Rakshabandhan 2022: राखी बांधते समय क्यों लगाते हैं उसमें तीन गांठें? जानिए इसका कारण और महत्व

 Rakshabandhan 2022: राखी बांधते समय क्यों लगाते हैं उसमें तीन गांठें? जानिए इसका कारण और महत्व





दोस्तो, रक्षाबंधन सिर्फ एक त्योहार ही नहीं बल्कि भाई और बहन के बीच रिश्ते को और भी ज्यादा मजबूत करने का पर्व है। भाई बहन के बीच के प्रेम का प्रतीक है। इस दिन बहनें राखी बांधकर उनकी सलामती और सुखमय जीवन की कामना करती हैं। साथ ही एक भावनात्मक जुड़ाव को और मजबूती प्रदान करती है। रक्षाबंधन का पर्व हर साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है और इस बार जैसा कि आपको बताऊंगा रक्षाबंधन 11 अगस्त को है। 11 अगस्त गुरूवार के दिन रक्षाबंधन तो है, लेकिन आपको कुछ महत्वपूर्ण बातें और नियमों को जरूर जान लेना चाहिए। इससे पहले कि आप अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधी सबसे पहला मन में आपके सवाल आ रहा होगा। दोस्ती की रक्षाबंधन की जो रक्षासूत्र उतारा राखी उसकी कितनी गांठें भाई की कलाई पर लगानी चाहिए क्योंकि अगर आप ज्योतिष के मुताबिक सही कांटे नहीं लगाते हो तो भाई की कलाई पर राखी बांधना अशुभ माना जाता है। इसके अलावा रक्षाबंधन से संबंधित कुछ और महत्वपूर्ण नियम हैं जो आपको जरूर ध्यान में रखनी चाहिए। जैसे कि कपड़े पहनने से संबंधित नियम रक्षाबंधन पर राखी बांधते समय किस दिशा में मुंह करके आपको खड़ा रहना चाहिए। ये कुछ छोटी छोटी बातें ध्यान में रखनी चाहिए। ये वाकई में बहुत ज्यादा पॉजिटिव प्रभाव डालती हैं। हिन्दू धर्म में वैसे तो हर त्योहारों को खास माना जाता है, मगर रक्षाबंधन एक बेहद ही महत्वपूर्ण पर्व है। ये भाई के प्रेम और रिश्ते को दर्शाता है। इस पर्व का इंतजार बहन और भाई दोनों को ही रहता है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती उनकी लम्बी आयु के लिए कामना करती है। ये




त्योहार भाई बहन के पवित्र रिश्ते, स्नेह और प्रेम का प्रतीक माना जाता है और ऐसे में सभी बहनों को अपने भाई की राखी बांधते बांधते कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए। सबसे पहले बात करें कि कितनी गांठें लगाएं रक्षा सूत्र बांधने आना तो आपको बता दूं। राखी पर तीन गांठें लगाना बेहद शुभ माना जाता है। राखी में जो तीनों गांठें लगाई जाती है, वह भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश को समर्पित मानी जाती है। साथ ही तीनों कांटों का अलग अलग महत्व भी है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक रक्षा बंधन पर जो तीन गांठें लगाई जाती है। इनका संबंध तो ब्रह्मा विष्णु महेश से है और कहा जाता है कि राखी की पहली गांठ भाई की लंबी उम्र के लिए होती है। दूसरी गांठ बहन की स्वयं की लंबी आयु के लिए होती है और तीसरी गांठ भाई और बहन दोनों के रिश्तों में मिठास लाने और सुरक्षित रखने के लिए मानी जाती है। ऐसे में राखी बांधते समय हमेशा तीन गांठे लगा तीन गांठे लगाना बेहद शुभ माना जाता है। कुछ और नियम रक्षाबंधन पर आपको जरूर पालन करना चाहिए। जैसे कि रक्षाबंधन के दिन भाई बहन को स्नान करने के बाद नए वस्त्र धारण करने चाहिए और जहां तक हो सके। पीले रंग के वस्त्र पहने या लाल कलर के वस्त्र पहनें। तो ज्यादा होता काले रंग के कपड़े आज के दिन न पहनें। साथ ही शुभ मुहूर्त में राखी बनवाते बनवाते भाई अपने सिर पर कोई रूमाल रख लें। मान्यता है कि खाली सिर करके राखी नहीं बनवानी चाहिए। ये अच्छा नहीं माना जाता है। इसके अलावा राखी बंधवाते वक्त भाई का मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना अच्छा माना जाता है




