Congress President: खरगे का 80 पर होना, गांधी परिवार को सूट करता है, 'रिमोट' सिस्टम में फिट नहीं बैठे थरूर

 Congress President: खरगे का 80 पर होना, गांधी परिवार को सूट करता है, 'रिमोट' सिस्टम में फिट नहीं बैठे थरूर






कॉंग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के नतीजे आ चुके हैं और खड़गे को बड़ी बहुमत के साथ एकतरफा जीत मिली है। शशि थरूर को खड़गे ने छह हज़ार 825 वोटों से हराया। लेकिन इनकी जीत के तुरंत बाद राहुल गाँधी का जो एक बयान देखने को मिला वो बड़ा ही दिलचस्प बयान है। आइए देखते कि आख़िर कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव की जीत के बाद राहुल गाँधी ने क्या कहा? दरअसल आपको बताएगा कि इस बार कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव हुए। लगभग ये कई सालों बाद आखिरी बार कांग्रेस अध्यक्ष के लिए वोटिंग हुई। 


साल 1998 में यानि की लगभग 24 साल बाद गैर गाँधी परिवार का कोई अध्यक्ष मिला। कांग्रेस को बाकी इतने सालों से इन्हीं की फैमिली के परिवार मिल करके पार्टी चला रहे थे और इन्हीं के परिवार में डिसाइड कर लेते थे। 40 बार कॉंग्रेस अध्यक्ष कौन बनेगा। चलती बनी 4 में बनिया तो इस वजह से की कॉंग्रेस पार्टी काफी डाउन भी हुई। हमारे देश में भारतीय जनता पार्टी बीजेपी काफी बड़ी है। पिछले कुछ सालों में लेकिन इस बार कांग्रेस ने अपनी नई स्ट्रेटेजी लगाई और कॉंग्रेस अध्यक्ष के पद के लिए चुनाव आयोजित किए और बिना गाँधी परिवार के किसी व्यक्ति को कॉंग्रेस अध्यक्ष बनाने का निर्णय लिया और इसलिए वोटिंग भी कराई गई। लेकिन इस बार कोंग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में दो शख्स काफ़ी टक्कर में थे। एक तो मल्लिकार्जुन खड़गे और एक थे शशि थरूर। आखिरकार मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव जीत लिया और खड़गे कॉंग्रेस अध्यक्ष बनने वाले पी में नेता बन चुके। इस चुनाव के जीत के बाद और वही वे कॉंग्रेस अध्यक्ष बनने वाले दूसरे दलित नेता भी हैं। 


अध्यक्ष बनने वाले पहले दलित नेता थे और उनके बाद ये दूसरे दलित नेता है। आजादी के 75 साल में से 42 साल तक पार्टी की कमान गाँधी परिवार के पास ही रही और वहीं 35 साल तक पार्टी अध्यक्ष की बागडोर गाँधी परिवार से अलग नेताओं के पास रही है। इस बार कोंग्रेस सायद लोकसभा चुनाव दो हज़ार 24 को देखते हुए इस ये नयी स्ट्रेटेजी लगा रही है कि कोंग्रेस से शख्स गाँधी परिवार से बाहर के व्यक्ति को बनाया गया तो जैसे चुनाव के नतीजे आते हैं। केट के तुरंत बाद शशि थरूर ने भी खड़गे को बधाई दी और अपना साथ देने वालों को धन्यवाद दिया। इसके साथ ही वे खड़गे से मिलने के लिए उनके दिल्ली स्थित आवास भी पहुंचे। 


