Chhath Puja 2022 Time: छठी मैया को भूलकर भी 3 चीजें कभी मत चढ़ाना घोर पाप लगता है ऐसी पूजा

 Chhath Puja 2022 Time: छठी मैया को भूलकर भी 3 चीजें कभी मत चढ़ाना घोर पाप लगता है ऐसी पूजा




 अगर आप सच में छठी मैया की कृपा पाना चाहते हैं तो कमेंट बॉक्स में लिखे जय हो। छठी मैया की छठी मैया का आखिरी बाद पवन आपके परिवार पर सदय बना रही। मां के लिए एक लाइक तो बनता है। दोस्तो, छठ पूजा में छठी मैया को ये तीन चीजें कभी मत चढ़ाना भूलकर भी ऐसी छठ पूजा कभी मत करना घोर पाप लगता है और व्रत टूट जाता है। छठी मैया क्रोधित हो जाती है। दोस्तो, आगे बढने से पहले हमारे चैनल को जरूर सब्सक्राइब करें और इस बेल आईकन को दबाना न भूलें। दोस्तो, हिंदी पंचांग के अनुसार छठ हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी यानी षष्ठी तिथि पर मनाया जाता है। ये हमेशा दीपावली के छह दिन बाद पड़ता है जो नहाय खाय की परंपरा से प्रारंभ होता है। यह व्रत करने वाले व्रतधारी 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखते हैं। जिसके बाद छठी मैया की आराधना और सूर्य को अर्घ्य देने के बाद इस व्रत का समापन किया जाता है। दोस्तो सबसे पहले हम यह जानते हैं कि ऐसी कौन सी महिलाएं हैं जिन्हें छठ पूजा नहीं करनी चाहिए। लगता है घोर पाप और व्रत टूट जाता है। छठ मैया क्रोधित हो जाती हैं।


दोस्तो छठ पूजा का ब्रत ऐसी महिलाएं गलती से भी न रखें। अन्यथा आपकी संतान की मृत्यु हो सकती है। पति पर भारी संकट आ सकती है। उल्टा आप पाप का भागीदार बन सकती हैं। ऐसी महिलाएं छठ पूजा से नहीं दूर। दोस्तो, कार्तिक मास की सृष्टि को छठी मनाई जाती हैं। छठे दिन पूजी जाने वाली षष्ठी को बिहार में आसान भाषा में छठी मैया कहकर पुकारती हैं। मान्यता है कि छठ पूजा के दौरान पूजी जाने वाली ये माता सूर्य भगवान की बहन हैं। इसीलिए लोग सूर्य को अर्ध्य देकर छठ मैया को प्रसन्न करते हैं। वहीं पुराणों में मां दुर्गा के छठे रूप कात्यायनी देवी को भी छठ माता का ही रूप माना जाता है। छठ मैया को संतान देने वाली माता के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि ये पर्व संतान के लिए ही मनाया जाता है। खासकर वो जोड़ी जिनकी संतान की प्राप्ति नहीं हुई है तो वो छठ का व्रत रखती हैं। वहीं सभी अपने बच्चों की सुख शांति के लिए छट मनाती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कुछ ऐसी महिलाएं भी हैं जिनकी छठ पूजा का व्रत गलती से भी नहीं रखना चाहिए। यह सबसे बड़ा घोर पाप माना जाता है। महिलाएं ऐसी गलती कभी न करें। तो चलिए जानते हैं। दोस्तो, शास्त्रों के अनुसार जो लोग अधूरी शादी करते हैं वो शास्त्र का अपमान करती हैं। अधूरी शादी जैसे की कोर्ट मैरिज और शादी के बिना ही संतान की उत्पत्ति कर देना सबसे बड़ा पाप है। ऐसे में छठ पूजा का व्रत ऐसे लोगों को अपनी संतान के लिए कभी नहीं रखना चाहिए। क्योंकि आप ने हिन्दू रीति रिवाजों के अनुसार सात फेरे नहीं लिए। 