और पीठ पश्चिम या दक्षिण दिशा की ओर रखी। दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके राखी बांधना बिल्कुल भी ठीक नहीं है, क्योंकि दक्षिण दिशा में लंकेश पति रावण ने अपनी शूर्पणखा बहन से राखी बंधवाई थी। भद्रा काल में उसके एक साल के अंदर उनका सर्वनाश हो गया। तब से दक्षिण में लंका है। भारत के। और इसीलिए दक्षिण दिशा में राह में मुंह करके राखी बांधना भी अच्छा नहीं माना जाता और पश्चिम में भी सूर्य अंत होता है। सूर्यास्त होता है और इसीलिए पश्चिम दिशा में भी बैठकर राखी नहीं बांधना चाहिए। पूर्व दिशा में क्योंकि सूर्य उदय होता है, प्रकाश का आगमन होता है। इसलिए भाई के कलाई पर राखी बांधते वक्त भाई का मुंह पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। ध्यान रखें ध्यान ताकि भाई और बहन दोनों की जिंदगी में नए प्रकाश का नए उजाले का आगमन हो या उत्तर दिशा की ओर मुंह भी कर सके। ये भी अच्छा माना जाता है। राखी बांधने के बाद बहनें भाई के माथे पर चंदन कुमकुम व अक्षत से तिलक करें। इसके अलावा रक्षाबंधन के दिन सुबह अवसर पर अक्षर ज्ञान रखना। इस बात का कि भाई बहन किसी बात को लेकर लड़ाई झगड़ा ना करें। इस दिन एक दूसरे को भरा भूला भी नहीं करना चाहिए। मतलब बुरा भला भी नहीं कहना चाहिए जगह आर। इसके अलावा एक और बात का ध्यान रखें। बहनों की इस दिन के शिवगणों से कोई वस्त्र लगे रहना काटें। किसी दूसरे के सामने भी भाई और बहन की बुराई ना करें। दोनों एक दूसरे की बुराइयां ना करें और राखी मानकर जो भी चोटें जाएं आपकी बहन चाहे आप खुद आपके भाई उन छोटों को आशीर्वाद दें,



बड़ों के पैर छुए। लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद आपको जरूर देना चाहिए। चलिए सांप के साथ आए हुए मैं आपको रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त भी बता देता हूं। 11 अगस्त को रक्षाबंधन के दो अबूझ अटूट अत्यंत शुभ मुहूर्त रहेंगे और वो रहेंगे। एक दो अभिजीत मुहूर्त और एक विजय मुहूर्त रक्षाबंधन पर दोपहर 12:53 बजे तक 12:00 बजे से लेकर 12:53 बजे तक अभिजित मुहूर्त रहेगा। फिर दोपहर के वक्त 02:39 बजे से 03:32 बजे तक विजय मुहूर्त रहेगा। इन दो मुहूर्त में राखी बांधने तो बहुत ज्यादा सोच रहे होंगे। बाकी ढेर सारी शुभकामनाएं।   इस युद्ध को सब्स्क्राइब करके बेला को भी जरूर दबा देना ताकि आपको रोजाना के ताजा अपडेट्स और काम की खबरें तुरंत आपके मोबाइल पर मिलती रहेंगी। फेंकने के बाद जय हिंद जय भारत वंदे मातरम।



दोस्तो, रक्षाबंधन सिर्फ एक त्योहार ही नहीं बल्कि भाई और बहन के बीच रिश्ते को और भी ज्यादा मजबूत करने का पर्व है। भाई बहन के बीच के प्रेम का प्रतीक है। इस दिन बहनें राखी बांधकर उनकी सलामती और सुखमय जीवन की कामना करती हैं। साथ ही एक भावनात्मक जुड़ाव को और मजबूती प्रदान करती है। रक्षाबंधन का पर्व हर साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है और इस बार जैसा कि आपको बताऊंगा रक्षाबंधन 11 अगस्त को है। 11 अगस्त गुरूवार के दिन रक्षाबंधन तो है, लेकिन आपको कुछ महत्वपूर्ण बातें और नियमों को जरूर जान लेना चाहिए। इससे पहले कि आप अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधी सबसे पहला मन में आपके सवाल आ रहा होगा। दोस्ती की रक्षाबंधन की जो रक्षासूत्र उतारा राखी उसकी कितनी गांठें भाई की कलाई पर लगानी चाहिए क्योंकि अगर आप ज्योतिष के मुताबिक सही कांटे नहीं लगाते हो तो भाई की कलाई पर राखी बांधना अशुभ माना जाता है। इसके अलावा रक्षाबंधन से संबंधित कुछ और महत्वपूर्ण नियम हैं जो आपको जरूर ध्यान में रखनी चाहिए। जैसे कि कपड़े पहनने से संबंधित नियम रक्षाबंधन पर राखी बांधते समय किस दिशा में मुंह करके आपको खड़ा रहना चाहिए। ये कुछ छोटी छोटी बातें ध्यान में रखनी चाहिए। ये वाकई में बहुत ज्यादा पॉजिटिव प्रभाव डालती हैं। हिन्दू धर्म में वैसे तो हर त्योहारों को खास माना जाता है, मगर रक्षाबंधन एक बेहद ही महत्वपूर्ण पर्व है। ये भाई के प्रेम और रिश्ते को दर्शाता है। इस पर्व का इंतजार बहन और भाई दोनों को ही रहता है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती उनकी लम्बी आयु के लिए कामना करती है। ये



