2050 तक 250 करोड़ लोग हो सकते हैं बहरे: हेडफोन से दुनिया में लोग बहरेपन का हो रहे शिकार, फ्रांस में 25% लोग प्रभावित
2050 तक 250 करोड़ लोग हो सकते हैं बहरे: हेडफोन से दुनिया में लोग बहरेपन का हो रहे शिकार, फ्रांस में 25% लोग प्रभावित
दोस्तो, आगरा भी हेडफोन का इस्तेमाल करते हैं तो जरा सावधान हो जाइए क्योंकि हालिया वैज्ञानिकों की रिसर्च जानकर आप चौंक जाएंगे। जहां देगी आप कि साल दो हज़ार 50 तक दुनियाभर में ढाई 100 करोड़ लोग बहरे हो सकते हैं। जहां बड़े ही चौंकाने वाले आंकड़े वैज्ञानिकों ने जारी किए हैं। देखिए वैज्ञानिक रिसर्च में ये पाया गया कि हेडफोन से दुनिया में लोग बहरेपन का शिकार हो रहे फ्रान्स देश का डेटा रहा कि यहां पर 25% लोग प्रभावित हुए। यानि कि 100 में से 25 लोग बारे हो रहे।
हेडफोन की वजह से ये फ्रांस देश में बहरेपन को लेकर रिसर्च हुई और इस रिसर्च में 18 से पीछे तक साल की उम्र के लोगों को शामिल किया गया। इसमें शामिल होने वाले लोगों की कुल संख्या 1,86,460 थी, जिसमें से कितने लोग बहरे पाए गए जिनकी सुनने की क्षमता कम पाई गई। ये आकड़ा देखकर आप भी हैरान हो जाएंगे और शायद हो सकता है कि आपको भी हेडफोन से डर लगने लगे। हेडफोन के और तो कई सारे साइड इफेक्ट चार गंभीर बीमारियां भी आपको हेडफोन से हो सकती है, लेकिन सबसे ज्यादा प्रोब्लम जो हेडफोन से देखी जाती है वो होती है। बहरेपन की और हाल में जो वैज्ञानिक रिसर्च में आकड़े आये वो तो वाकई में चौंका देने वाले।
फ्रांस के नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ हेल्थ एंड मेडिकल इस्टीट्यूट के रिसर्च में ये पता चला है कि फ्रांस देश में 4 में से एक व्यक्ति को सुनने में परेशानी हो रही है और वे धीरे धीरे बहरे होते जा रहे हैं। मतलब यहां की 25% आबादी से प्रभावित हो रही है। डिप्रेशन और शोर से भी लोगबाग बहरेपन का शिकार हो रहे। पहली बार फ्रांस में इस तरह की रिसर्च बड़े लेवल पर की गई है, जिसमें 18 से भी 14 साल की उम्र के लगभग पौने 2 लाख लोगों को शामिल किया गया।
रिसर्च करने वालों का मानना है कि पहले केवल छोटे लेवल पर ही जांच की गई थी, लेकिन इस बार की गई रिसर्च के मुताबिक लोगों को सुनने में समस्या लाइफस्टाइल, सोशल आइसोलेशन व डिप्रेशन तेज आवाज के संपर्क में आने के कारण भी हो रही और इस रिसर्च में सामने आए। आकड़ों को अगर भविष्य में देखा जाये तो साल दो हज़ार 50 तक ढाई 100 करोड़ लोग बहरे हो सकते हैं। बहरे होने के पीछे ना केवल हेडफोन या ईयरफोन ही है बल्कि डिप्रेशन सुगर वगैरा की बीमारी। इसकी वजह से भी बहरेपन की समस्या की सुनने की समस्या लोगों ने हो रही है। कुछ लोगों में अकेलेपन और शहरों में रहने वाले लोगों का शोर ध्वनि प्रदूषण जो गाड़ियों वगैरा की वजह से होता है।
इस वजह से भी लोगों में बहरेपन की समस्या हो रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन यानि की डब्ल्यूएचओ के मुताबिक दुनिया भर में लगभग डेढ 100 करोड़ लोग किसी न किसी रूप में सुनने की समस्या को महसूस करें और ये संख्या साल दो हज़ार 50 तक बढ़ कर ढाई 100 करोड़ होने की संभावना है। अभी फ्रांस में 37% लोग ही ईयररिंग का इस्तेमाल करते हैं। धूम्रपान करने वाले और उच्च बीएमआई वाले लोग भी हियरिंग एड का कम इस्तेमाल करें। एरिक एड जो की साइंटिफिक मसीन होती है जो कम सुनने वाले लोग कान में लगाते हैं और आने वाले समय में ये मशीन लगाने वालों की संख्या भी बढ सकती है। अच्छा हेडफोन के कुछ और साइडइफेक्ट की तो ये चार बीमारी आपको हेडफोन से हो सकती है।
