Bakr Id/Eid ul-Adha Bakra Eid Date 2022 Jul10 Sunday बकरा ईद क्यों मनाई जाती है?Bakra Eid Kyu Manaya Jata Hai
Bakr Id/Eid ul-Adha Bakra Eid Date 2022 Jul10 Sunday बकरा ईद क्यों मनाई जाती है?Bakra Eid Kyu Manaya Jata Hai
प्रशासन ने कोई आधार और मैं आपका दोस्त इरफान अहमद। हर बार की तरह इस बार भी एक नई फोटो लेकर हाजिर हुआ। आपकी चेतना तो जैसा कि आप सभी को पता होगा कि बकरा आने वाली है, बकरा क्यों मनाई जाती है? इसके पीछे की सच्चाई क्या है।
जिससे हमारे एक्सपर्ट की मानें तो आपको सबसे पहले नीम के। हजारों साल पहले अल्लाह के पैगंबर हजरत इब्राहीम अलैहिस्सलाम को अल्लाह अपने बंदे व नबी से बहुत प्यार करता है। उसका इम्तिहान जरूर लेता है। कुछ इसी तरह था जो इब्राहीम अलैहिस्सलाम के साथ हुआ। एक बार हजरत इब्राहीम ने सलाम आराम फरमा रहे थे।
तभी आपको नींद आ गई तो आप रात में क्या देखते अल्लाह ने कहा आईए इब्राहिम?
मेरी राह में आपने सबसे प्यारी चीज को कुरबान करो। चुनांचे सुबह हुई तो आप ने सोचा कि नबी का ख्वाब कम गलत नहीं हो सकता तो आप के पास काफी तादाद में उस टाइम के दोस्त हुआ करते थे तो आपने 100 कुत्तों की कुर्बानी कर दी। फिर अगली रात में फिर गायब से आवाज आई हाय इब्राहीम। अपनी प्यारी चीज कुर्बान करो तो दूसरे दिन आपने 200 वोटों की कुर्बानी दी। फिर तीसरी रात में फिर वही गैप से आवाज आई। जैसे ही सुबह हुई तो आप सोचने लगे कि मेरी सबसे प्यारी चीज तो मेरा फरजंद यानी मेरा बेटा इस्माइल है। आप सोचने लगे कि कहीं अल्लाह ये तो नहीं देखना चाहता कि मैं अपने फरजंद से ज्यादा प्यार करता हूं या अपने खाली के फटे कि से। बस फिर क्या था जब ये बात जहन में आई तो आप आप ने इरादा कर लिया कि अपने अजीज को राय उठा में कुर्बान करूंगा।
फिर अपनी बीवी का जत्थे हाजरा से कहा आई हाजरा मेरे बेटे को गुस्ल कराओ। नए कपड़े पहनाओ और खुद मुंह लगा के बिल्कुल इसको तैयार कर दो आरिफ को दूल्हा बना लो। आज हम अपने दोस्त के घर दावत पे जानी हैं। बीबी हाजरा खुश होकर अपने बेटे को तैयार करने लगी। फिर हजरत इब्राहीम मां ने सलाम अपने बेटे को लेकर फिलिस्तीन से मक्का की तरफ रवाना होने लगे। तभी शैतान आया और बीवी हाजरा से कहने लगा आई हाजरा तुम्हें पता भी है। आज इब्राहीम अपने दोस्त के घर नहीं बल्कि तुम्हारे बेटे इस्माइल को मारने के लिए ले की जा रही है। बीबी हाजरा ने कहा, मैं इब्राहिम को अच्छी तरह जानती हूं।
Bakr Id/Eid ul-Adha Bakra Eid Date 2022 Jul10 Sunday
भला एक बाप अपने बेटे को क्यों मारेगा। शैतान ने कहा, इब्राहीम ने साथ में देखा कि अल्लाह की तरफ से तुम्हारे बेटे को कुर्बान करने के लिए लेकर जा रही है तो बीवी हाजरा फकर से कहने लगी। ऐसा कौन तुमपर अल्लाह की लानत हो। अगर मेरा बेटा अल्लाह की राह में कुर्बान होने जा रहा है तो इस ऐसे हजारों बेटे अल्लाह की राह में कुर्बान हो जाएंगे। फिर फायदा हजरते इस्माइल के पास आया और बोला तुम्हें पता भी है। तुम्हारे बाबा तुम्हें कहां ले जा रहे हैं। तुम्हें वो अल्लाह की राह में कुर्बान करने के लिए ले जा रहे हैं तो हदीस लाल ने फरमाया। अगर मैं अल्लाह की राह में कुर्बान हो जाऊं तो इससे बड़ा खुशनसीब और कौन हो सकता है।