त्योहार भाई बहन के पवित्र रिश्ते, स्नेह और प्रेम का प्रतीक माना जाता है और ऐसे में सभी बहनों को अपने भाई की राखी बांधते बांधते कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए। सबसे पहले बात करें कि कितनी गांठें लगाएं रक्षा सूत्र बांधने आना तो आपको बता दूं। राखी पर तीन गांठें लगाना बेहद शुभ माना जाता है। राखी में जो तीनों गांठें लगाई जाती है, वह भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश को समर्पित मानी जाती है। साथ ही तीनों कांटों का अलग अलग महत्व भी है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक रक्षा बंधन पर जो तीन गांठें लगाई जाती है। इनका संबंध तो ब्रह्मा विष्णु महेश से है और कहा जाता है कि राखी की पहली गांठ भाई की लंबी उम्र के लिए होती है। दूसरी गांठ बहन की स्वयं की लंबी आयु के लिए होती है और तीसरी गांठ भाई और बहन दोनों के रिश्तों में मिठास लाने और सुरक्षित रखने के लिए मानी जाती है। ऐसे में राखी बांधते समय हमेशा तीन गांठे लगा तीन गांठे लगाना बेहद शुभ माना जाता है। कुछ और नियम रक्षाबंधन पर आपको जरूर पालन करना चाहिए। जैसे कि रक्षाबंधन के दिन भाई बहन को स्नान करने के बाद नए वस्त्र धारण करने चाहिए और जहां तक हो सके। पीले रंग के वस्त्र पहने या लाल कलर के वस्त्र पहनें। तो ज्यादा होता काले रंग के कपड़े आज के दिन न पहनें। साथ ही शुभ मुहूर्त में राखी बनवाते बनवाते भाई अपने सिर पर कोई रूमाल रख लें। मान्यता है कि खाली सिर करके राखी नहीं बनवानी चाहिए। ये अच्छा नहीं माना जाता है। इसके अलावा राखी बंधवाते वक्त भाई का मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना अच्छा माना जाता है


और पीठ पश्चिम या दक्षिण दिशा की ओर रखी। दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके राखी बांधना बिल्कुल भी ठीक नहीं है, क्योंकि दक्षिण दिशा में लंकेश पति रावण ने अपनी शूर्पणखा बहन से राखी बंधवाई थी। भद्रा काल में उसके एक साल के अंदर उनका सर्वनाश हो गया। तब से दक्षिण में लंका है। भारत के। और इसीलिए दक्षिण दिशा में राह में मुंह करके राखी बांधना भी अच्छा नहीं माना जाता और पश्चिम में भी सूर्य अंत होता है। सूर्यास्त होता है और इसीलिए पश्चिम दिशा में भी बैठकर राखी नहीं बांधना चाहिए। पूर्व दिशा में क्योंकि सूर्य उदय होता है, प्रकाश का आगमन होता है। इसलिए भाई के कलाई पर राखी बांधते वक्त भाई का मुंह पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। ध्यान रखें ध्यान ताकि भाई और बहन दोनों की जिंदगी में नए प्रकाश का नए उजाले का आगमन हो या उत्तर दिशा की ओर मुंह भी कर सके। ये भी अच्छा माना जाता है। राखी बांधने के बाद बहनें भाई के माथे पर चंदन कुमकुम व अक्षत से तिलक करें। इसके अलावा रक्षाबंधन के दिन सुबह अवसर पर अक्षर ज्ञान रखना। इस बात का कि भाई बहन किसी बात को लेकर लड़ाई झगड़ा ना करें। इस दिन एक दूसरे को भरा भूला भी नहीं करना चाहिए। मतलब बुरा भला भी नहीं कहना चाहिए जगह आर। इसके अलावा एक और बात का ध्यान रखें। बहनों की इस दिन के शिवगणों से कोई वस्त्र लगे रहना काटें। किसी दूसरे के सामने भी भाई और बहन की बुराई ना करें। दोनों एक दूसरे की बुराइयां ना करें और राखी मानकर जो भी चोटें जाएं आपकी बहन चाहे आप खुद आपके भाई उन छोटों को आशीर्वाद दें,



बड़ों के पैर छुए। लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद आपको जरूर देना चाहिए। चलिए सांप के साथ आए हुए मैं आपको रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त भी बता देता हूं। 11 अगस्त को रक्षाबंधन के दो अबूझ अटूट अत्यंत शुभ मुहूर्त रहेंगे और वो रहेंगे। एक दो अभिजीत मुहूर्त और एक विजय मुहूर्त रक्षाबंधन पर दोपहर 12:53 बजे तक 12:00 बजे से लेकर 12:53 बजे तक अभिजित मुहूर्त रहेगा। फिर दोपहर के वक्त 02:39 बजे से 03:32 बजे तक विजय मुहूर्त रहेगा। इन दो मुहूर्त में राखी बांधने तो बहुत ज्यादा सोच रहे होंगे। बाकी ढेर सारी शुभकामनाएं।

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