Private Company Government Update: नौकरीपेशा के लिए खुशखबरी! नियोक्ता की ओर से मिलने वाली कई सुविधाओं पर नहीं लगेगा जीएसटी, क्या है आदेश?
Private Company Government Update: नौकरीपेशा के लिए खुशखबरी! नियोक्ता की ओर से मिलने वाली कई सुविधाओं पर नहीं लगेगा जीएसटी, क्या है आदेश?
दोस्तो प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले सभी कर्मचारियों के लिए यानि की प्राइवेट नौकरी करने वाले लोगों के लिए बड़ी खबर आ रही है। गवर्मेंट की तरफ से एक बड़ा फैसला लिया गया है। जहां देखिए बड़ी खबर। नौकरी पेशा लोगों के लिए खुशखबरी। नियोक्ता की ओर से मिलने वाली कई सुविधाओं पर अब नहीं लगेगा। जीएसटी। आखिर क्या है गवरमेंट का आदेश और इससे आपको क्या फायदा होगा। आइए देखते हैं। दरअसल बात कुछ यूं है न कि केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड की तरफ से उद्योग जगत की काफी लंबे समय से ये मांग आ रही थी और इसी को लेकर ये सर्कुलर जारी किया गया।
मतलब केन्द्रीय अप्रत्यक्ष एवं सीमा शुल्क बोर्ड सीबीडीटी की ओर से एक नया सर्कुलर जारी किया है। इस सर्कुलर को जारी करने के पीछे काफी समय से उद्योगपति जो मांग कर रहे थे। इस सर्कुलर में कहा गया कि नियोक्ता और कर्मचारी के बीच होने वाले करार में कर्मचारी को जो मिलने वाली सुविधाओं और भत्तों को भी शामिल किया जाता है। लिहाजा इस पर अलग से जीएसटी लगाने का कोई औचित्य नहीं है। जी हां, कहने का मतलब समझने वाला ये उन दोनों तरीकों के कर्मचारी के लिए अच्छी खबर और बड़ी खबर खबरें। चाहे आप रेगुलर कहीं प्राइवेट जॉब करते हैं, चाहे आप कई बार कॉन्ट्रैक्ट पर काम करें।
उत्तेजन आदि नियोक्ता की ओर से जो मिलने वाले भत्ते और सुविधाएं होंगी जो आपको मिले होंगे उनपर आपको जीएसटी नहीं देना पड़ेगा। कहने का मतलब सिंपल ये दो तो इतने दिन इसको लेकर क्लेरिफिकेशन नहीं था, लेकिन सीबीआईसी की तरफ से केंद्रीय प्रत्यक्ष सीमा शुल्क बोर्ड की तरफ से एक सर्कुलर जारी कर इसमें स्पष्टीकरण दे दिया गया । सीबीएसई के मुताबिक नियोक्ता की ओर से कर्मचारी को मिलने वाली जो सुविधाएं जो पट्टे होंगी, उनको जीएसटी के दायरे से बाहर रखा जाएगा। ऐसे में मामलों में जुर्माना भी तभी लगाया जाएगा जब फर्जी इनवाइस के जरिये बिना उत्पाद सप्लाई किए टैक्स चोरी की जाएगी। सीबीएसई ने ये सर्कुलर पिछले दिनों ही जीएसटी परिषद की हुई बैठक में फैसले के बाद जारी किया है। देखिए आम क्या क्या फैसिलिटी जो कंपनी की तरफ से आपको मिलेगी जो क्योंकि कंपनी और एक कर्मचारी के बीच मान लीजिए।
आप कई कर्मचारी प्राइवेट जॉब करते हैं तो कंपनी और आपके बीच जो बॉन्डिंग है जो समझौते हैं उनमें क्या क्या सर्विस मिलने पर आपको जीएसटी नहीं देना पड़ेगा। इन सुविधाओं में कर्मचारी को मिलने वाला एचआरए टर्म इन्श्योरेंस का प्रीमियम हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम अगर कंपनी आपको अपनी तरफ से कोई फैसला ले रही है, उसपर भी आपको जीएसटी नहीं देना पड़ेगा। नियोक्ता के स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की फीस इलाज पर कंपनी की ओर से किया गया। भुगतान फूड कूपन ये चीजें शामिल है। वैसे तो इस पर पहले भी जीएसटी नहीं वसूला जाता था, लेकिन अधिकारियों और उद्योग जगत की मांग के बाद सीबीएसई ने सर्कुलर जारी कर स्पष्ट कर दिया। हालांकि पहले भी इन चीज़ों पर जीएसटी ही लग रहा था, लेकिन अब सीबीएसई ने ये क्लेरिफिकेशन दे दी। अरस्तु की इन चीजों पर आगे भी भविष्य में भी जीएसटी नहीं लगेगा।
फिलहाल के नियमों के मुताबिक आगे सरकार अगर कोई नियम में संशोधन करती तो बात अलग है, लेकिन फिलहाल जो क्लेरिफिकेशन जारी किया जो कन्फ्यूजन था उसको दूर कर देंगे। उद्योपति काफी दिनों से मांग करते थे। उद्योग जगत के लोग बात तो आखिरकार सीबीएसई ने क्लेरिफिकेशन जारी कर दिया कि एक ही कंपनी और एक के कर्मचारी यानी कि आप और आपके जैसे इंडिया जहां प्राइवेट सेक्टर में आप काम करते हैं तो उससे जो और इम्प्लॉई के बीच जो समझौते होते हैं सेट और इम्प्लॉई के बीच जो सेंट के द्वारा दिए जाने वाले बेनिफिट सोते हैं। मान लीजिए सेट आपको कोई सीरियस पॉलिसी देना आपके बच्चों की स्कूल फीस भरना आपके हॉस्पिटल का भुगतान करना तो इन चीजों पर आपको जीएसटी देने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
समझिए ना कहने कमल सिंबल। ये मतलब एक प्राइवेट नौकरी करने वाले लोगों के लिए क्लेरिफिकेशन जो जारी किया गया। सीबीएसई की ओर से उम्मीद आपको इन फोरम से न्यूज अपडेट जरूर जानने मिली होगी।

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