होनी चाहिए। इसकी शुरुआत देश के कुछ प्रमुख राज्यों से की जाएगी, जिसमें राजस्थान राज्य भी एक नंबर पर रहेगा। अब हाइवे पर लंबी लंबी लाइनों में लगने की जरूरत नहीं पड़ेगी और ना ही आपको ये टेंशन भी नहीं रहेगी कि कई टोल टैक्स पार करके बस आपको पाँच किलोमीटर दूर जाना है, लेकिन फिर भी अभी आपको पूरा टोल देना पड़ है। लेकिन अब आपको पूरा टोल भी नहीं देना पड़ेगा। दरअसल केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय एक नया कंसेप्ट लेकर आ रहा है। नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानि के एनएच एक ऐसा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे बना रहा है जहां एक भी टोल बूथ नहीं होगा। 


शुरूआत इस ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे से की जाएगी, लेकिन धीरे धीरे देश में सभी टोल प्लाजा को इसे रिप्लेस कर दिया जाएगा और इसका सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि व्हीकल के ओनर को उतने ही रुपए देने होंगे जितना वह हाइवे पर जाना है। आपको कई पास में ही जाना। टोल क्रॉस करके तभी आपको पूरा टोल टैक्स देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे आपकी पैसों की भी बचत होगी और आपको एक सेकंड भी कहीं रुकना ही होगा। सारा सिस्टम ऑटोमेटेड होगा, मगर इतनी एडवांस टेक्नोलॉजी होगी। ये एनपीआर  समझिए। इसमें होगा कैसे और आपका टोल टैक्स कैसे कटेगा। राजस्थान में एक सबसे बड़ा डेडिकेटेड एक्सप्रेसवे बना जहां से इस टेक्नोलॉजी की शुरूआत की जाएगी।


 पंजाब के अमृतसर से शुरू कर गुजरात के जामनगर तक ये ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे बनाया जा रहा और ये राजस्थान से भी जुड़ेगा। इसकी कनेक्टिविटी, पंजाब, हरियाणा और अरब सागर के बंदरगाह तक भी रहेगी। भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बनाए जा रहे इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे की राजस्थान में कुल लंबाई 637 किलोमीटर रहेगी, जबकि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात में इस प्रोजेक्ट की कुल लंबाई 1224 किलोमीटर रहेगी। अब समझिए आपके एएनपीआर सिस्टम क्या होता है? इस एक्सप्रेस वे पर कुछ लोकेशंस पर एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स बनाए जाएंगे। हालांकि कितनी दूरी बनी ने ये लोकेशन अभी तक तय नहीं है, लेकिन इन पॉइंट से ही गाड़ियों की एंट्री और एग्जिट कैलकुलेट की जाएगी। अच्छा समझिए अब आपका टोल टैक्स कैसे कटेगा। इस रेस में पर जब आप निकलेंगे तो इन पॉइंट्स के जरिये इन प्वाइंट पर हाई रिजोल्यूशन वाले कैमरे और नंबर प्लेट रीडर लगाए जाएंगे।


 जिससे आपकी गाड़ी केंद्र के उस हाइवे पर आपकी नंबरप्लेट ट्रेस हो जाएगी और ये पूरी डिटेल आपकी जाए। वो सेंट्रल कमांड सेंटर तक पहुंच जाएगी, जो केन्द्रीय टेंडर होगा। इस सिस्टम का वहां तक आपकी डिटेल्स पहुंच जाएगी कि आपकी फलाना नंबर वाली गाड़ी जाए और इस हाइवे पर इंट्री हो चुकी है। जब आप उस हाईवे से एग्जिट होगी तो वो एग्जिट पॉइंट भी उसी रिकॉर्ड में सेव हो जाएंगे। अब आपकी गाड़ी कहां से इंट्री हुई और कहां से एग्जिट हुई इस एक्सप्रेस हाईवे पर आपकी गाड़ी कोई कितनी किलोमीटर चली उसका कैलकुलेशन सेंट्रल कमांड सेंटर तक पहुंच जाएगा और उसे   एंट्री और एग्जिट प्वाइंट की दूरी का कैलकुलेशन के हिसाब से सीधे आपके बैंक अकाउंट से पैसे काट लिया। अब ये आपको बताएगा हमारे पास एक सिस्टम ने हमारी गाड़ी पर जो फास्टैग लगा हुआ था, वो स्कैन होता है और फास्टैग से रुपए कर दिए।


 हालांकि उस सिस्टम में भी एनपीआर वाले सिस्टम में भी पैसे आपके फास्टैग से कटने की फैसिलिटी भी होगी। मतलब फास्टैग आपका बीच में इस वालेट की तरह काम करेगा। कितने रुपये लगेंगे कि तो अभी जो टोल टैक्स काटा जाता है वो ₹1.10 से लेकर ₹1.70 प्रति किलोमीटर के हिसाब से काटा जाता है। लेकिन इस नए सिस्टम में चार्जेस क्या होगा? ये अभी तक क्लियर नहीं है, लेकिन मार्केट एक्सपर्ट का मानना है कि वर्तमान में जो प्रति किलोमीटर की राशि है, वही बेस प्राइस होगी और इसका आपको सबसे बड़ा फायदा होगा। ना वो ये होगा कि आप हाईवे पर कितने किलोमीटर चले हों, उस हिसाब से आपको पैसा देना पड़ेगा। ऐसा ही बहुत बार होता है कि हमें टोल टैक्स क्रॉस करके मान लीजिए। 


पाँच किलोमीटर दूरी जाना है, लेकिन इसके बावजूद भी हमें पूरा टोल चुकाना पड़ता है। उस रूट का जो भी टोल पैसा है वो राइट लेकिन अब आपको पूरा टोल टैक्स देने की जरूरत नहीं है। आप हाईवे पर पाँच किलोमीटर चलें तो आपको पाँच किलोमीटर के हिसाब से ही प्रति किलोमीटर के हिसाब से जो गाड़ी कैलकुलेशन 83 बनेगी, वही रुपए आपको देने पड़ेंगे तो इससे आपको कम दूरी तय करने पर कम टोल देना पड़ेगा। ज्यादा दूरी हाईवे पर चलने पर ज्यादा टोल देना पड़ेगा। ये जो ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे बन रहे हैं, इसके प्रोजेक्ट की डिटेल भी आप स्क्रीन पर देख सकते  हैं। 


तो देश भर में अभी तक लंबी ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे से सरकारी सिस्टम को ट्रायल मोड पर इंस्टॉल करने जा रही है और अगर ये टेक्नोलॉजी वाकई में सक्सेसफुल रही होगी कि यह सक्सेसफुल हो तो धीरे धीरे इसे देश भर के सभी नेशनल हाईवेज पर इंस्टॉल कर दिया जाएगा। आना तो उम्मीदें तो तुम टेक न्यूज की डायरी अपडेटेड इन्फॉर्मेशन आपको जरूर जानने मिली होगी। वैसे इस टेक्नोलॉजी पर आपकी क्या राय और क्या विचार है? को शेयर करना, हमारे चैनल डीटेल्स न्यूज को सब्सक्राइब करके बलाय को भी जरूर दबा दी जाएगा, ताकि आपको रोजाना के ताजा अपडेट्स और काम की कंपनी तुरंत आपके मोबाइल पर मिलती रहेगी।

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