Up Bakra Eid Rules: बकरीद पर यूपी में 28260 मस्जिदों-ईदगाहों पर नमाज. 11 जिले अतिसंवेनशील चिन्हित Yogi Adityanath

 Up Bakra Eid Rules: बकरीद पर यूपी में 28260 मस्जिदों-ईदगाहों पर नमाज. 11 जिले अतिसंवेनशील चिन्हित Yogi Adityanath




एक खबर का आज बकरीद पर कानून व्यवस्था के लिए यूपी सरकार का राजधानी लखनऊ। बकरीद को लेकर शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने और पूजा पर रोक नहीं लगाई गई है। सार्वजनिक जगहों पर कुर्बानी और तेज लाउडस्पीकर पर रोक लगाई गई है। जेल का रास्ता दिखाया जाएगा और यह बकरीद को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। आपको बतादें बकरीद पर यूपी में 28,207 मस्जिदों में नमाज पढ़ने के लिए। 


आपको बता दें कि भारत के 11 में से 11 जिले चिन्हित किए गए हैं। 1500 थाना क्षेत्रों में दो हज़ार 167 तत्काल संवेदनशील घोषित किए गए हैं और केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती भी की गयी है। साथ ही पुलिस मुख्यालय से विशेष सतर्कता व्यवस्था बनाये रखने के लिए दो हज़ार 422 पत्र बांटे जा चुके हैं और पंजाब शौचालयों रिस्पांस टीम की भी तैनाती की गई है और पीएसी के 152 कंपनी से दो मांग भी की गई है और ये सुरक्षा व्यवस्था को ले कर देखते हुए ही इंतजाम किये गये हैं।


 यूं देखा तो त्योहारों का मौसम शुरू हो रहा है और ऐसे में योगी सरकार ने कमर कस ली है। कांवड़ यात्रा और बकरीद के मद्देनजर एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं। योगी ने साफ कर दिया है कि त्योहार के मौसम में किसी तरीके की कोई टकराव की स्थिति न पैदा हो। सीएम ने बुधवार को प्रदेश की कानून व्यवस्था की समीक्षा करते हुए कहा कि बकरीद श्रावण मास कांवड़ यात्रा समेत आने वाले त्योहारों के मद्देनजर सतर्क और सावधान रहना होगा। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि पक्षपात पूर्ण बयान जारी करने वालों के साथ कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति के साथ पेश आएं और माहौल खराब करने की कोशिश करने वाले अराजक तत्वों के साथ पूरी कठोरता की जाए।


 सीएम योगी का कहना था कि मुस्लिम धर्मगुरूओं की तरफ से घोषित 10 जुलाई को बकरीद मनाई जाएगी। उन्होंने बकरीद पर कुर्बानी के लिए पहले से जगह की पहचान पर जोर देते हुए कहा कि तय स्थान के अलावा कहीं भी और खासकर विवादित जगहों पर कुर्बानी नहीं होनी चाहिए। [ बकरीद के दिन। कुर्बानी क्या होगी और सार्वजनिक अस्पताल नहीं होगा जो निर्धारित अस्पताल और पहले से चली आ रही वही पर होगा। हम सुनिश्चित करें। आसपास कोई सवार कोई चौराहा या कोई ऐसा सार्वजनिक पार्क या कोई पब न हो, जहां को लेकर के अनावश्यक विवाद हो। और कुर्बानी के बाद जो भी वहां पर सॉलिड वेस्ट पड़ा हो, उन सबको निस्तारण करने की भी व्यवस्था की जानी चाहिए। चाहे वहां क्या करें चाहे वह नगर निकाय या पंचायती राज विभाग से जुड़े वे लोग करें। इस सब व्यवस्था को पहले से सुनिश्चित होना चाहिए कि कुर्बानी के तत्काल बाद उसकी सफाई की व्यवस्था भी हो जाए, जिससे गंदगी न होने पाए और वह जो सॉलिड वेस्ट का डालेंगे। वह एक ऐसी जगह रखना चाहिए, जहां बस्ती से दूर हो।


 यह तो बहुत तेज बदबू करेगा। उसके बाद तमाम प्रकार की बीमारियां और अन्य संक्रामक बीमारियां वहां पर होने के खतरे होते हैं। इन चीजों को सुनिश्चित करेंगे उसको पानी में बहाएंगे भी नहीं। योगी ने कांवड़ यात्रा को लेकर भी बात की। उनका कांवड़ियों को लेकर भी कहना था कि जो रहे उनके लिए निर्धारित किया जाएगा, उसी रूट पर वो जाएं। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भी कोई भी शरारती तत्व किसी तरीके की कोई अप्रिय हरकत करने की कोशिश ना करे। मेरठ में कांवड़ यात्रा के रूट पर न हो अच्छा होगा। अनावश्यक उसके कारण उत्तेजना पैदा हो सकती है या उस रूट पर कोई ऐसा कार्य न होने पाए क्योंकि कभी कभी लोग शरारतन कर देते हैं। उस पर ही किसी प्रतिबंधित पशु को मार करके फेंक देते हैं, जिससे लोग उत्तेजित हो सकें क्योंकि जो शरारती तत्व है वो हर प्रकार का संभव प्रयास करेंगे। हमें उसके प्रति सतर्कता बरतनी चाहिए।



 ऐसे ही वहां तो कार्यक्रम जो भी हो परंपरागत तरीके से हो। कुर्बानी प्रतिबंधित स्थलों पर न हो या कांवड़ यात्रा भी परम्परागत रूप से ही गैर परम्परागत रूप से हटकर जाने की परमिशन हम पहनावें और पहले से हम सब के साथ सब बात बना लें कि जबरदस्ती जोरों कई अवसरों पर जाने का कोई भी प्रयास न करें।

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