इन खातों में जमा राशि को DEA में ट्रांसफर करेगा RBI, चेक करें कहीं आपका भी पैसा तो नहीं SBI, PNB, केनरा बैंक सहित खाता वालों के लिए RBI
इन खातों में जमा राशि को DEA में ट्रांसफर करेगा RBI, चेक करें कहीं आपका भी पैसा तो नहीं SBI, PNB, केनरा बैंक सहित खाता वालों के लिए RBI
दोस्तों अगर आप कभी नहीं खाता चाहे किसी भी प्राइवेट या सरकारी बैंक में आपका अकाउंट है। ऐसे में भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई की ओर से जो नई गाइडलाइंस आई आपको जरूर जान लेनी चाहिए। दरअसल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से सभी बैंक ग्राहकों के लिए एक महत्वपूर्ण अलर्ट जारी किया गया है। फिर चाहे वो आपका बैंक खाता, एसबीआई, पीएनबी, केनरा बैंक, एसडीएफसी, आईसीएसई वगैरह किसी भी प्राइवेट या गवर्नमेंट सेक्टर में है तो भी आपके लिए ये नया नियम लागू होगा।
देखिए आरबीआई ने क्या कहा कि 10 साल से अधिक समय से ओपरेटर नहीं किए गए। सेविंग और करंट अकाउंट या टर्म डिपोजिट अकाउंट जिनका कोई दावा नहीं किया गया हो। उन्हें अब अनक्लेम्ड डिपोजिट के तौर पर चिन्हित किया जाएगा और ऐसे खातों में जमा पैसे को डिपॉजिट एजुकेशन एंड अवेयरनेस यानि की डीजी के फंड में ट्रांसफर किया जाएगा, जिसकी देखरेख आरबीआई खुद करेगा। यानि कि अब एसेम्बली ऐसे बैंक खाते आपका करंट अकाउंट चाहें सेविंग अकाउंट चाहें, आपका डी अकाउंट टर्म डिपॉजिट वगैरा को चुनिए। आपने 10 साल तक अगर आपके बैंक खाते की पैसों की कोई खबर नहीं ली।
आपने बैंक खाते में कोई लेन देन नहीं किया। कभी आप बैंक गए नहीं। आपके खाते के बारे में कभी कोई इनक्वायरी नहीं की है तो 10 साल से अगर आपका बैंक खाता बिल्कुल फ्री है तो ऐसे सभी खातों को रिजर्व बैंक आप बिना दावे वाली कैटेगरी में डाल देगा और ऐसे खातों में जितना भी फंड पढ़ना उस फंड को डी यानि की डिपोजिट एजुकेशन एंड अवेरनेस फंड में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। जिसकी देख रेख खुद आरबीआई करेगा तो ऐसे में आपके लिए जो ध्यान देने वाली यहां पर दो महत्वपूर्ण बातें हैं। एक तो कई बार होता है ना कि हम भी कई सारे पुराने बैंक अकाउंट जो हमारे को लगे थे, उनको हम अपडेट नहीं करते, वो एक्सेस नहीं कर देंगे।
आजकल नए खाते खोले तो पुराने वाले खाते में अगर थोड़ा बहुत बैलेंस पड़ा तो वो पड़े रहता है और ऐसे में ध्यान रखेगा। अगर उसकी टाइम लिमिट टेन्योर से बाहर निकल जाती है तो फिर आप उस पैसे का इस्तेमाल आसानी से नहीं कर पाएंगे क्योंकि आरबीआई खुद उस फंड को डीडी में ट्रांसफर कर देगा तो आप कभी ऐसा कोई पुराना बहुत ज्यादा पुराना बैंक खाता जिसको आपको लगता है कि ऐसा सालों हो गया तो चेक कर लीजिए। उसने कांता डिक्शन को मानिए रेटिंग करना दूसरी जो सबसे महत्वपूर्ण चीज़ है वो ये दोस्तों कि हम में से कई बार होता है कि हमारे घर में परिवार में किसी सदस्य की जान चली जाती है। कोई एक्सीडेंटल घटना की वजह से या कोई नेचुरल डेथ थी। मान लीजिए किसी के दादा दादी का स्वर्गवास हो गया और अगर दादा दादी ने बैंक खाता खुलवाया हुआ था, लेकिन आपने ध्यान नहीं दिया कि दादा दादी का बैंक खाता आपने कभी चेक नहीं किया। आप कभी गए नहीं उसमें कितने पैसे जमा थे वगैरह वगैरह आपको फुर्सत नहीं मिले।
