Why the case was filed in the court for reopening the 22 closed houses of Taj Mahal ताजमहल के बंद पड़े 22 घरों को फिर से खोलने पर कोर्ट में केस क्यों दर्ज किया गया?

 Why the case was filed in the court for reopening the 22 closed houses of Taj Mahal ताजमहल के बंद पड़े 22 घरों को फिर से खोलने पर कोर्ट में केस क्यों दर्ज किया गया?


वाराणसी में भी ज्ञानवापी परिसर का मामला शांत भी नहीं हुआ था और अब ताज महल को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा होता दिख रहा है। अब ताज महल के बंद 22 कमरों को खुलवाकर जांच करने की मांग की गई है। आपको बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में ये याचिका दायर की गई है कि ताज महल के बंद कमरों को खुलवा कर आर्किलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से जांच करवाई जाए। इस याचिका में कहा गया है कि फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाकर आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया इस मामले में अपनी रिपोर्ट दे।


 इस याचिका में दावा किया गया है कि ताज महल के इन बंद कमरों में हिन्दू देवी देवताओं की मूर्तियां हैं। याचिका में कहा गया है कि आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया पहले इन कब्रों को खुलवाएं और फिर उनकी जांच करके रिपोर्ट दे। अयोध्या में बीजेपी के प्रभारी ने इस याचिका को दायर किया है। आपको याद दिला दें कि इससे पहले भी ये मामला सुर्खियों में रहा है। अप्रैल 2 हज़ार 15 में आगरा जिला अदालत के छह वकीलों ने एक याचिका दाखिल की थी। इस याचिका में कहा गया था कि ताज महल एक शिव मंदिर था और इसे तेजो महालय के नाम से जाना जाता था। उस याचिका के जरिए हिन्दुओं को परिसर के अंदर पूजा की इजाजत देने की मांग की गई थी।


 मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केन्द्र सरकार केन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय, गृह सचिव और आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया से जवाब मांगा था। इसी के बाद संस्कृति मंत्रालय ने नवम्बर दो हज़ार 15 के दौरान लोकसभा में ये साफ किया था कि ताजमहल की जगह मंदिर होने के कोई सबूत नहीं मिले हैं। आर्किलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि ताजमहल एक इस्लामिक ढांचा है। बृजेश सिंह बीबीएयू, अवेलबल कौन। गूगल प्ले स्टोर डाउनलोडेड नाम।


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