फिर शैतान भी यही सवाल लेके हजरते इब्राहीम अलैहिस्सलाम के दरमियान गया और कहा, तुम्हारा प्यारा तुम्हारे प्यारे बेटे को क्यों कुर्बान कर रहे हैं। तुम्हें क्या पता भी है मारी कुर्बानी कुबूल होगी या नहीं। कितनी देर हो जाती। इब्राहीम अलैहिस्सलाम पत्थर उठाते और शैतान पर लानत करते वो पत्थर मारते। बताया जाता है तभी से मक्का समेत में हज के दौरान शैतान को पत्थर मारा जाता है। फिर आप आगे बढ़ने लगे। फिर आप अपने प्यारे से फरजंद से फरमाते हैं। आपको पता है हम आपको अल्लाह की राह में कुर्बान करने के लिए लेके जा रहे हैं। तभी हजरते इस्माईल अलैहिस्सलाम कहने लगे बाबा इससे बेहतर मेरे लिए और क्या होगा कि मुझे अल्लाह की राह में एक अल्लाह का नबी कुर्बान करें।
लेकिन बाबा मेरी एक इल्तिजा है कि जब मेरा गला काटेगा तो आप देख नहीं पाएंगे तो रास्ते से मेरे हाथ और पांव अच्छे से मान लेना बाबा मैं चाहूंगा कि आप अपने आखों में पट्टी बांध लें ताकि आपको रहम ना आ जाए। बस फिर हजरते इब्राहीम अलैहिस्सलाम ने अपने बेटे के हाथ और पैर और अपने आखों में पट्टी बांध ली और अपने हाथों में छुरी लेकर आसमान की तरफ देखा और कहा अल्लाह देख अगर तू हजारों इस्माइल देता तो हजारों भी हजारों कुर्बान कर देता। यह करके जैसे छुरी गर्दन की तरफ ले जाने लगे तो फौरन अल्लाह ने हजरते जिब्राइल अलैहिस्सलाम से का एक जिब्राइल जन्नत से एक जानवर लेकर जा और इस्माईल को हटा के उस जानवर को पूरा दिन इब्राहीम अपने इम्तहान में पास हो गया।
जैसे आपने छुरी को फिरा फेरते फेरते जब खून बहने लगा तो आप ने आखों से पट्टी खोला तो क्या देखते हैं कि उनका बेटा सही सलामत है और उनके साथ खड़ा है। नीचे देखा तो एक दुम्बा जिनको हम फिर बोलते हैं वो कुरबान हो चुका था। हजरते इब्राहीम अल्लाह का शुक्रिया अदा किया और गर्व से आवाज आई इब्राहीम इस इम्तिहान पास। यह अब तक याद रखा जाएगा और तेरी सुन्नत को ईमान वाले हर साल याद करेंगे और अल्लाह को अल्लाह की राह में कुर्बानी पेश करेंगे। तभी से यह सिलसिला शुरू हुआ। ईद के 70 दिन बाद यानी दो महीने 10 दिन बाद बकरीद मनाया जाता है। हिंदुस्तान पाकिस्तान, बांग्लादेश और तमाम देशों को तीन दिन तक यह त्योहार मनाया जाता है और गल्फ देशों में सात दिनों तक कुर्बानी होती है, जिसमें दुम्बा, बकरा और तमाम जानवरों को कुर्बान किया जाता है। कुर्बानी के दोस्त के तीन हिस्से बनाए जाते हैं।
पहला हिस्सा गरीबों के लिए दूसरा हिस्सा रिश्तेदारों के लिए हुआ मुहल्ले वालों के लिए और तीसरा हिस्सा खुद के घर और दोस्तों के लिए किया जाता है। बकरा ईद को ईद उल अजहा भी कहा जाता है जो लोग भी कुर्बानी कर रहे हैं, वो लोग खासकर गरीबों को जरूर तकसीम करें। दुबई जैसी कंट्रीज में 7 से 10 दिनों तक कुर्बानी का बोनस मिलता रहता है तो फ्रेंड्स आशा करता हूं कि सब्जी वाले आपको पसंद आए लोग दोस्तों के साथ शेयर करें।
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