आपने देखा नहीं और अगर उस टाइम को 10 साल से ज्यादा होने में है या हो चुके हैं तो आप से बैंक खाते में जमा पैसों को बीडी एक को ट्रांसफर कर देगा। आरबीआई तो कहने वाले ये है कि आपके परिवार में भी अगर ऐसा कोई सदस्य जो आपके बीच नहीं रहा। इस दुनिया में उसको काफी समय हो गया तो हो सकता कि उसका कोई बैंक खाता हो तो आप उसके डॉक्यूमेंट्स एक बार चेक कर ले और उसके खाते की पड़ताल कर ले और उसमें ट्रांजेक्शन गुमा दें। टिकना वरना उसका फंड या फिर वो आरबीआई के कंट्रोल में चला जाएगा। आरबीआई ने कहा कि बिना दावे की जमा राशि को लेकर हमेशा से कैंपेन चलाया जा रहा है, लेकिन उसके बाद भी ऐसे माहौल में बढोतरी देखी जा रही है। बैंकों के जरिए अपने ग्राहकों को मेल या मोबाइल पर अलर्ट भी भेजा जाता है और बिना दावे की राशि के बारे में आगाह भी किया जाता है। बैंक लोगों को सचेत करने के लिए समय समय पर कैम्पेन चलाते हैं। इसके बावजूद अनक्लेम्ड जमा राशि में लगातार बढ़ोतरी होनी है और इसीलिए आरबीआई ने ये खास फंड बनाया। बिना आय वाले इन पैसों के बारे में सरकार भी जवाब दे चुकी है।
पिछले साल संसद में ये मुद्दा उठा था कि जिसके बारे में वित्त राज्यमंत्री भगवत करार ने कहा था कि देश के अलग अलग बैंकों और बीमा कंपनी के पास लगभग उन 50,000 करोड़ रुपए लावारिस यानी की बिना दावे के पड़े हैं। इसका अर्थ यह हुआ कि इस राशि को पूछने वाला कोई है ही नहीं। ये अगर 31 दिसंबर 2 हज़ार 20 तक का है और हो सकता है कि अभी तक इसमें और भी ज्यादा बढ़ोतरी हो गई तो इसमें रिजर्व बैंक का कहना है कि बिना दावे वाली राशि की मात्रा साल दर साल बढ़ती जा रही है। इस तरह के पैसों के लिए साल दो हज़ार 14 में आरबीआई ने भी यह फंड बनाया था।
इस फंड में बिना दावे वाले पैसे को ट्रांसफर कर दिया जाता है। हालांकि बाद में ग्राहक चाहें तो अपने बैंक से ब्याज सहित पैसा वापस ले सकता है, लेकिन आपको फिर काफी फॉर्मेलिटीज करनी पड़ेगी। प्रोसेस काफी लंबी हो जाएगी। समस्या बहुत ज्यादा आएगी तो क्यों इस झंझट में फंसे इससे अच्छा आपने अगर 10 साल तक लगभग होने में और किसी बैंक खाते से कोई लेनदेन नहीं किया तो उसमें ट्रांजैक्शन कैसे होंगे। उम्मीदें दोस्तों ने जब देश को लेकर एक बड़ी खबर आपको जरूर जानने मिलेगी और वे आपके मन में इससे संबंधित कोई सवाल जवाब है तो मुझे नीचे कमेंट करके पूछेगा में रिप्लाई करने की जरूर कोशिश करूँगा।

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