ही और वही दिन शादी के। जब ऐसे लोग साथ में रहते हैं तो समाज में ऐसा रिश्ता कलंकित होता है। इसीलिए ऐसी स्त्री किसी भी धार्मिक कार्य में तभी ही सफल बात शामिल हो सकती है जब वो अग्नि के साथ पूरी लीली। ऐसी शादी को ही शास्त्रों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। ऐसे में अगर आपकी अधूरी शादी है तो आप छठ पूजा कभी न करें। आप के ऐसा करने से छठी मैया का अपमान माना जाएगा और आप को पाप लग सकता है। दोस्तो, शास्त्रों के अनुसार इस व्रत को सच्चे मन से रखना चाहिए। अगर कोई महिला शौक में यानी बेमन से इस व्रत को रखती है तो उसके पति या संतान की मृत्यु या उन पर कष्ट आसक्ति ही सच्ची श्रद्धा के साथ छठ पूजा का व्रत रखना चाहिए। इस व्रत के सफल होने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। संतान तो कष्ट कभी नहीं आती। छठी मइया करती है। रक्षा घर परिवार होता है। खुशहाल। छठ पूजा करने से सैकड़ों यज्ञ के फल की प्राप्ति होती है। परिवार में सुख समृद्धि धन की प्राप्ति होती है। छठी मैया की पूजा से ही सभी मनोकामनाएं होती हैं पूरी। दोस्तों। वहीं कुंवारी कन्याएं और पुरुष भी छठ पूजा कर सकते हैं। छठ पूजा का फल कई गुना प्राप्त होता है। इससे व्यक्ति की। सभी पाप खतम हो जाती और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। छठ पूजा का व्रत पूरा करने से ही स्वयं छठी मैया आपके पूरे घर की रक्षा करती है।

दोस्तो, अब ये भी जान लेते हैं कि छठ मैया को ऐसी कौन सी तीन चीजें हैं जो नहीं चढ़ानी चाहिए। भयंकर पाप लगता है दोस्तों नंबर एक। सूर्य भगवान को अर्ध्य देने के लिए तांबे का लोटा ही प्रयोग करें। लेकिन भूलकर भी चांदी, स्टील, शीशा और प्लास्टिक के बर्तन से अर्घ्य नहीं देना चाहिए। इससे व्रत टूट सकता है दोस्तों नंबर दो। व्रत के दौरान घर में कभी भी मांसाहार न बनाएं और न ही परिवार में किसी को खाने दें। साथ ही साथ व्रत के दौरान घर में मदिरा आदि या दूर्वा पान भी नहीं करना चाहिए। दोस्तों नंबर तीन छठी मैया का प्रसाद बहुत ही शुद्धता के साथ बनाया जाता है। उनका प्रसाद हमेशा ऐसे चूल्हे पर बनाएं जिसे ताजा लीपा गया हो। यदि गैस पर बना रहे हों तो गैस स्टोव को अच्छी तरह से धो लें। पहले से बने चूल्हे पर कभी प्रसाद न बनाएं। इसके लिए नया चूल्हा ही बनाएं। दोस्तों नंबर चार। सूर्य को अर्घ्य देने से पहले कभी भी भोजन ग्रहण न करें। घोर पाप लगेगा। व्रतधारी लोगों को पहले और दूसरे दिन सूर्य को जल देने के बाद ही भोजन करना चाहिए। नंबर पाँच छठी मइया से मांगी मन्नत अगर पूरी हो जाए तो आपको अपनी मन्नत को पूरा होने की विशेष पूजा जरूर करनी चाहिए। अन्यथा मैया के प्रकोप का सामना करना पड़ सकता है। नंबर छह घर में प्याज और लहसुन का प्रयोग इन चार दिनों तक भूलकर भी न करें। इससे जीवन में आपको बहुत बुरे दौर से गुजरना पड़ सकता है। इस समय लहसुन प्याज बगैरह से दूरी बना ली। दोस्तों नंबर सात छठ का व्रत करने वालों को जमीन पर चार दिन तक सोना चाहिए। छठ पूजा वाले कमरे में ही अपना आसन लगाना चाहिए। 


ऐसे में आपको छठ मैया का ध्यान करते रहना चाहिए। इससे न आपके व्रत को संपूर्ण करती है और कोई भी लेकिन बाधा नहीं आती। नंबर आठ जिस जगह पर प्रसाद बन रहा हो, वहां साधारण भोजन भी नहीं बनाना चाहिए। साथ ही साथ उस स्थान पर खाना भी वर्जित है। दोस्तों नंबर नौ प्रसाद बनाते हुए नमक का हाथ भी किसी पूजा के वस्तु या प्रसाद से नहीं होना चाहिए। दोस्तों नंबर 10 पूजा के दौरान अपनी वाणी को बुरी बातों से थोड़ा दूर रखें। जुबान पर गंदे विचार भी नहीं लाना चाहिए। छठी मइया का आशीर्वाद पाने के लिए मन में गंदे विचार नहीं लाने चाहिए। दोस्तों नंबर 11 घर में पूजा के दौरान जूठे बर्तन और गंदे कपड़ों का ढेर बिल्कुल नहीं होना चाहिए। इससे छठी मैया क्रोधित हो जाती है और व्रत टूट जाता है। छठी मैया को साफ सफाई बहुत पसंद है। व्रत के दौरान अपने घर को साफ सुथरा रखें और गंगा जल से छिड़काव अवश्य कर लें। इससे पूरा घर पवित्र हो जाता है और छठी मैया का आशीर्वाद प्राप्त हो जाता है।

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