बहरापन तो आप समझ ही गए जो लोग ज्यादातर दिन रात हेडफोन को कानों में ठूंसे रहते हैं। उनमें धीरे धीरे सुनने की क्षमता कम होने लगती है। डॉक्टर्स की माने तो तो तो ये फोन का ज्यादा उपयोग करने से कानों में छन छन की आवाज आना। चक्कर आना, नींद ना आना, सिर और कान में दर्द आदि जैसे लक्षण भी दिखाई देने लगते हैं। हमारे कानों की सुनने की क्षमता सिर्फ डेसिबल तक होती है जो धीरे धीरे 40 से 50 डेसीबल तक कम हो जाती है, जिससे बहरेपन की शिकायत होने लगती है। हेडफोन के साइडइफेक्ट ने गंभीर बीमारियां भी दिल की बीमारी हेडफोन पर तेज आवाज में लगातार म्यूजिक सुनने से ना सिर्फ कानों को नुकसान होता, बल्कि दिल पर भी इसका बुरा असर पड़ता है।
इतना ही नहीं उम्र बढ़ने पर कैन्सर जैसी गंभीर बीमारी का खतरा भी इस की वजह से बढ जाता है। इसलिए डॉक्टर्स हेडफोन पर कम आवाज में म्यूजिक सुनने की सलाह देते हैं। जो लोग ज्यादातर हेडफोन का इस्तमाल करते हैं। इस गैर काम आजकल दोनों गाड़ियों में चलते टैंपर्ड हेडफोन का इस्तेमाल करते हैं। क्यूंकि वायरलैस ब्लूटूथ हेडफोन का चलन बढ़ गया है तो ऐसे में ज्यादातर लोगों में कान का संक्रमण भी देखा जा सकता है। सिरदर्द का खतरा भी रहता है और ऐसे में हेडफोन से होने वाले इन साइडइफेक्ट से बचने के लिए आप क्या कर सकते हैं। वैज्ञानिक डेटा के मुताबिक दिनभर में आपको 60 मिनट से ज्यादा ईयरफोन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। मैक्सिमम आप 24 घंटे में से एक घंटा हेडफोन लगा लेना तब तक ठीक है। लेकिन कई लोग 551010 घंटे अपने कानों में फोन को लगाए रखते हैं जो बिल्कुल गलत है।
इसके अलावा जब भी हेडफोन्स का इस्तेमाल करें तो अच्छी क्वालिटी के फोन का इस्तेमाल करें और आवाज को थोड़ा धीमा रखें। इन बचाव के उपाय को करकर आप हेडफोन्स होने वाले साइडइफेक्ट से थोड़ा कम प्रभावित हो सकते हैं। बाकी तो ये चीजें आप समझ सकते हैं कि टेक्नोलॉजी जितना ज्यादा में फायदा और फ्लेक्सिबिलिटी सुविधाएं देती है, उतना ही इसके साइड इफेक्ट भी हैं। मोबाइल फोन का ज्यादा इस्तेमाल करना भी हमारी सेहत के लिए हानिकारक है। कई तरह से क्योंकि आजकल जैसे जैसे मोबाइल का चलन बढा इससे हमारी मेंटल हेल्थ पर भी प्रभाव पड़ता है।
मतलब मानसिक स्वास्थ्य भी खराब होता है। ज्यादा मोबाइल का इस्तेमाल करने से और सोशल मीडिया पर हम कई सारे सीखिए देखते हैं, जिनसे हमें डिप्रेशन होता है। तनाव होता है मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल करना अकेलापन की भी एक बीमारी है। इससे हमारा लोगों का सोशलाइजेशन कम होता है। हम लोगों से कम घुलते मिलते हैं। बातचीत करना कम कर देते हैं। जो लोग दिन रात मोबाइल में गुजारते हैं, उनकी ये भी समस्याएं होती हैं तो कहने का मतलब ये है न तो चीजों को अगर बैलेंस रूप से इस्तेमाल करें। लाइफ में तो उनका फायदा ज्यादा और ध्यान कम लेते हैं और वहीं हाथ से ज्यादा आती। हर चीज की खराब होती आपको पता होंगे उम्मीदें ये थोड़ी सी काम की न्यूज इन्फॉर्मेशन आपको जरूर जानने के लिए होगी।
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