हालाँकि उनके करीबी लेकिन एजेंट सलमान सोज ने वोटिंग में धांधली का आरोप भी लगाया था और चुनाव में अनियमितताओं को लेकर राहुल गाँधी ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये बयान दिया। बोले की मसला कोंग्रेस इलेक्शन कमिटी ने मधुसूदन मिस्त्री के सामने रख दिए गए है और वो ही फैसला लेंगे। राहुल ने वोटों की गिनती के बीच ही खड़गे की जीत की बात भी कह दी थी। जब उनसे पार्टी में रोल के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि खड़गे जी से ही पूछिए अब वही तय करेंगे। यानि की कोंग्रेस अध्यक्ष पद के लिए जैसे ही शशि थरूर हारते हैं और मल्लिकार्जुन खड़गे को जीत मिलती है। राहुल गांधी ने कहा कि अगर मेरा रोल भी खड़गे जी ही तय करेंगे। दरअसल लोगों को ये लग रहा था की भले ही कोंग्रेस पार्टी इस बार अध्यक्ष के चुनाव करवा रही है, लेकिन हर बार की तरह मतलब इस बार भी अध्यक्ष का एक्चुअल मैनेजमेंट जाना अब कांग्रेसी नेता ही देखेंगे। 


मन्तव्य तो सोनिया गाँधी, प्रियंका गांधी, राहुल गांधी जो गाँधी परिवार से हैं वो ही कोंग्रेस पार्टी को मैनेज करेंगे। वही कांग्रेस पार्टी की लीडरशिप करेगी। भले ही नेता किसी और को बनाया जा रहा। इस बार लोगों को ये लगना था, लेकिन राहुल गाँधी के इस बयान से ये लगता है कि मानो अब कोंग्रेस पार्टी बदलने वाली है। राहुल बोले कि अब तो मेरा रोल भी खडगे जी ही तय करेंगे। बाकी मतलब पहले ऐसा लग रहा था की जो कोंग्रेस अध्यक्ष चुनाव के दौरान नियुक्त किया जाना वो एक कठपुतली की तरह होगा और जो कोंग्रेस के गाँधी परिवार के जो मेन कार्यकर्ता लीडर है, उन्ही के नचाया नाच पर नाचेगा क्योंकि कठपुतली का मतलब तो आप समझ गए होंगे कि नाम मात्र के लिए उनको पद पर बिठा दिया जाएगा और बाकी जो भी मैनेजमेंट है जो भी डिसीजन मेकिंग पावर है वो कांग्रेस पार्टी के गाँधी परिवार के लोगों के हाथ में रहेगी। लेकिन राहुल गांधी के इस बयान से इस बार ऐसा बिलकुल नहीं लगता है।


इस नए अध्यक्ष के सलेक्शन के साथ ही हम सभी की तरफ़ से भी मल्लिकार्जुन खड़गे को ढेर सारी बधाईयां। कोंग्रेस पार्टी का नया अध्यक्ष बनाने के लिए और अब बड़ा ही राजनीती में आपको दिलचस्प उतार चढ़ाव देखने को मिलेगा और ये बात जरूरी भी है। दोस्तों के न के देखा जाए तो विपक्ष की पार्टी का मजबूत होना भी जरूरी है। आजकल आपको बता का भारतीय जनता पार्टी काफी ज्यादा ऊपर उठ चुकी है। और कॉंग्रेस तो लगभग खात्मे की ओर है, लेकिन विपक्ष जब मजबूत होता है न तो जो सत्ता में अभी पार्टी होती है न उस पार्टी की कमियां विपक्ष लोगों के सामने बताता रहता है और विपक्ष जरूरी है ताकि बीजेपी भी बेहतर परफॉर्म कर पाए ताकि बीजेपी की गलतियां कोंग्रेस लोगों के सामने ला सकें। तो कहने का मतलब देखा जाए तो अपोजीशन कम्पल्सरी होता है। डेवलपमेंट में ग्रोथ मेडलिस्ट। देश के विकास के लिए भी तो ये वक्त ही बताएगा कि आखिर साल दो हज़ार 24 के चुनाव की रणनीति नए अध्यक्ष के साथ कोंग्रेस पार्टी किस डायरेक्शन में करती है और क्या क्या इसे डीजीएस फॉलो कर रही है? वापस अपनी पार्टी को मजबूत बनाने के लिए इसी तरह की ब्रेकिंग न्यूज हेडलाइंस में से अपडेट देखते रहने के लिए हमारे चैनल इंडिया न्यूज को सब्सक्राइब करके ब्लैकवुड दवा दी। 

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